बिलवासी वासी जी ने लोटे को अकबरी लोटा कहकर अंग्रेज को गुमराह क्यों किया? - bilavaasee vaasee jee ne lote ko akabaree lota kahakar angrej ko gumaraah kyon kiya?

बिलवासी जी ने लोटे को अकबरी लोटा कहकर अंग्रेज़ काे गुमराह क्यों किया?

  • वे अंग्रेज़ और झाऊलाल की लड़ाई नहीं होने देना चाहते थे।
  • वे सोच रहे थे शायद लोटे खरीद कर अंग्रेज़ झाऊलाल को धन देकर उनकी परेशानी कम कर दे।
  • वे मन ही मन अंग्रेज़ को मूर्ख बनाकर प्रसन्न भी हो रहे थे।
  • वे मन ही मन अंग्रेज़ को मूर्ख बनाकर प्रसन्न भी हो रहे थे।


B.

वे सोच रहे थे शायद लोटे खरीद कर अंग्रेज़ झाऊलाल को धन देकर उनकी परेशानी कम कर दे।

514 Views


“अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया।”
उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?


अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया’- ये शब्द लेखक ने लोटे के लिए कहे हैं क्योंकि लोटा उल्का की गति से भी तीव्र गति से नीचे की ओर गिरा था।
उल्का-उल्काओं का निर्माण चट्टानों के छोटे-छोटे कणों से होता है। ये छोटी-बेटी आकृतियाँ मंगल और बृहस्पति ग्रह के मध्य घूमती हैं। ये घूमते-घूमते कई बार पृथ्वी के वायुमंडल में प्रविष्ट हो जाती हैं और घर्षण से जल कर राख हो जाती हैं। उनके जलने पर एक विशेष प्रकार की चमक उत्पन्न होती है। लोग इसे टूटता तारा समझते हैं।

ग्रहों और उल्काओं में समानताएँ-
1. दोनों सूर्य के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते हैं।
2. दोनों में चट्टानों के कणों का मिश्रण पाया जाता है।

असमानताएँ-
1. ग्रह अपनी धुरी पर घूमते हैं जबकि उल्काओं की कोई निश्चित धुरी नहीं होती।
2. ग्रह सूर्य कै इर्द-गिर्द शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण की वज़ह से घूमते हैं जबकि उल्काओं का सूर्य के प्रति गुरुत्वाकर्षण बहुत कम होता है।
3. ग्रहों का आकार बड़ा होता है जबकि उल्काओं का बहुत छोटा।

1644 Views


बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।


बिलवासी जी के दिमाग में न जाने क्या आया कि उन्होंने लोटे की कथा को समाप्त करने हेतु व अंग्रेज़ काे चुप करवाने के लिए लोटे को ऐतिहासिक लोटा बता दिया। उसका नामकरण भी ‘अकबरी लोटा’ कहकर कर दिया।
अंग्रेज़ पहले से ही पुरानी चीजें खरीदने का शौकीन था। जब उसे यह पता चला कि जब हुमायूँ शेरशाह से हारकर सिंध के रेगिस्तान में मारा-मारा फिर रहा था तो एक दिन उसे प्यास लगने पर एक ब्राह्मण ने इसी लोटे से पानी पिलाया था और बाद में अकबर को जब यह बात मालूम हुई तो उसने इस लोटे को दस सोने के लोटे देकर उस ब्राह्मण से लिया। इसी कारण इसका नाम ‘अकबरी लोटा’ है। यह सुनकर अंग्रेज़ लोटा खरीदने हेतु लालायित हो उठा और उसने पाँच सौ रुपए मैं उसे खरीद लिया। लालाजी को तो अपनी पत्नी को देने के लिए ढाई सौ रुपयों की जरूरत थी जबकि बिलवासी जी ने उन्हें पाँच सौ रुपए थमा दिए।

755 Views


अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज़ के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए।


कहानी बनाने हेतु संकेत बिंदु:

1. नई कक्षा में प्रवेश।
2. बच्चों का खुश होना।
3. कक्षा की अलमारी की सफाई करना।
4. एक चार्ट का मिलना।
5. चार्ट खोलते ही उसमें बने भूत के चित्र की लाल-लाल आँखें चमकना।
6. बच्चों का डर जाना।
7. कक्षा से बाहर भागना।
8. अध्यापक का आना।
9. चार्ट को खोलना।
10. फिर आँखें चमकना।
11. चार्ट को उल्टा करना।
12. विज्ञान का प्रयोग कि तार जोड़ने पर विद्युतपथ का पूरा होना और बल्ब का जलना।
13. अध्यापक का हँसना।
14. बच्चों का लजाना।
15. कक्षा में वापिस आना।

866 Views


“लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।” लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।


लाला झाऊलाल छत पर टहल रहे थे। कुछ प्यास लगने पर उन्होंने नौकर को पानी के लिए आवाज़ दी। नौकर के न होने पर उनकी पत्नी उनके लिए स्वयं पानी लेकर आई। वह पानी एक बेढंगे से लोटे में लाई जो लाला को जरा भी पसंद न था लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी को कुछ न कहा क्योंकि वे अपनी पत्नी की इज़्ज़त करते थे बिना वजह उसे टोकना नहीं चाहते थे। दूसरा वे पत्नी के तेज़-तर्रार स्वभाव को भी जानते थे वे सोचने लगे कि यदि मैंने लोटे के बारे में कुछ कह दिया तो खाना बाल्टी में ही खाना पड़ेगा। इसलिए वे चुप रहे।

1746 Views


“लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया” आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी?


दो और दो जोड़कर स्थिति समझना-अर्थात् परिस्थिति को भाँप जाना। जब लालाजी के हाथों से लोटा गिरने के बाद आँगन में भीड़ एकत्रित हो गई और एक अंग्रेज़ नखशिख तक भीगा हुआ लोटा हाथ में लिए गालियाँ देता हुआ आ रहा था, तो लाला ने परिस्थिति का अनुमान लगा लिया कि कुछ गड़बड़ हो गई है।
इस प्रकार लालाजी दो प्रमुख बातें समझ गए कि लोटा अंग्रेज़ को लगा है और वह अब उनसे लड़ने आया है।

830 Views