मुख्यपृष्ठनोट्सहिंदी शिक्षण के उद्देश्य क्या है राष्ट्रीय के पूर्ननिर्माण के कार्य में भाषा शिक्षण का विशेष महत्व है भाषा के माध्यम से ही छात्र ज्ञान विज्ञान के अनेक विषयों का अध्ययन करते हैं यदि छात्र का भाषा पर अधिकार नहीं होगा तो वह ज्ञान के क्षेत्र में प्रगति नहीं कर पाएगा। भाषा ही हमारे चिंतन का आधार भी है किसी भी जन तंत्र की सफलता उसके नागरिकों के चिंतन पर ही निर्भर करती हैं भारतीय गणराज्य में 9 राज्यों में छात्रों की मातृभाषा हिंदी है और अन्य राज्यों में इसका स्थान द्वितीय भाषा का है जिन राज्यों में मातृभाषा
के रूप में हिंदी का व्यवहार होता है वहां के लोगों का या विशेष कर्तव्य है कि वे छात्रों के भाषा ज्ञान को बढ़ाएं तथा हिंदी भाषा पर अधिकार करने में उनकी सहायता करें। ३. सृजन हिंदी शिक्षण के सामान्य उद्देश्य १. बच्चों को शुद्ध बोलने तथा शुद्ध लिखने का ज्ञान देना। ३. दूसरों की लिखी हुई भाषा एवं होली हुई भाषा को समझने की योग्यता उत्पन्न करना। विद्यालय स्तर पर हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य विद्यालय स्तर पर हिंदी भाषा के उद्देश्य को तीन भागों में बांटा गया है - I. प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण के उद्देश्य (कक्षा 1 से 5) :- प्राथमिक स्तर से ही बच्चों को मातृभाषा की औपचारिक शिक्षा आरंभ होती हैं अतः प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण के निम्नलिखित उद्देश्य हैं - II. माध्यमिक स्तर पर हिन्दी शिक्षण के उद्देश्य :-कक्षा 6 8 तक की शिक्षा को उच्च प्राथमिक शिक्षा कहा जाता है प्राथमिक स्तर के बच्चों को भाषा के व्याकरण का ज्ञान कराना चाहिए तथा इसके साथ ही साहित्य से भी परिचित कराना चाहिए अतः इस स्तर पर भाषा शिक्षण के निम्नलिखित उद्देश्य होनी चाहिए - ४. छात्रों में उचित ध्वनि प्रवाह एवं धैर्य के साथ कौशल का विकास करना। III. उच्च माध्यमिक स्तर पर हिंदी शिक्षण के उद्देश्य कक्षा 9 से 10 को उच्च माध्यमिक या माध्यमिक शिक्षा भी कहा जाता है इस स्तर तक भाषा का पर्याप्त ज्ञान हो जाता है मध्यमिक शिक्षा अधिकतर बच्चों की पूर्ण शिक्षा होती है इसीलिए इस स्तर पर बच्चों को भाषा के व्यवहारिक
प्रयोग में समर्थ या निपुण बना देना चाहिए। साहित्यिक भाषा का भी ज्ञान करा देना चाहिए इसके अतिरिक्त उन्हें व्याकरण का अभी व्यवस्थित ज्ञान करा देना चाहिए। एवं उच्च संप्रेषण कौशल विकसित कर देना चाहिए अतः इस दृष्टि से इस स्तर पर भाषा शिक्षण के निम्नलिखित उद्देश्य होने चाहिए। भाषा शिक्षण के लक्ष्य क्या है?भाषा शिक्षण के अध्यापक को भाषा के इस मानक रूप को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए | किसी भी भाषा के विकास को उसके साहित्य में प्रयुक्त शब्दों के माध्यम से समझ सकते हैं। किसी भी भाषा का इतिहास उस संस्कृति व सभ्यता का इतिहास होता हैं ।
भाषा शिक्षण के प्रमुख उद्देश्य कितने प्रकार के हैं?जब कोई भाषा- भाषी संप्रेषण के लिए भाषा सीखता है तो उसके अपने अलग उद्देश्य होते हैं इसी प्रकार जब किसी राजनैतिक कारण से भाषा को सीखा-सिखाया जाता है तब उसके उद्देश्य बदल जाते हैं क्योंकि संप्रेषण के लिए भाषा सीखने का अर्थ है अपने विचारों से दूसरों को अवगत कराना और दूसरों के विचारों को जानना जबकि राजनैतिक कारणों से भाषा ...
कौशलात्मक उद्देश्य क्या है?किसी काम के बारे में यह जानना कि वह 'क्या' है और यह जानना कि वह 'कैसे' किया जाता है, ये दोनों चीजें कौशलात्मक ज्ञान में अलग-अलग होती हैं । किसी चीज के बारे में यह जानना कि वह क्या है और यह जानना कि वह कैसे किया जाता है, इनमें एक रिश्ता भी है।
भाषा शिक्षण में दो दृष्टिकोण क्या हैं?भाषा-शिक्षण संबंधी इस पाठ्यक्रम को दो भागों में बाँटा गया है। पहले भाग से संबंधित प्रस्तुत पुस्तक में पाँच इकाइयाँ हैं जिनमें भाषा की प्रकृति और भूमिका, भारत में भाषाओं की स्थिति, भाषा शिक्षण पर एक दृष्टि, भाषायी व्यवहार और व्यवस्था, भाषायी कौशलों का विकास संबंधी समझ बनाने पर बल है।
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