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पशुओं में फूल दिखाने की समस्या का यूं करें समाधान

सूरजमुखी उत्पादक दें ध्यान

जनवरी के दूसरे पखवाड़े में कर सकते हैं सूरजमुखी बिजाई

घरेलू उपचार से निदान

पशुओंमें प्रोलेप्स या फूल दिखाना घातक समस्या है। आज कल पशुओं के ब्यांत पड़े हुए हैं। बहुत से पशुओं में प्रोलेप्स की समस्या शुरू हो जाती है। कई बार तो यह समस्या पशु की जान भी ले लेती है। ब्याने वाली भैंस, गाय में गर्भाश्य बच्चे समेत बाहर जाए तो पशु काे बचाना संभव नहीं हो पाता। प्रोलेप्स ब्याने से पहले ब्याने के बाद होता है। कारण: ब्याने से पहले प्रोलेप्स गायों की अपेक्षा भैंसों में अधिक होता है। यह पशु के अंतिम गर्भकाल समय में अधिक होता है। पशु के पेट में पल रहे बच्चे की नाल से इस्ट्रोजन हार्मोंन ज्यादा निकलना शुरू हो जाता है। जिसकी वजह से पैल्विक लिग्यामेंट ढीले हो जाते हैं।

पछेती बिजाई के लिए किसान एमएसएचएफ-17, पीएसी-1091, सनजीन-85, प्रोसन-09, एचएसएफएच-848 उपयुक्त हैं। कम्पोजिट किस्मों का 4 केजी संकर किस्मों का 1.5 से 2.0 केजी बीज प्रति एकड़ 4-6 घंटे पानी में भिगोकर कतारों में 45 सेंटीमीटर, पौधों में 30 सेंमी. के फासले पर 3-5 सेमी गहराई पर बोएं।

पशुपालक यूं कर सकते हैं बचाव

इसबीमारी में घरेलू उपाय उपचार से भी अधिक कारगर हैं। पशु को ऐसे स्थान पर बांधे कि जिससे कि उसका पीछे का हिस्सा ऊपर रहे। रात के समय पशु को भरपेट चारा दें। पशु को 24 घंटे निगरानी में रखें। अगर फूल दिखाए तो ठंडे पानी में लाल दवाई डालकर उसे साफ कर चढ़ाएं। एक कप देशी करेले की बेल का रस हर रोज पिलाना पशु के लिए फायदेमंद है। इस बीमारी में हर्बल पाउडर बी लेप्स के 100 ग्राम की पुड़िया, 250 ग्राम बेसन 150 ग्राम सरसों के तेल में देने से अच्छा परिणाम आता है। पशुओं को इस बीमारी में सत्यानाशी के बीज दें, इससे गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो सकती है।

वेजाइनल प्रोलेप्स चार

तरह का होता है

प्रथमडिग्री प्रोलेप्स : इसप्रोलेप्स में जब पशु बैठता है तो थोड़ा सा फूल दिखाई देता है।

द्वितीयडिग्री प्रोलेप्स: इसमें पशु बार बार फूल दिखाना शुरू कर देता है। ऐसा वेजाइनल इरीटेशन से होता है।

तृतीयडिग्री प्रोलेप्स: इसप्रोलेप्स में वेजाइना के साथ सर्विक्स भी शामिल हो जाती है। पशु को गर्भपात भी हो सकता है। इस प्रोलेप्स में मूत्र ब्लैडर भी शामिल होता है।

चतुर्थडिग्री प्रोलेप्स: इसप्रोलेप्स में वेजाइना सर्विक्स गल सड़ जाती है। ऐसे प्रोलेप्स में सुधार की संभावना बहुत कम होती है।

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  • यूं करें पशुओं के फूल दिखाने का उपचार

यूं करें पशुओं के फूल दिखाने का उपचार

पशुओंमें प्रोलेप्स बीमारी के उपचार के साथ घरेलू बचाव प्रयास भी किए जा सकते हैं। ये प्रयास, उपचार से भी अधिक प्रभावशाली होते हैं। पशुओं में प्रोलेप्स या फूल दिखाना घातक समस्या है। आज कल पशुओं के ब्यांत पड़े हुए हैं। इस दौरान बहुत से पशुओं में प्रोलेप्स की समस्या शुरू हो जाती है। कई बार तो यह समस्या पशु की जान भी ले लेती है। समस्या से ग्रस्त पशु अगर मालिक की नजरों से दूर बंधा हो तो पशु-पक्षी प्रोलेप्स को खा जाते हैं। भैंस या गाय में गर्भाशय बच्चे समेत बाहर जाए तो पशु काे बचाना संभव नहीं हो पाता।

प्रोलेप्स दो तरह का ब्याने से पहले ब्याने के बाद होता है। पशु के पेट में पल रहे बच्चे की नाल से इस्ट्रोजन हार्मोंन ज्यादा निकलता है। पैल्विक लिगामेंट ढीले हो जाते हैं। पैल्विक संरचना ढीली होने से पशु फूल दिखाना शुरू कर देता है।

वेजाइनलप्रोलेप्स के प्रकार

}प्रथम डिग्री: जबपशु बैठता है तो थोड़ा सा फूल दिखाई देता है।

}द्वितीयडिग्री: पशुबार बार फूल दिखाना शुरू कर देता है।

}तृतीय डिग्री:पशुको गर्भपात भी हो सकता है।

}चतुर्थडिग्री: इसमेंवेजाइना सर्विक्स सड़ गल जाती है। इसमें सुधार की संभावना कम होती है।

भिवानी के एसवीओ पॉलीक्लीनिक, डॉ. संदीप सहरावत ने बताया कि पशुओं को बीमारी में सत्यानाशी के बीज कभी दें, इससे गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो सकती है। इस बीमारी में कई देशी हर्बल दवाइयां काफी फायदेमंद हैं लेकिन अधिक प्रोलेप्स वाले पशुओं को सप्ताह में एक बार कैल्शियम जरूर चढवाएं। अगर पशु अधिक जोर लगा रहा है तो एपीडयूरेल एनेस्थिसिया दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त एंटीबायोटिक, एंटीइंफ्लेमेटरी से उपचार इंजेक्शन लगवाए जा सकते हैं।

पशु को ऐसे स्थान पर बांधे कि जिससे कि पीछे का हिस्सा उपर रहे। रात के समय पशु को भरपेट चारा दें। 24 घंटे निगरानी में रखें। फूल दिखाए तो ठंडे पानी में लाल दवाई से साफ कर चढ़ाए। देशी करेले की बेल का एक कप रस हर रोज पशु को पिलाएं। हर्बल पाउडर बी लेप्स के 100 ग्राम की पुड़िया, 250 ग्राम बेसन 150 ग्राम सरसों के तेल दें।

भैंस का फूल दिखाई दे तो क्या करें?

पशु को 24 घंटे निगरानी में रखें। अगर फूल दिखाए तो ठंडे पानी में लाल दवाई डालकर उसे साफ कर चढ़ाएं। एक कप देशी करेले की बेल का रस हर रोज पिलाना पशु के लिए फायदेमंद है। इस बीमारी में हर्बल पाउडर बी लेप्स के 100 ग्राम की पुड़िया, 250 ग्राम बेसन 150 ग्राम सरसों के तेल में देने से अच्छा परिणाम आता है।

अगर भैंस का पेट फूल जाए तो क्या करें?

अफारा रोग से बचाव चारा भूसा आदि खिलने से पहले पानी पिलाएं। प्रतिदिन पशु को कुछ देर खुला चरने दें। पशुओं को दूषित चारा, दाना भूसा और पानी न दें।

भैंस की बच्चेदानी बाहर आने पर क्या करना चाहिए?

बाहर निकली हुई योनि पर ठण्डा पानी डालने से वह सिकुड़ जाती है जिससे गंदगी तो साफ हो ही जाती है साथ ही उसे हाथों से अंदर करने में भी आसानी होती है। योनि अंदर करना: बाहर निकले हुए योनि के भाग को ज्यादा देर तक बाहर नहीं रहने देना चाहिए

भैंस का फूल क्या होता है?

पशु के पेट में पल रहे बच्चे की नाल से इस्ट्रोजन हार्मोंन ज्यादा निकलता है। पैल्विक लिगामेंट ढीले हो जाते हैं। पैल्विक संरचना ढीली होने से पशु फूल दिखाना शुरू कर देता है।