भारत पाकिस्तान युद्ध किसने शुरू किया था? - bhaarat paakistaan yuddh kisane shuroo kiya tha?

India Pakistan 1971 War: भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के बाद बांग्लादेश को आजादी मिली. इस युद्ध में पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा.

भारत पाकिस्तान युद्ध किसने शुरू किया था? - bhaarat paakistaan yuddh kisane shuroo kiya tha?

पाकिस्तान ने भारत के सामने सरेंडर किया था

Indo Pak war in 1971: 16 दिसंबर का दिन भारत के साथ-साथ उसके पड़ोसी देशों पाकिस्तान और बांग्लादेश के लिए काफी यादगार है. ये दिन जहां भारत और बांगलादेश को गर्व से सिर ऊंचा करने का मौका देता है, तो वहीं पाकिस्तान का सिर शर्मिंदगी से नीचे झुका देता है. भारत ने साल 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध जीता था. जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश (Bangladesh) नाम के एक अलग देश का जन्म हुआ. जिसे उस समय पूर्वी पाकिस्तान कहा जाता था. भारत पाकिस्तान पर जीत का जश्न विजय दिवस के तौर पर मनाता है. 50 साल पहले आज ही के दिन पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंट गया था. उसकी सेना ने भारत के सामने सरेंडर कर दिया.

यह दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी सेना का सरेंडर भी माना जाता है. दोनों देशों के बीच युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान के उस गुरूर के साथ हुई, जिसके नशे में आकर उसने भारत के 11 एयरबेस पर हवाई हमला किया. यह शायद पहली बार था जब भारत की तीनों सेनाओं ने एक साथ लड़ाई लड़ी (India-Pakistan War). भारत ने पश्चिम में पाकिस्तानी सेना की हरकतों का तुरंत जवाब दिया और लगभग 15,010 किलोमीटर पाकिस्तान क्षेत्र पर कब्जा कर लिया.

पाकिस्तान की सेना ने सरेंडर किया

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सेना के साथ सरेंडर करने वाले जनरल एके नियाजी

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी (General Amir Abdullah Khan Niazi) के 93,000 सैनिकों के साथ, भारतीय सेना और बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी की संयुक्त सेना के सामने सरेंडर करने के बाद युद्ध समाप्त हो गया. जनरल एके नियाजी ने 16 दिसंबर 1971 को ढाका में समर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, जिससे पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेश का नए राष्ट्र के रूप में गठन हुआ. बांग्लादेश के जन्म के साथ ही पाकिस्तान ने भी अपना आधा क्षेत्र खो दिया.

13 दिनों तक चला था युद्ध

युद्ध केवल 13 दिनों तक चला और यह इतिहास के सबसे छोटे युद्धों में से एक माना जाता है. लेकिन इसका परिणाम पाकिस्तान को आज भी खुद पर शर्मिंदा होने की याद दिलाता है. भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव 3 दिसंबर 1971 से 16 दिसंबर 1971 तक हुआ. भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) को घुटनों पर लाकर उसके 93,000 सैनिकों को कब्जे में लिया और बांग्लादेश के 7.5 करोड़ लोगों को आजादी दिलाई. पूर्वी पाकिस्तान की बंगाली आबादी के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे नरसंहार को समाप्त करने के लिए इस युद्ध में भारत के 3000 सैनिक शहीद हुए. साथ ही पाकिस्तान के 8000 सैनिकों की मौत हुई. युद्ध के बाद बांग्लादेश को आजादी मिली.

पाकिस्तान ने हिंदू आबादी को मारा

दरअसल बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) पाकिस्तान (पश्चिम) से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए लड़ रहा था. 1971 में, पाकिस्तानी सेना ने निर्दोष बंगाली आबादी, विशेष रूप से पूर्वी पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी पर बर्बर नरसंहार करना शुरू कर दिया. जब पाकिस्तान के अत्याचार बढ़े, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया, उसी समय सीमा के दूसरी ओर के नागरिकों को शरण भी दी. उन्होंने सेना प्रमुख जनरल सैम मानेकशॉ को पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक अभियान शुरू करने का आदेश दिया, जिसके बाद भारत ने अपने पड़ोसी के खिलाफ पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू किया.

लाखों लोगों को यातनाएं दी गईं

ऐसा अनुमान है कि बांग्लादेश में 3,00,000 नागरिक मारे गए. इसके बाद बलात्कार, यातना, हत्याएं और संघर्ष हुआ, जिसके कारण 80 लाख से एक करोड़ लोगों मे भारत में शरण लेने के लिए देश छोड़ दिया (Genocide by Pakistan). इंदिरा गांधी पाकिस्तान के खिलाफ एक पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू करने के लिए अनिच्छुक थीं क्योंकि देश पहले से ही पूर्वी पाकिस्तान से शरणार्थियों के निरंतर प्रवाह के कारण बोझ का सामना कर रहा था और युद्ध में प्रवेश करने का मतलब अधिक भार को आमंत्रित करना था.

दुनियाभर के नेताओं से अपील

उन्होंने दुनियाभर के नेताओं से हस्तक्षेप करने और पाकिस्तान पर उसकी क्रूरताओं को रोकने के लिए दबाव बनाने की भी अपील की लेकिन भारत के पास ज्यादा समय नहीं था और एक त्वरित प्रतिक्रिया आवश्यक हो गई. 6 दिसंबर को उन्होंने संसद में घोषणा की कि भारत ने बांग्लादेश सरकार को मान्यता प्रदान कर दी है. युद्ध में भारत को जीत मिली. 2 अगस्त 1972 को, भारत और पाकिस्तान ने शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत युद्ध के सभी 93,000 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करने पर सहमति हुई.

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1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध का कारण क्या था?

इसके पीछे का कारण तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन और भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बीच संबंधों का अच्छा न होने को भी बताया जाता था1971 के समय अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध काफी मजबूत माने जाते थे। अमेरिका ने पाकिस्तान को कई अत्याधुनिक हथियार दिए थे।

1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध का कारण क्या था?

इस युद्ध की शुरुआत अप्रैल 1965, में रन ऑफ कच्छ में पाकिस्तान के ऑपरेशन डेजर्ट हॉक से हुआ। पाकिस्तान ने कच्छ के बड़े हिस्से पर अपना हक जताया। रसल ब्रायन की किताब इंडो-पाकिस्तान कॉन्फ्लिक्ट के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ रची गई युद्ध की साजि़श का पहला चरण ऑपरेशन डेजर्ट हॉक था

भारत में कुल कितने युद्ध हुए थे?

भारत की आजादी के बाद हमारी सेना ने कुल 5 युद्ध लड़े.

सबसे पहले भारत में कौन सा युद्ध हुआ था?

पानीपत का प्रथम युद्ध.