भारत ने कितने वर्ल्ड कप जीते हैं - bhaarat ne kitane varld kap jeete hain

क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) की शुरुआत 2007 में हुई थी। पहला टी20 वर्ल्ड कप 2007 में दक्षिण अफ्रीका में खेला गया था। तब से अब तक कुल 6 टी20 वर्ल्ड कप खेले जा चुके हैं।

आइए जानते हैं कि टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिेकट टीम (Indian Cricket Team) का प्रदर्शन कैसा रहा है और अब तक टीम इंडिया ने कितने वर्ल्ड कप जीते हैं।

टीम इंडिया ने जीता है एक टी20 वर्ल्ड कप

भारतीय टीम (Team India) ने अब तक हुए कुल छह टी20 वर्ल्ड कप में से एक वर्ल्ड कप जीता है, जबकि एक बार उपविजेता रही है। एमएस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता था।

इसके बाद धोनी की ही कप्तानी में वह 2014 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका के हाथों हारकर उपविजेता रही थी।

भारत ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पाकिस्तान को 5 रन से हराते हुए टी20 वर्ल्ड कप कब्जा जमाया था।

इसके बाद हुए 5 टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया कभी फाइनल में भी नहीं पहुंच पाई। आइए जानें अब तक टी20 वर्ल्ड कप में कैसा रहा है टीम इंडिया का प्रदर्शन।

भारत ने कितने वर्ल्ड कप जीते हैं - bhaarat ne kitane varld kap jeete hain
भारत ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप धोनी की कप्तानी में जीता था (Pic: Google)

टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का प्रदर्शन (T20 World Cup: Team India Performance)

1.2007 टी20 वर्ल्ड कप-भारत चैंपियन
2.2009 टी20 वर्ल्ड कप-दूसरे राउंड में बाहर
3.2010 टी20 वर्ल्ड कप-दूसरे राउंड में बाहर
4.2012 टी20 वर्ल्ड कप-दूसरे राउंड में बाहर
5.2014 टी20 वर्ल्ड कप-भारत उपविजेता
6.2016 टी20 वर्ल्ड कप-भारत सेमीफाइनल में हारा

टी20 वर्ल्ड कप: कब कौन सी टीम बनी विजेता (T20 World Cup: Who Win When)

1.2007 टी20 वर्ल्ड कप-भारत चैंपियन
2.2009 टी20 वर्ल्ड कप-पाकिस्तान चैंपियन
3.2010 टी20 वर्ल्ड कप-इंग्लैंड चैंपियन
4.2012 टी20 वर्ल्ड कप-वेस्टइंडीज चैंपियन
5.2014 टी20 वर्ल्ड कप-श्रीलंका चैंपियन
6.2016 टी20 वर्ल्ड कप-वेस्टइंडीज चैंपियन

अब तक हुए छह टी20 वर्ल्ड कप में भारत, इंग्लैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका ने एक-एक बार जबकि वेस्टइंडीज ने दो बार खिताब जीते हैं। 2020 का टी20 वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया में खेला जाना है, जबकि 2021 का टी20 वर्ल्ड कप भारत में प्रस्तावित है।

फिलहाल भारत को क्रिकेट की महाशक्ति कहा जाए तो कुछ गलत न होगा। भारत ने क्रिकेट जगत में कई महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की हैं। वर्ल्ड कप क्रिकेट में भारतीय टीम के प्रदर्शन की चर्चा होती है तब 1975 से लेकर 2011 तक के सभी 10 वर्ल्ड कप के मैच याद आते हैं। आइए जानते हैं वर्ल्ड कप में कैसा रहा है भारतीय टीम का प्रदर्शन। 

1975 विश्वकप : इसे प्रूडेंशियल वर्ल्ड कप कहा गया था। वर्ल्ड का पहला आयोजन इंग्लैंड में किया गया और इसे क्लाइव लॉयड की कप्तानी में वेस्टइंडीज़ ने जीता। वर्ल्ड कप 1975 में पहला  शतक भारत और इंग्लैंड के मैच में बना। यह शतक इंग्लैंड के बल्लेबाज़ डेनिस एमिस ने लगाया था। यह वही मैच था जिसमें भारतीय बल्लेबज सुनील गावस्कर ने पूरे 60 ओवरों तक बल्लेबाजी की और बिना आउट हुए केवल 36 रन बनाए थे।

भारतीय टीम का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और वह पहले दौर में ही बाहर हो गई। भारत इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ईस्ट अफ्रीका के साथ ग्रुप ए में था। भारत को पहले ही मैच में इंग्लैंड ने 202 रनों के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। अगले मैच में ईस्ट अफ्रीका को भारत ने 10 विकेट से हराकर कुछ हद तक भरपाई की, लेकिन वह अपना अगला मैच न्यूजीलैंड से चार विकेट से हार गई और टूर्नामेंट से बाहर हो गई।

विश्वकप 1979 :  वर्ल्ड कप का यह दूसरा संस्करण 9 से 23 जून 1979 के बीच इंग्लैंड में खेला गया। पहले वर्ल्ड कप और दूसरे वर्ल्ड कप में दो बातें एक ऐसी रहीं। दोनों ही इंग्लैंड में आयोजित हुए और दोनों में ही खिताब वेस्टइंडीज़ ने जीता। भारतीय टीम अपने तीनों ग्रुप मैच हारकर पहले दौर में ही बाहर हो गई। वेस्टइंडीज़, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान ने सेमीफाइनल खेला और खिताबी जंग वेस्टइंडीज़ और इंग्लैंड के बीच हुई। 

1983 विश्वकप : 9 जून से 25 जून 1983 के बीच एक बार फिर इंग्लैंड में आयोजित वर्ल्ड कप के इस तीसरे संस्करण को उस टीम ने जीता जिसे टूर्नामेंट शुरू होने से पहले सबसे फिसड्डी टीम कहा जा रहा था। यह टीम थी कपिल देव के नेतृत्व में  भारतीय टीम। भारतीय टीम ने यह खिताब जीतकर पूरे विश्व में अपना लोहा मनवा लिया। वेस्टइंडीज़ को फाइनल में हराकर न केवल खिताब जीता बल्कि क्लाइव लॉयड के लगातार तीन वर्ल्ड कप जीतने के सपने को भी चकनाचून कर दिया। 

टीम इंडिया सहित, वेस्टइंडीज़, पाकिस्तान और इंग्लैंड ने सेमीफाइनल में जगह बनाई। भारत और इंग्लैंड के बीच पहला सेमीफाइनल, जबकि वेस्टइंडीज़ और पाकिस्तान के बीच दूसरा सेमीफाइनल खेला गया। खिताबी जंग भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच हुई जिसमें भारत ने वेस्टइंडीज़ को 43 रनों से हराया। 

विश्वकप 1987 : इसे रिलायंस वर्ल्ड कप का नाम दिया गया। 1979 का वर्ल्ड कप पहला ऐसा वर्ल्ड कप है, जिसे इंग्लैंड से बाहर आयोजित किया गया और आयोजन का जिम्मा भारत और पाकिस्तान ने मिलकर उठाया। 8 अक्टूबर से 8 नवंबर 1987 तक खेले गए इस टूर्नामेंट में वनडे क्रिकेट का बड़ा बदलाव हुआ और ओवरों की संख्या 60 से घटाकर 50 कर दी गई। 

भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जिम्बॉब्वे के साथ ग्रुप ए में थी। यहां से भारत ने सेमीफाइनल में जगह बनाई और उसका सामना इंग्लैंड से हुआ। भारत सेमीफाइनल में हार गया और यहीं उसका वर्ल्ड कप 1987 का सफर खत्म हुआ। बाद में यह खिताब फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को हराकर जीता।

विश्वकप 1992 : वर्ल्ड कप 1992 का आयोजन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में हुआ। भारतीय टीम ने यह वर्ल्ड कप मोहम्मद अजहारुद्दीन की कप्तानी में खेला। इस वर्ल्ड कप के इतने सालों बाद यह याद करना सुखद है कि यह सचिन तेंदुलकर का पहला वर्ल्ड कप था। 

1992 में वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले भारतीय टीम ने चार महीने लंबा ऑस्ट्रेलियाई दौरा किया था। इसे भारत के लिहाज से वर्ल्ड कप की अच्छी तैयारी माना जा रहा था, लेकिन भारतीय टीम वर्ल्ड कप 1992 में आशानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई। 

भारत का पहला मैच इंग्लैंड से पर्थ में हुआ और इस रोमांचक मुकाबले में भारतीय टीम 237 रनों के स्कोर का पीछा करते हुए नौ रनों से हार गई। 

भारत के लिए यह टूर्नामेंट की अच्छी शुरुआत तो नहीं थी, लेकिन टीम ने जिस तरह से इंग्लैंड का मुकाबला किया, आने वाले मैचों में कुछ उम्मीदें बंधी। भारतीय टीम का अगला मैच श्रीलंका के खिलाफ था, लेकिन बारिश में यह मैच धुल गया और भारत और श्रीलंका को एक एक अंक मिला।  

इसके बाद भारत ने अपना मैच तत्कालीन चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में खेला। यह मैच रोमांच की इंतहा पार कर गया और भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों ने इस मैच के रोमांच का मजा लिया। 

ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए 50 ओवरों में 237/9 का स्कोर बनाया। जवाब में भारत ने कप्तान अजहारुद्दीन के 93 रनों की बदौलत मैच लगभग जीत लिया था, लेकिन लगातार दो रन आउट (मनोज प्रभाकर और राजू) के कारण भारत यह मैच एक रन से यह मैच हार गया। 

भारत के लिए अगला मैच बेहद महत्वपूर्ण था जो सिडनी में पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया। भारत ने यहां वर्ल्ड कप 1992 की पहली जीत हासिल की। पहले खेलते हुए भारत ने  216/7 का स्कोर बनाया और पाकिस्तान को 173 रनों पर ऑल आउट कर दिया। 

यह मैच इसके परिणाम से अधिक जावेद मियांदाद और किरण मोरे की मजाकिया झड़प के लिए याद किया जाता है। 

भारत का अगला मैच हेमिल्टन में जिमबॉब्वे के खिलाफ था, जिसे उसने आसानी से जीत लिया, लेकिन वेस्टइंडीज़ के खिलाफ भारतीय टीम महत्वपूर्ण मैच हार गई और यहीं से उसकी सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को करारा झटका लगा। भारत के अगले दो मैच न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ थे जो उसने गंवा दिए।  

इस तरह भारत ने वर्ल्ड कप 1992 में आठ में से केवल दो मैच जीते। 1992 वर्ल्ड कप में भारत के लिए सुखद बात यही रही कि उसने पाकिस्तान को हराया, जिसने बाद में यह खिताब जीता।

भारत में कितने बार वर्ल्ड कप जीता है?

भारतीय क्रिकेट टीम दो बार क्रिकेट विश्व कप में विजेता रह चूका है जिसमें पहली बार १९८३ क्रिकेट विश्व कप तथा दूसरी बार २०११ क्रिकेट विश्व कप में महेंद्र सिंह धोनी तथा कपिल देव की कप्तानी में जीत मिली। इनके अलावा २००३ क्रिकेट विश्व कप में उपविजेता रहा। १९८७ ,१९९६ तथा २०१५ में सेमीफाइनल में पहुंचा।

5050 वर्ल्ड कप कब होगा?

अगला आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप आगामी वर्ष यानी 2023 में ही होगा. वर्ल्ड कप इतिहास में पहली बार पूरी तरह से भारत द्वारा इसकी मेजबानी की जाएगी. पिछले तीन संस्करणों (1987, 1996 और 2011) को भारत ने मिलकर होस्ट किया था. 2021 और 2022 विश्व कप के विपरीत 2023 वर्ल्ड कप वनडे प्रारूप यानी 50 ओवर के खेल फॉर्मेट में खेला जाएगा.

सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप कौन से देश के पास है?

बता दें कि इस टूर्नामेंट की शुरूआत साल 1930 में हुई थी। इस ट्रॅाफी पर सबसे ज्यादा हुकूमत ब्राजील की ही रही है। ब्राजील ने पांच बार इस खिताब को अपने नाम किया है। ब्राजील ने साल 1958, 1962, 1970, 1994, 2002 में इस खिताब को अपने नाम किया है।

पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप कितनी बार जीता है?

अभी तक हुए ११ विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने अकेले ५ विश्व कप के फाइनल मैच जीते है जबकि भारत और वेस्टइंडीज ने २ - २ तथा श्रीलंका और पाकिस्तान ने १ - १ फाइनल जीता