अनौपचारिक पत्र का प्रारूप क्या है? - anaupachaarik patr ka praaroop kya hai?

पत्र के माध्यम से हम अपने मन की भावनाओं को दूसरों के समक्ष व्यक्त करते है | पत्र लिखने की परंपरा कुछ समय से नहीं बल्कि बहुत ही प्राचीन है | हालाँकि वर्तमान समय में पत्र लिखनें का चलन काफी कम हो गया है, परन्तु इसका महत्व आज बहुत अधिक है | दरअसल पत्र लिखना भी एक कला है, जो सभी को नहीं आती है |

हालाँकि आज के इस डिजिटल युग में लगभग लोग पत्र ई-मेल, व्हाट्सएप आदि से भेजते है परन्तु यहाँ सोचनें वाली बात यह है, कि क्या वह वास्तव में सही प्रारूप अर्थात फार्मेट में होते है | आपको बता दें कि पत्रों के भी कई फार्मेट होते है, जिसमें से एक प्रारूप अनौपचारिक पत्र के नाम से जाना जाता है | अनौपचारिक पत्र कैसे लिखे जाते है, इसके बारें में आपको यहाँ विस्तृत रूप से पूरी जानकारी दे रहे है |

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पत्र लेखन क्या है (What Is Letter Writing)

  • पत्र लेखन क्या है (What Is Letter Writing)
  • पत्र लेखन के प्रकार (Types Of Letter Writing)
    • औपचारिक पत्र (Formal Letter)
    • अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
    • अनौपचारिक पत्र किसे कहते हैं (What is Informal Letter)
    • अनौपचारिक पत्र के प्रकार (Types of informal letter)
    • अनौपचारिक पत्र लिखनें से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातें (Important Things Related To Writing Letters)
    • अनौपचारिक पत्र के संबोधन के प्रकार (Types Of Informal Letter Addresses)
    • अनौपचारिक पत्र लिखनें का प्रारूप (Informal letter Writing format)
    • अनौपचारिक पत्र का प्रारूप पीडीएफ (Informal Letter Format In PDF)

कागज के माध्यम से अपने विचारों का आदान प्रदान करना ही पत्र लेखन कहलाता है। प्राचीन काल में संदेशों के आदान-प्रदान का एक मात्र साधन था | हालाँकि आज इसका चलन बहुत ही कम हो गया है, परन्तु साहित्य के क्षेत्र में पत्र लेखन का महत्व आज भी बरक़रार है | जिन बातों को लोग कहने में हिचकिचाते हैं, उन बातों को पत्रों के माध्यम से सरलता से व्यक्त किया जा सकता है | पत्र लेखन एक ऐसा माध्यम है, जिसका प्रयोग व्यक्तिगत, सामाजिक और प्रशासकीय स्तर पर किया जाता है |

पत्र लेखन के प्रकार (Types Of Letter Writing)

मुख्य रूप से पत्रों को दो भागों में विभाजित किया गया है, जो इस प्रकार है-

औपचारिक पत्र (Formal Letter)

औपचारिक पत्रों के अंतर्गत वह पत्र आते है जो सरकारी, गैरसरकारी अर्धसरकारी या व्यवसायिक क्षेत्रों में लिखा जाता है | दूसरे शब्दों में, यह पत्र ऐसे लोगो के लिए लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई व्यक्तिगत (Personal) सम्बन्ध न हो | ऐसे पत्रों में मुख्य रूप से सूचना, सन्देश और तथ्यों को विशेष महत्व दिया जाता है |

औपचारिक पत्रों की भाषा शैली बहुत ही अनुशासित और शिष्टापूर्ण होती है। इन पत्रों में आप अपनी समस्या या बात को बहुत ही कम शब्दों में व्यक्त करनी होती है | औपचारिक पत्रों के अंतर्गत शिकायत पत्र, निमंत्रण पत्र, सुझाव पत्र आदि आते है |

अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)

अनौपचारिक पत्र मुख्य रूप से ऐसे लोगो के लिए लिखा जाता है, जिनसे हमारे निजी अर्थात व्यक्तिगत सम्बन्ध होते है | इनमें हमारे परिवारिकजन जैसे कि माता-पिता, भाई या बहन और सगे सम्बन्धियों के साथ-साथ मित्रगण आदि शामिल होते है |

दूसरे शब्दों में कहे तो, ऐसे पत्रों को लिखनें में ज्यादा सोंच या विचार कर लिखनें की आवश्यकता नहीं होती है | इस पत्रों को लिखनें का आशय सदैव निजी या घरेलू होता है, जिसके कारण अनौपचारिक पत्रों को व्यक्तिगत पत्र भी कहा जाता है |

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अनौपचारिक पत्र किसे कहते हैं (What is Informal Letter)

अनौपचारिक पत्र हमेशा निजी या व्यक्तिगत लोगो से सम्बंधित होता है | इन पत्रों की सबसे खास बात यह होती है, कि इन पत्रों में आत्मीयता का भाव प्रदर्शित होता है अर्थात अपने पन की झलक होती है, इसके साथ ही इसमें अपनी निजी बातों का उल्लेख किया जाता है | अनौपचारिक पत्र लेखन में लेखक अपनें सुख और दुख को बतानें के साथ ही उसके साथ अपनें व्यक्तिगत संबंधों का उल्लेख किया जाता है |

अनौपचारिक पत्र के प्रकार (Types of informal letter)

  • बधाई पत्र (Greeting Letter)
  • निमंत्रण पत्र (Invitation Letter)
  • शुभकामना पत्र (Greeting Card)
  • सांत्वना पत्र (Consolation Letter)
  • विशेष अवसरों पर लिखे गये पत्र (Letters written on special Occasions)
  • किसी प्रकार की जानकारी देने हेतु (To give any kind of information)
  • किसी प्रकार की सलाह देने हेतु (To give any kind of advice)

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  • अनौपचारिक पत्रों में लिखनें की भाषा बहुत ही स्पष्ट और सरल होनी चाहिए।
  • पत्र में कहीं भी काट-छांट नही होनी चाहिए।
  • पत्र में लिखी गयी बात का उल्लेख पूर्ण रूप से किया जाना चाहिए।
  • इस प्रकार के पत्र की शुरुआत और अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
  • पत्र लेखन में लेख स्वच्छतापूर्ण होना चाहिए।
  • अपना पता और दिनांक लिखने के बाद एक पंक्ति छोड़कर आगे लिखना चाहिए |
  • पत्र लिखनें वाले व्यक्ति तथा प्रापक की आयु, योग्यता, पद आदि का ध्यान रखा जाना चाहिए |

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अनौपचारिक पत्र के संबोधन के प्रकार (Types Of Informal Letter Addresses)

  • पूज्य – पिता जी, माता जी, गुरु जी आदि के लिए |
  • आदरणीय – चाचाजी, मामाजी, भाई साहब, दीदी, भाभी जी आदि के लिए |
  • श्रद्धेय – चाचा जी गुरुवर इत्यादि |
  • प्रिय – भाई, बहन, मित्र इत्यादि के लिए |

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अनौपचारिक पत्र लिखनें का प्रारूप (Informal letter Writing format)

  • पता (Address) – पत्र में बाईं ओर सबसे ऊपर प्रेषक (पत्र भेजने वाले) का नाम व पता लिखा जाता है।
  • दिनांक (Date) – यह पत्र जिस दिन लिखा जा रहा है, उस दिन की तिथि या दिनांक |
  • संबोधन (Exhortation) – जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जा रहा है, आपके के साथ संबंध के अनुसार संबोधन का प्रयोग किया जाता है।
  • अभिवादन (Greeting) – पत्र में संबंध के अनुसार अभिवादन जैसे कि सादर प्रणाम, चरण स्पर्श, नमस्ते, नमस्कार, मधुर प्यार आदि |
  • मुख्य विषय (Main Subject)– मुख्य विषय को मुख्यतः 3 अनुच्छेदों में विभाजित करना चाहिए। पहले अनुछेद की शुरुआत में “हम/मैं यहाँ कुशल हूँ, आशा करता हूँ कि आप भी वहाँ कुशल होंगे।”

दूसरे अनुच्छेद में पत्र लिखनें के कारण का उल्लेख किया जाता है और तीसरे अनुछेद में समाप्ति से पहले, कुछ वाक्य अपने परिवार व सबंधियों के कुशलता के लिए लिखे जाते है |

  • समाप्ति (End Of Letter)– अंत में प्रेषक का सम्बन्ध जैसे- आपका पुत्र, आपकी पुत्री, आपकी की भतीजी आदि”।

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अनौपचारिक पत्र का प्रारूप पीडीएफ (Informal Letter Format In PDF)

अनौपचारिक पत्र का प्रारूप क्या है? - anaupachaarik patr ka praaroop kya hai?

यहाँ आपको अनौपचारिक पत्र (Informal Letter Format) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है |  यदि आप इस जानकारी से संतुष्ट है, या फिर इससे सम्बंधित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो कमेंट के माध्यम से अपना सुझाव दे सकते है, आपकी प्रतिक्रिया का जल्द ही उत्तर दिया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए hindiraj.com पोर्टल पर विजिट करते रहे |  

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