अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (h, o) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है? - aml ke vilayan ko tanukrt karate samay haidroniyam aayan (h, o) kee saandrata kaise prabhaavit ho jaatee hai?

शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग क्यों नहीं बदलती है?


शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र का रंग नहीं बदलती क्यूंकि जल की अनिपस्थिति में यह आयनीकरण न कर पाने के कारण आयन उतपन्न नहीं कर पातीl इस कारण वह अम्ल की तरह कार्य नहीं करतीl

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अम्ल का जलीय विलयन क्यों विद्युत का चालन करता है?


अम्ल का जलीय विलयन विद्युत जका चालन करता है क्यूंकि यह हाइड्रोजन और हाइड्रोनियम आयन उतपन्न करता हैl

HCl (aq) 

अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (h, o) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है? - aml ke vilayan ko tanukrt karate samay haidroniyam aayan (h, o) kee saandrata kaise prabhaavit ho jaatee hai?
 H3O+ (aq) + Cl- (aq)

HNO3 (aq) 

अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (h, o) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है? - aml ke vilayan ko tanukrt karate samay haidroniyam aayan (h, o) kee saandrata kaise prabhaavit ho jaatee hai?
 H3O+ (aq) NO3- (aq)

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जब एक अम्ल को निश्चित मात्रा में पानी में डाला जाता है, उस विलयन के प्रति इकाई मात्रा में हाइड्रोनियम आयनों की निश्चित संख्या होती हैl प्रति इकाई हाइड्रोनियम आयनों की संख्या कम करने पर हाइड्रोनियम आयन की सांद्रता कम हो जाती हैl

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अम्ल को तनुकृत करते समय यह क्यों अनुशंसित करते हैं कि अम्ल को जल में मिलाना चाहिए न कि जल को अम्ल में?


जल में अम्ल के घुलने की प्रक्रिया अत्यंत ऊष्माक्षेपी होती हैl इसलिए जल में किसी सांद्र अम्ल को सावधानीपूर्वक मिलाना चाहिएl अम्ल और जल को धीरे-धीरे हिलाते रहना चाहिएl ऐसा न करने पर अम्ल में जल मिलाने पर उतपन्न ऊष्मा के कारण मिश्रण आसफलित हो कर बाहर आ सकता हैl इस से स्थानीय ताप बढ़ जाता है जिस कारण उपयोग किया जाने वाला कांच का पात्र टूट भी सकता हैl

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जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधुकी क्षारक मलते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–) की सांद्रता कैसे प्रभावित होती है?


जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य क्षारक मलते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH–) की सांद्रता प्रति इकाई आयतन बढ़ती जाती हैl यदि क्षारक, जल में घुलनशील नहीं है तो हाइड्रॉक्साइड आयन की सांद्रता स्थिर रहती हैl

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अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन H3O की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है ?`?

अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय हाइड्रोनियम आयन (H3O+) की सांद्रता कैसे प्रभावित हो जाती है? उत्तर : जल में अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय आयन की सांद्रता (H3O+/O–H) में प्रति इकाई आयतन की कमी हो जाती है और विलयन तनु से अधिक तनु हो जाता है।

हाइड्रोनियम आयनों की सांद्रता H3O प्लस कैसे प्रभावित होती है जब एक एसिड का घोल पतला होता है?

Solution : जल में अम्ल के विलयन को तनुकृत करते समय उसमे उपस्थित अनआयनित जल की मात्रा तो बढ़ती है , परन्तु `H_(3)O^(+)` आयन की सान्द्रता वही रहती है । जिसके कारण `H_(3)O^(+)` की सान्द्रता में लगातार कमी जो जाती है ।

3 क्या क्षारकीय विलयन में H AQ आयन होते हैं अगर हाँ तो यह क्षारकीय क्यों होते हैं?

Solution : हाँ, क्षारीय विलयन में भी `H^(+)(aq)` आयन होते हैं, फिर भी ये क्षारीय होते हैं, क्योंकि इनमें `OH^(-)(aq)` आयनों की सांद्रता `H^(+)(aq)` आयनों की सांद्रता से कहीं अधिक होती है। <br> एक विलयन उदासीन हो जाता है यदि उसमें `H^(+)(aq)` व `OH^(-)(aq)` आयनों की सांद्रता समान हो जाए।