14 अगस्त 1947 को भारत में क्या हुआ? - 14 agast 1947 ko bhaarat mein kya hua?

14 अगस्त 1947 को भारत में क्या हुआ? - 14 agast 1947 ko bhaarat mein kya hua?

 14 अगस्त 1947 की रात को क्या हुआ था? 🤔

दरअसल दोस्तों 14 अगस्त 1947 की उस रात को भारत के इतिहास की सबसे काली रात में से एक माना जाता है क्योंकि उस रात को जो – जो हुआ था उसकी तो शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। आखिर ऐसा क्या हुआ था 14 अगस्त 1947 की रात को।

दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे कि 14 अगस्त 1947 की रात को क्या हुआ था? आइए जानते हैं।

दरअसल दोस्तों 14 अगस्त 1947 की रात को ही भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था और इसलिए पाकिस्तान 14 अगस्त को ही अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है लेकिन इस बंटवारे का दर्द जिन लोगों ने सहा है वो आज तक इसे नहीं भूल पाए हैं।

क्योंकि सिर्फ एक फैसले की वजह से लाखों लोगों को अपना घर – बार छोड़ना पड़ा। अपनी जमीन जायदाद छोड़कर चले जाना पड़ा। लाखों लोग मकान – दुकान और संपत्ति से रातों-रात बेदखल होकर सड़क पर आ गए। भारत-पाकिस्तान बंटवारे की त्रासदी सदियों तक याद रखी जाएगी।

14 अगस्त 1947 को भारत में क्या हुआ? - 14 agast 1947 ko bhaarat mein kya hua?
14 अगस्त 1947 की वो भयानक रात

और तो और बंटवारे के वक्त हुए दंगों में लाखों लोग मारे गए। जिन लोगों ने एक साथ आजादी का सपना देखा था वह एक दूसरे को मारने पर आतुर थे। दंगों में हजारों महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ और बदसलूकी हुई। और इस दंगों की वजह से महिलाओं ने सबसे बड़ा दर्द झेला है। इन्हीं कारणों की वजह से 14 अगस्त की उस रात को भारतीय इतिहास की सबसे काली रात बोला गया है।

तो दोस्तों अब आपको समझ में आ गया होगा कि 14 अगस्त 1947 की रात को क्या हुआ था?

दोस्तों अगर आपको यह जानकारी पसंद आया तो कमेंट में Good या Bed लिखकर जरूर बताएं । क्या हम इसी तरह  आर्टिकल पर पोस्ट हर दिन लाये….?

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14 अगस्त 1947 को भारत में क्या हुआ? - 14 agast 1947 ko bhaarat mein kya hua?
Independence Day

Highlights

  • 1947 की उस रात को पूरे देश में बड़ा ही खुशनुमा माहौल था
  • 15 अगस्त को बंद कर दिए गए थे बूचड़खाने
  • वायसराय हाउस से हटने लगे थे साइन बोर्ड्स

Independence Day: देश अपनी आजदी का 76 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। देश को आजदी लाखों शहीदों के बलिदान से मिली। और जिस दिन यह आजादी मिली उस दिन देश में अलग ही माहौल था। हर कोई जश्न में डूबा हुआ था। आखिर डूबे भी क्यों न? देश वर्षों की गुलामी से आजाद हो रहा था। इसी आजादी के लिए कई मांओं ने अपने बच्चे हंसते-हंसते न्योछावर कर दिए थे।

कैसा था 14 अगस्त की रात का माहौल ?

14 और 15 अगस्त 1947 की उस रात को पूरे देश में बड़ा ही खुशनुमा माहौल था, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में आजादी के जश्न के जश्न की अलग ही छठा देखने को मिल रही थी। लोग आधी रात को सड़कों पर थे। लोग सड़कों पर जश्न मन रहे थे तो वहीं 14 अगस्त की मध्य रात्रि यानी रात 12 बजे को भारत की स्वतंत्रता की घोषणा कर दी गई। जब घड़ी की सुई ने रात के 12 बजाए और फिर पूरा देश भारत माता की जय ने नारों से गूंज उठा। जिसके बाद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू 'जब पूरी दुनिया सो रही है तब...' के ऐतिहासिक भाषण से न केवल भारतवासियों को बल्कि पूरी दुनिया के लोगों को संबोधित करने लगे थे। उनके भाषण के साथ-साथ देशभर का हर गली, हर चौराहा, हर नुक्कड़ 'भारत माता की जय, वंदे मातरम' जैसे नारों से गूंज रहा था और लोग एक-दूसरे को लगे लगाकर बधाइयां भी दे रहे थे। 

14 अगस्त 1947 को भारत में क्या हुआ? - 14 agast 1947 ko bhaarat mein kya hua?

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Independence Day

15 अगस्त को बंद कर दिए गए थे बूचड़खाने 

देश की आजादी वाले दिन घोषणा कर दी गई कि 15 अगस्त को देशभर में एक भी बूचड़खाना नहीं खुलेगा। आजादी का जश्न मनाने के लिए देशभर के सभी सिनेमाघरों को फ्री करने का फैसला लिया गया। दिल्ली में सभी स्कूली बच्चों को इंडिपेंडेंस मेडल के साथ मिठाइयां दिए जाने का आदेश भी दिया गया। दिल्ली के इंपीरियल होटल में उत्साही देशवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा। आधी रात के बाद वहां एक युवक बार पर चढ़ गया और उसने सभी से राष्ट्रगान गाने की अपील की। वह युवक रवींद्र नाथ टैगोर का लिखा 'जन गन मन अधिनायक जय हे' की एक लाइन गाता और बाकी लोग एक स्वर से अगली लाइन गाते।

वायसराय हाउस से हटने लगे साइन बोर्ड्स

आजादी की घोषणा के बाद ही अंग्रेजी हुकूमत और अफसर अपना बोरी-बिस्तरा समेटने में जुट गए। दिल्ली स्थित वायसराय हाउस का नाम बदल कर गवर्नमेंट हाउस करके आम भारतीय नागरिकों के लिए खोल दिया गया। इसके साथ ही, माउंटबेटन ने अपने सभी कर्मचारियों को चेतावनी दी कि किसी भी भारतीय से ऐसी बात नहीं की जाए जिससे ब्रिटिश हुकूमत की बू आए। इसके साथ ही उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के सभी नोटिस बोर्ड और साइन बोर्ड हटाने का आदेश जारी कर दिए।

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14 अगस्त 1947 को भारत में क्या हुआ था?

नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) देश के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख आंसुओं से लिखी गई है। यही वह दिन था जब देश का विभाजन हुआ और 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान तथा 15 अगस्त, 1947 को भारत को एक पृथक राष्ट्र घोषित कर दिया गया।

14 अगस्त को क्या हुआ था?

14 अगस्त 1947 को ही ब्रिटिश लार्ड माउंटबेटन ने पाकिस्तान को आजाद देश का दर्जा दिया था।

भारत को 15 अगस्त 1947 को कौन से आजादी मिली थी?

माउंटबेटन ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए भारतीय स्वतंत्रता की तारीख के रूप में 15 अगस्त को चुना।

15 अगस्त 1947 क्या हुआ था?

15 अगस्त, 1947 भारत के करोड़ों लोगों के लिए एक ऐतिहासिक दिन था लेकिन गांधीजी के लिए भी दूसरे कारण से वो दिन बहुत ख़ास था. इस दिन उनके निकटतम सहयोगी रहे महादेव देसाई की पाँचवीं पुण्यतिथि थी.