विद्युत धारा का एक सतत और बंद मार्ग क्या कहलाता है? - vidyut dhaara ka ek satat aur band maarg kya kahalaata hai?

नमस्कार दोस्तों दिया क्या प्रश्न है किसी विद्युत धारा के सतत है तथा बंद पद को क्या कहा जाता है तो मतलब मैं मान लेता दोस्तों की या कोई परिपथ है ठीक है यहां इस परिपथ में क्या पका हुआ है एक बार लगा हुआ है उसके साथ में क्या एक बैटरी लगी हुई है जिसमें क्या हो रही तारा प्रवाहित हो रही है और वह कैसी उसको किसी भी बैटरी के धन शेर से प्रारंभ होती है और इनसे भी खत्म हो जाती है क्या आप मान लेता क्योंकि यहां पर भी क्या कह दिया है एक परिपत्र कुछ इस प्रकार से बना दिया जिसमें सर क्या लगी है यहां पर एक प्रतिरोध और लगा दिया ठीक है मान लेते हैं कि यह प्रतिरोध R1 है और यह प्रयोग क्या है आरजू है इस स्थिति में क्या होता है यह परिपथ है तो इसमें क्या हो जाएगा जहां पर धारा आईटीआई की और यह यहां पर जा कर के भी भक्त हो जाएगी किस पर यह प्राप्त हो जाएगी I2 में आई वांट मान लेते आइए में विभक्त हो जाएगी और यह धारा जीवन में

होगी तो यहां पर क्या होगा कि उसे यह दिखा रहा है घूम कर के कुछ इस प्रकार से आएगी और यहां पर कुछ इस प्रकार से प्रभावित होगी तो यह जो परिपथ आप देख रहे हैं ठीक है तो यह किस प्रकार का पर्वत है एक प्रकार का बंद परिपत्र परिपत्र जो बंद होता है इसमें क्या लगी होती है तो कोई एक प्रकार का प्रतिरोध लगा होता है और वहां पर अगर बैटरी हो ऊर्जा का स्त्रोत हो तो इस प्रकार का परिपथ जो कहलाता है दोस्तों वह कहलाता है परिपथ ठीक है तो इस प्रकार के बंद पद को क्या कहा जाता है परिपथ का जाता है यह जो परिपथ होता है दोस्तों यह विद्युत धारा के प्रवाह के बंद पद कहलाते हैं ठीक है कि कोई भी वह परिपथ जिसमें क्या कर सकते हैं आप विद्युत धारा को देख सकते हैं या विद्युत धारा प्रवाहित होती है वह बहुत सारे सारे पर आते हैं यही हमारे प्रश्न का उत्तर है धन्यवाद

विद्युत धारा

सामान्य प्रतीक

SI इकाई

अन्य मात्रा
से व्युत्पन्न

आयाम

A simple electric circuit, where current is represented by the letter i. The relationship between the voltage (V), resistance (R), and current (I) is V=IR; this is known as Ohm's law.

I
एम्पियर

आवेशों के प्रवाह की दिशा से धारा की दिशा निर्धारित होती है।

विद्युत आवेश के गति या प्रवाह में होने पर उसे विद्युत धारा (इलेक्ट्रिक करेण्ट) कहते हैं। मात्रात्मक रूप से, आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं। इसका SI मात्रक एम्पीयर है। एक कूलांम प्रति सेकेण्ड की दर से प्रवाहित विद्युत आवेश को एक एम्पीयर धारा कहेंगे।

परिभाषा[संपादित करें]

धारा का परिमाण युक्ति
1 mA मानव को इसका आभास हो पाता है।
10 mA प्रकाश उत्सर्जक डायोड
100 mA विद्युत का झटका
1 A बल्ब
10 A 2000 W का हीटर
100 A मोटरगाड़ियों का स्टार्टर मोटर
1 kA रेलगाड़ियों की मोटर
10 kA ऋणात्मक तड़ित
100 kA धनात्मक तड़ित

किसी सतह, जैसे किसी तांबे के चालक के खंड (cross-section) से प्रवाहित विद्युत धारा की मात्रा (एम्पीयर में मापी गई) को परिभाषित किया जा सकता है।

यदि किसी चालक के किसी अनुप्रस्थ काट से Q कूलम्ब का आवेश t समय में निकला; तो औसत धारा

मापन का समय t को शून्य (rending to zero) बनाकर, हमें तत्क्षण धारा i(t) मिलती है :

I = Q / t (यदि धारा समय के साथ अपरिवर्ती हो)

विद्युत धारा की SI इकाई एम्पीयर है। परिपथों की विद्युत धारा मापने के लिए जिस यंत्र का उपयोग करते हैं उसे एमीटर कहते हैं।

एम्पीयर की परिभाषा: किसी विद्युत परिपथ में 1 कूलॉम आवेश 1 सेकण्ड में प्रवाहित होता है तो उस परिपथ में विद्युत धारा का मान 1 एम्पीयर होता है।

उदाहरण

किसी तार में 10 सेकण्ड में 50 कूलॉम आवेश प्रवाहित होता है तो उस तार में प्रवाहित विद्युत धारा का मान 50 कूलॉम / 10 सेकण्ड = 5 एम्पीयर

एक धात्विक तार विद्युत चालन हेतु अनेक तारों में बंटा हुआ तांबे का तार

धारा घनत्व[संपादित करें]

इकाई क्षेत्रफल से प्रवाहित होने वाली धारा की मात्रा को धारा घनत्व (करेंट डेन्सिटी) कहते हैं। इससे J से प्रदर्शित करते हैं।

यदि किसी चालक से I धारा प्रवाहित हो रही है और धारा के प्रवाह के लम्बवत उस चालक का क्षेत्रफल A हो तो,

धारा घनत्व

इसकी इकाई एम्पीयर / वर्ग मीटर होती है।

यहाँ यह मान लिया गया है कि धारा घनत्व, चालक के पूरे अनुप्रस्थ क्षेत्रफल पर एक समान है। किन्तु अधिकांश स्थितियों में ऐसा नहीं होता है। उदाहरण के लिये जब ही चालक से बहुत अधिक आवृति की प्रत्यावर्ती धारा (जैसे १ मेगा हर्ट्स की प्रत्यावर्ती धारा) प्रवाहित होती है तो उसके बाहरी सतक के पास धारा घनत्व अधिक होता है तथा ज्यों-ज्यों सतह से भीतर केन्द्र की ओर जाते हैं, धारा घनत्व कम होता जाता है। इसी कारण अधिक आवृति की धारा के लिये मोटे चालक बनाने के बजाय बहुत ही कम मोटाइ के तार बनाये जाते हैं। इससे तार में नम्यता (फ्लेक्सिबिलिटी) भी आती है।

ओम का नियम[संपादित करें]

ओम के नियम के अनुसार, एक आदर्श प्रतिरोधक में प्रवाहित धारा, विभवान्तर के समानुपाती होती है। दूसरे शब्दों में,

जहाँ

I धारा, (एम्पीयर में)V विभवांतर, (वोल्ट में)R प्रतिरोध, (ओह्म में)

है।

परम्परागत धारा[संपादित करें]

विद्युत धारा की दिशा : परम्परागत रूप से धनात्मक आवेश को प्रवाह की दिशा में माना जाता है। अतः इलेक्ट्रानों के प्रवाह की दिशा के विपरीत दिशा ही धारा की दिशा है।

धारा के उदाहरण[संपादित करें]

प्राकृतिक उदाहरण हैं आकाशीय विद्युत या तड़ित (दामिनी) एवं सौर वायु, जो उत्तरीय ध्रुवप्रभा एवं दक्षिणीय ध्रुवप्रभा का कि स्रोत है। धारा का मानवनिर्मित रूप है- धात्वक चालकों में आवेशित इलेक्ट्रॉन का प्रवाह, जैसे शिरोपरि विद्युत प्रसारण तार लम्बे दूरी हेतु, एवं छोटे विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में विद्युत तार। बैटरी के अंदर भी इलैक्ट्रॉन का प्रवाह होता है।

विद्युतचुम्बकत्व[संपादित करें]

विद्युत प्रवाह चुम्बकीय क्षेत्र बनाता है। चुम्बकीय क्षेत्र को चालक तार को घेरे हुए, घुमावदार क्षेत्रीय रेखाओं द्वारा आभासित किया जा सकता है।

विद्युत धारा को सीधे एमीटर से मापा जा सकता है। परंतु इस प्रक्रिया में परिपथ को तोड़ना पड़ता है। धारा को बिना परिपथ को तोड़े भी, उसके चुम्बकीय क्षेत्र को माप कर, नापा जा सकता है। ये उपकरण हैं, हॉल प्रभाव संवेदक, करंट क्लैम्प, रोगोव्स्की कुण्डली।

विद्युत सुरक्षा[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • धारा घनत्व
  • एकदिष्ट धारा
  • प्रत्यावर्ती धारा
  • विद्युत चालन
  • SI इकाइयाँ
  • ओम का नियम
  • धारामापी
  • धारा स्रोत (करेण्ट सोर्स)

बाहरी कङियाँ[संपादित करें]

  • Which direction does electricity really flow?
  • All about circuits - a useful site introducing electricity and electronics
  • Electric current and Ohm's law
  • Electric current and power

किसी विद्युत धारा के सतत तथा बंद पत्र को क्या कहते हैं?

किसी विद्युत धारा के सतत तथा बंद पथ को विद्युत परिपथ कहते

विद्युत धारा कितने प्रकार के होते हैं?

विद्युत् धारा के दो प्रकार होते हैं। पहला ए सी (प्रत्यावर्ती धारा) दूसरा डी सी (दिष्ट धारा)।

विद्युत धारा का मात्रक क्या है?

विद्युत धारा की SI इकाई एम्पीयर है। परिपथों की विद्युत धारा मापने के लिए जिस यंत्र का उपयोग करते हैं उसे एमीटर कहते हैं। एम्पीयर की परिभाषा: किसी विद्युत परिपथ में 1 कूलॉम आवेश 1 सेकण्ड में प्रवाहित होता है तो उस परिपथ में विद्युत धारा का मान 1 एम्पीयर होता है।

विद्युत धारा मापने वाले यंत्र को क्या कहते हैं?

अमीटर:- धारा मापने के यंत्र को "अमीटर" कहते हैं

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