Uttarakhand New CM : उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ही बीजेपी के नए मुख्यमंत्री होंगे. इसके साथ ही राज्य के नए मुख्यमंत्री को लेकर बना असमंजस सोमवार को उस समय खत्म हो गया, जब विधायक दल की बैठक के बाद धामी के नाम का ऐलान हुआ. सूत्रों ने बताया कि धामी, राज्यपाल से मिलने के लिए रवाना हो चुके हैं. वे 'महामहिम' से भेंट करके राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और राज्य के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी को विधायक दल की बैठक के लिए पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया था. विधायक दल की बैठक शाम 5 बजे शुरू हुई और 11 दिनों के सस्पेंस के बाद मुख्यमंत्री को लेकर स्पष्टता बन पाई.बता देंं, उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत तो हासिल किया हैं लेकिन सीएम पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हार गए गए थे.
उत्तराखंड में भाजपा विधायक दल की बैठक में श्री @pushkardhami को नेता चुने जाने पर मैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देता हूँ।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 21, 2022
मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री श्री @narendramodi के दिशा निर्देशन में और धामीजी के नेतृत्व में उत्तराखंड का बहुआयामी और बहुत तेज़ गति से विकास होगा।
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इससे पहले, केंद्रीय पर्यवेक्षक औऱ प्रभारी दोपहर को देहरादून के जॉलीग्रांट एय़रपोर्ट पहुंचे थे तो कई नेता उनके स्वागत के लिए मौजूद थे. वहां से वो विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए रवाना हो गए. उत्तराखंड में बीजेपी ने पुष्कर धामी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था और 47 सीटें जीतकर दोबारा सत्ता में वापसी सुनिश्चित की थी. लेकिन धामी खुद चुनाव हार गए थे. मुख्यमंत्री पद के आधा दर्जन दावेदारों में धामी को ही सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा था. उनके अलावा चौबट्टाखल से विधायक सतपाल महाराज, श्रीनगर से विधायक धन सिंह रावत, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक और केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट भी दावेदारों में शुमार किए जा रहे हैं. वैसे, उत्तराखंड में बीजेपी की विधानसभा चुनाव में जीत के पीछे धामी की भूमिका को काफी श्रेय दिया गया और इसी का लाभ उन्हें मिला. एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है कि जो धामी को दोबारा पांच साल के लिए सरकार की कमान सौंपने की वकालत कर रहा था. बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यूपी, उत्तराखंड समेत चार राज्यों में सरकार के गठन को लेकर अहम बैठक की थी.
उत्तराखंड की 70 सीटों के परिणाम बीजेपी के लिए बेहद शानदार रहे हैं. पार्टी ने जहां 47 सीटों पर कब्जा जमाया था, वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. बहुजन समाज पार्टी और अन्य के खाते में दो-दो सीटें आई थीं. आम आदमी पार्टी ने भी उत्तराखंड में चुनाव लड़ा था लेकिन यह खाता खोलने में भी नाकाम रही. राज्य के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी पार्टी ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है.
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Uttarakhand Election Result 2022: उत्तराखंड का मुख्यमंत्री कौन? जानिए भाजपा कब करेगी विधायक दल की बैठक Uttarakhand Election Result 2022: उत्तराखंड का मुख्यमंत्री कौन? जानिए भाजपा कब करेगी विधायक दल की बैठकUttarakhand Election Result 2022: उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के नाम पर 20 मार्च तक मुहर लग सकती है। भाजपा प्रदेश संगठन की तरफ से नवनिर्वाचित विधायकों को होली के बाद देहरादून में उपलब्ध रहने के...
Himanshu Kumar Lallविशेष संवाददाता, देहरादूनMon, 14 Mar 2022 09:03 AM
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Uttarakhand Election Result 2022: उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के नाम पर 20 मार्च तक मुहर लग सकती है। भाजपा प्रदेश संगठन की तरफ से नवनिर्वाचित विधायकों को होली के बाद देहरादून में उपलब्ध रहने के निर्देश दिए जा रहे हैं। उत्तराखंड में दस मार्च को बहुमत मिलने के बावजूद भाजपा हाईकमान ने नेता सदन के चयन की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि हाईकमान होली के बाद ही विधायक दल की बैठक बुलाने के पक्ष में है। इससे माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक 19 या 20 मार्च को बुलाई जा सकती है।
समझा जा रहा है कि 17 मार्च तक होलाष्टक होना, इसका मुख्य कारण है। साथ ही हाईकमान नया मुख्यमंत्री चुनने में पिछली बार की तरह तीन-तीन सीएम बदलने जैसी स्थितियां इस बार नहीं आने देना चाहता। इसके चलते नए नेता के चुनाव में पार्टी हर एंगल पर काम कर रही है।
जोशी और विजयवर्गीय ने सौंपी रिपोर्ट : सूत्रों ने बताया कि भाजपा के उत्तराखंड चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दिल्ली में हाईकमान को अपनी रिपोर्ट दे दी है। इस बीच नेता सदन के चयन में देरी से मुख्यमंत्री दौड़ में शामिल चेहरों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं।
सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल समेत कई नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं जबकि, कुछ नेता प्रदेश में ही विधायकों की घेराबंदी में जुटे हुए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए विधायकों की ओर से सीट ऑफर करने और उनसे मुलाकात का सिलसिला तेज हो गया है।
पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं: भाजपा सूत्रों ने बताया-नेता सदन के चयन को लेकर पर्यवेक्षकों की नियुक्तियां होनी शेष हैं। दो दिन पहले सोशल मीडिया में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान को पर्यवेक्षक बनाने की चर्चाएं चली थी। लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि अभी किसी पर्यवेक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है।
हिमाचल फार्मूला अपनाया तो विधायक ही बनेगा सीएम : भाजपा के सूत्रों का कहना है कि पार्टी का एक धड़ा धामी को दोबारा सत्ता सौंपने के पक्ष में है। लेकिन पार्टी हिमाचल का फार्मूला, उत्तराखंड में अपनाती है तो धामी को सत्ता सौंपने की मुहिम कमजोर पड़ सकती है। हिमाचल प्रदेश में भाजपा प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में जीती थी, लेकिन धूमल हार गए थे और हाईकमान ने विधायकों में से जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाया।
बधाईके बहाने लॉबिंग : चुनाव में जीत के बाद पार्टी के ज्यादातर विधायक क्षेत्र में जनता का आभार प्रकट करने के बाद देहरादून पहुंच चुके हैं। रविवार को छह विधायकों ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से भेंट की जबकि, दो विधायकों ने निशंक और तीन ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात की। हालांकि, सभी विधायकों का कहना है कि पार्टी की प्रचंड जीत पर वह नेताओं को बधाई देने गए थे। लेकिन जानकार इसे बधाई के बहाने मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए लॉबिंग के तौर पर देख रहे हैं।