दीपक की बाती कैसे बनाते हैं - deepak kee baatee kaise banaate hain

आटे के दीपक विभिन्न प्रकार के उत्सव में एवं त्योहारों में बनाया जाता है । दीपक कई तरीके के डिजाइन में बनाए जाते हैं । एक तो साधारण सिंगल बाती वाला दीपक, आटा के दीपक के सबसे साधारण स्वरूप है । आटे का इस्तेमाल करके दो मुखी पंचमुखी एवं सप्तमुखी एवं 11 मुखी दीप बनाए जाते हैं जो कि विभिन्न अवसरों पर अपनी मन्नत को पूरी करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं ।

इससे पहले कि हम आपको विभिन्न प्रकार के आटे से बनाए जाने वाले दीपक के संरचना एवं उसके बनाने की विधि का वर्णन करें उससे पहले हम देखते हैं कि आटे के दीपक हमारे जीवन में ईश्वर की आराधना में किस प्रकार फलदाई होता है ।

आमतौर पर आटे के दीपक का उपयोग किसी संकल्पित मनोकामना की पूर्ति के लिए किया जाता है । जब कोई व्यक्ति किसी बड़े चीज की संकल्पना करता है तो उसकी पूर्ति के लिए वह आटे के दीपक बना कर नियमानुसार उसे प्रज्वलित करता है । आटे के दिया पहले बढ़ते हुए एवं बाद में घटते हुए क्रम में जलाए जाते हैं ।

आटे के दीपक कैसे बनाएं

मान लिया कि आपने किसी की संकल्पना की है तब उस कामना की पूर्ति के लिए आटे की एक दीपक को जलाकर शुरुआत करते हैं । फिर अगले दिन आटे के दो दीपक जलाते हैं और उस ईश्वर की आराधना करते हैं जिनसे हमें अपने संकल्प की प्राप्ति होना है ।  अगले दिन में संख्या एक और बड़ा कर आटे की ३ दीपक जलाते हैं और ईश्वर की आराधना करते हैं ।

इस प्रकार यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक के आटे के दीपक की संख्या 11 ना पहुंच जाए तत्पश्चात दीपक जलाने की संख्या को आरोही क्रम में नीचे की ओर जाते हैं तथा अगले दिन 10 दीपक जलाते हैं और उसके पश्चात उसके अगले दिन 9 दीपक आठ दीपक और इसी तरीके से फिर एक दीपक अंत में जलाकर अपने ईश्वर की आराधना करते हैं जिससे कि अपना मनचाहा मनोकामना को पूर्ण किया जा सके ।

  • पहले आटे के दीपक बनाने के लिए आटा बनाने की प्रक्रिया समझते हैं
  • आइए आटे के दीपक बनाने की विभिन्न तरीकों पर विचार करते हैं
    • आटे के गोल दीपक बनाना
    • एक तरफ से बाती के लिए जगह बना हुआ दीपक
    • चौमुखी दिया बनाना
    • पंचमुखी दिया तैयार करना
  • दीपक को पवित्र मानने के पीछे की वजह
  • आटे के दीपक में किस तरह का तेल का प्रयोग करना चाहिए
  • निष्कर्ष
  • शीघ्र पूछे जाने वाला प्रश्न()
    • आटे के दीपक का प्रयोग किन अवसरों पर किया जाता है?
    • क्या आटे के दीपक का प्रयोग काला जादू मे भी क्या जाता है?

पहले आटे के दीपक बनाने के लिए आटा बनाने की प्रक्रिया समझते हैं

आटे को घुटनेसे पहले उसमें थोड़ा सा हल्दी भी मिला लिया जाता है क्योंकि हल्दी को सभी धार्मिक अनुष्ठानों के लिए एक पवित्र पदार्थ के रूप में माना जाता है और यह सभी देवी देवताओं को अत्यंत प्रिय भी होता है ।  अब हल्दी मिला हुआ आटा को पानी से गुथ के उसमें हल्का सा घी का भी प्रयोग किया जाता है ।

आइए आटे के दीपक बनाने की विभिन्न तरीकों पर विचार करते हैं

आटे के गोल दीपक बनाना

आटे के गोल दीपक बनाने के लिए किसी बोतल का ढक्कन का इस्तेमाल करते हैं । आटे के छोटे-छोटे टुकड़े कर लिया जाता है उसे गोल करके बोतल के ढक्कन से दबाकर उसे गोल कर दिया जाता है इस पर बहुत ही खूबसूरत गोल डिजाइन वाला दीया तैयार हो जाता है ।

एक तरफ से बाती के लिए जगह बना हुआ दीपक

जहां पर बाती के लिए थोड़ा सा जगह छोड़ना होता है वहां पर आपकी दोनों अंगुलियों का इस्तेमाल करके थोड़ा सा दवा दिया जाता है जिसे बाती के आकार का हो जाता है।

चौमुखी दिया बनाना

आटे के दिया बनाने के लिए ठीक उसी प्रकार गोल दिया बानाया जाता है जैसे बोतल के ढक्कन का इस्तेमाल करके बनाया जाता है फिर उसके चारों किनारों पर उंगली से दबाकर उसमें दाब लगाया जाता है इस प्रकार आटे के चौमुखी दिया तैयार हो जाता है जो कि देखने में सुंदर बहुत ही डिजाइन दार प्रतीत होता है ।

पंचमुखी दिया तैयार करना

पंचमुखी दिया तैयार करने के लिए भी उसी गोल दोव का उपयोग किया जाता है परंतु इसमें 4 अथवा 3 जगह पर बाती के बजाय पांच जगह पर बाती के लिए स्थान बनाया जाता है जिस वजह से पंचमुखी दिखाई पड़ने लगता है जो कि वास्तव में बहुत खूबसूरत होता है।

क्योंकि दिया बनाने के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है जिससे बहुत ही आकर्षक दिखाई पड़ता है जो ईश्वर को भी प्यारा होता है जिसकी वजह से मनोकामना पूर्ति में मदद मिलती है ।

दीपक को पवित्र मानने के पीछे की वजह

आटे में माता अन्नपूर्णा देवी का वास माना जाता है । माता अन्नपूर्णा देवी का बाती में होने की वजह से उनका आशीर्वाद अपने भक्तों पर हमेशा बना रहता है जिसकी वजह से अगर कोई भी व्यक्ति अपनी धार्मिक संस्था में प्रयोग करता है तो उसमें सफलता प्राप्त होने की संभावना प्रबल हो जाती है और माता को भी है धार्मिक तरीके से बनाए हुए आटे के दीपक अछे लगते हैं ।

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आटे के दीपक में किस तरह का तेल का प्रयोग करना चाहिए

आटे के दीपक में मुख्य रूप से गाय के घी का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि आटे के दीपक का प्रयोग किसी महत्वपूर्ण एवं विस्तृत कामना को पूर्ण करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है जैसे कि हम जानते हैं कि आटे के  दीपक का उपयोग तांत्रिकों के द्वारा भी बड़े पैमाने पर किया जाता है इसकी वजह से इसकी पवित्रता और सफलता पर कभी भी संदेह नहीं किया जा सकता  है।

निष्कर्ष

इस प्रकार हमने देखा कि आटे का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के डिजाइन के दीपक बनाए जा सकते हैं तथा इस प्रकार से बने हुए दीपक का उपयोग अत्यंत ही पवित्र तरीके से भिन्न प्रकार के मनोकामना को पूर्ण करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं जोकि वरदान एवं अनुष्ठान को अच्छे से संपन्न करने में रामबाण साबित होते हैं ।

शीघ्र पूछे जाने वाला प्रश्न()

आटे के दीपक का प्रयोग किन अवसरों पर किया जाता है?

आटे का दीपक का प्रयोग मुख्य रूप से करवा चौथ के त्यौहार में अरे देने के दौरान किया जाता है इसे पति की आयु दीर्घायु एवं जीवन स्वस्थ बना रहता है क्योंकि इसमें माता अन्नपूर्णा देवी का वास होता है रखा होली की कविता बढ़ जाती है अतः सभी देवी देवताओं का स्नेह आशीर्वाद मिला रहता है जिसका व्रत धारण करने वाले इस पर सदैव माता की कृपा बनी रहती है ।

क्या आटे के दीपक का प्रयोग काला जादू मे भी क्या जाता है?

हां आटे के दीपक का प्रयोग काला जादू के सिद्धि में भी किया जाता है क्योंकि यह मनोकामना पूर्ति के लिए अचूक साधन के रूप में देखा जाता है ।

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