प्रस्तुत पाठ में लेखक ने अंदमान निकोबारद्वीप समूह में प्रचलित एक लोककथा के दवारा समाज की रूढ़ियों को दर्शाया है । कहानी के मुख्य पात्रों को इन्हीं रुढ़ियों के कारण आत्म-बलिदान तक करना पड़ता है। इसी युगल को उनके अद्भुद चरित्र और बलिदान के कारण आज भी अंदमान निकोबारद्वीप समूहवासी आज भी श्रद्धा और गर्व से याद करते हैं ।
पाठ का सारांश:
प्रस्तुत कहानी तताँरा- वामीरो कथा अंदमान -निकोबार की लोककथा है , जिसमें कथा नायक तताँरा अनेक सद्गुणों से युक्त होने के साथ ही सुँदर, साहसी और आत्मीय स्वभाव से युक्त था। वह आस- पास के गाँवों में अपनी सहृदयता , साहस और सहायता करने की आदत के कारण प्रसिद्ध और आस-पास के गाँवों में चर्चित था। तताँरा के पास एक लकड़ी की तलवार थी, जिसे लोग अद्भुद दैवीय शक्ति से युक्त मानते थे। हालांकि तताँरा अपनी तलवार का उपयोग कभी सार्वजनिक रूप से नहीं करता था । तथापि लोगों का मानना था कि तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी ।तताँरा पासा गाँव का रहने वाला था ।
एक शाम तताँरा जब दिन -भर के काम से थका- माँदा समुद्र किनारे सूर्यास्त का आनंद ले रहा था , तभी समुद्री लहरों के बीच लपाती गाँव से आते संगीत ने उसे अपनी ओर आकृष्ट किया। तताँरा जब पास पहुँचा तो उसने आकर्षक युवती वामीरो को शृंगार का गीत गाते देखा। प्रथम दृष्टि में ही तताँरा युवती की ओर आकर्षित हुआ । दोनों में थोड़े संवाद के साथ परिचय हुआ । तताँरा के सुँदर ,बलिष्ठ किंतु बेहद शांत , सभ्य भोले स्वभाव से वामीरो भी बहुत प्रभावित हुई। अब दोनों हर शाम समुद्र किनारे मिलने लगे। निकोबारी समुदाय में अपने गाँव से बाहर विवाह की अनुमति नहीं थी । यह जानते हुए भी दोनों एक दूसरे से प्रेम करने लगे। गाँव के युवकों ने इस पर आपत्ति जताई और लोगों ने अपने-अपने गाँव की रूढ़ियाँ बताते हुए उन्हें समझाने का प्रयत्न किया। किंतु उनका मिलना बंद न हुआ और अफ़वाहें फ़ैलती रहीं।
पासा गाँव में पशु-पर्व आयोजन के अवसर पर सभी गाँव के लोग हिस्सा लेते थे । अनेक प्रतियोगिताएँ और कार्यक्रम हुए । किंतु वामीरो न दिखाई दी । तताँरा की आँखें वामीरो को ढूँढ रही थीं। तभी नारियल के झुंड के पीछे से निकल कर वामीरो वहाँ आई । वह तताँरा को देखकर जोर -जोर से रोने लगी । उसका रोना सुनकर वामीरो की माँ भी वहाँ आ पहुँची । इस प्रकार सबके सामने वामीरो और तताँरा को देख उसने अपमानित महसूस किया।वह आग बबूला हो कर तताँरा को कोसने और अपमानित करने लगी । इसी बीच दूसरे लोग भी वहाँ आ गए। वे सभी तताँरा का विरोध करने लगा । तताँरा किंकर्तव्यविमूढ़ था । गाँवों के बीच विवाह प्रथा का निषेध था। तताँरा इस विवाह निषेध की परंपरा के कारण क्षोभ और कुछ न कर पाने की स्थिति के कारण खीज से भर उठा । उसका गुस्सा बढ़ने लगा । अचानक उसका हाथ अपनी लकड़ी की तलवार की मूठ पर जा लगा । झटके से निकालकर उसने तलवार जमीन में घोंप दी और पूरी शक्ति से उसे दूर तक खींचने लगा। जहाँ उसने लकीर खींचीं थी वहाँ की धरती एक गड़गड़ाहट के साथ फ़टने लगी । तताँरा एक ओर रह गया और दूसरी ओर वामीरो। वे दोनों एक दूसरे को पुकारने लगे । वामीरो के पास दूसरे टुकड़े में आने की कोशिश करते हुए तताँरा डूब गया । वामीरो भी इस शोक से पागल हो गई । कुछ समय बाद वह भी अपने पैवार से विलग हो कर गायब हो गई। उसका कोई सुराग न मिला।
दोनों के बलिदान इस घटना के बाद वहाँ के रूढ़िवादी समाज ने अपनी परंपराओं को बदला और कालांतर में उनमें आपस में वैवाहिक संबंध होने लगे । आज भी घर-घर तताँरा-वामीरो की यह प्रेमकथा सुनाई जाती है । तताँरा- वामीरो की त्यागमयी मृत्यु इसी सुखद परिवर्तन के लिए हुई थी ।
पाठ्य-पुस्तक के अभ्यास
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो-पंक्तियों में दीजिए –
प्रश्न1. तताँरा-वामीरो कहाँ की कथा है?
उत्तर: तताँरा-वामीरो अंदमान निकोबार द्वीप समूह की लोक कथा है।
प्रश्न2. वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?
उत्तर :अचानक समुद्र की ऊँची लहर ने वामीरो को भिगो दिया, इसी हड़बडाहट में वह गाना भूल गई।
प्रश्न3. तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की?
उत्तर: तताँरा ने वामीरो से याचना की कि वह कल उसी समुद्री चट्टान पर मिलने आए। इससे पहले उसने वामीरो से गीत पूरा करने की भी याचना की थी।
प्रश्न 4. तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
उत्तर : तताँरा और वामीरो के गाँव की रीति थी कि विवाह -संबंध बाहर के किसी दूसरे गाँव वाले से नहीं हो सकता था,अर्थात विवाह होने के लिए लड़का –और लड़की दोनों एक ही गाँव के होना आवश्यक था ।
प्रश्न 5. क्रोध में तताँरा ने क्या किया?
उत्तर : क्रोध में तताँरा का हाथ कमर पर लटकी तलवार पर चला गया और उसने तलवार निकाल कर ज़मीन में गाड़ दी और पूरी ताकत से खींचने लगा।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) दीजिए –
प्रश्न 1. तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
उत्तर: तताँरा हमेशा अपनी कमर में एक लकड़ी की तलवार को बाँधे रखता था। लोगों का मानना था कि उस तलवार में लकड़ी की होने के बावजूद भी अनोखी दैवीय शक्तियाँ हैं।वह दूसरों के सामने तलवार का प्रयोग भी नहीं करता था। परन्तु उसके साहस पूर्ण कार्यों के कारण लोगों का तलवार में अनोखी शक्ति होने पर विश्वास था।
प्रश्न 2. वामीरों ने तताँरा को बेरूखी से क्या जवाब दिया?
उत्तर : गाँव में नियम था कि लड़कियाँ अपने गाँव के अतिरिक्त किसी दूसरे गाँव के लड़के से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं रखती थी । वामीरों अपने सामने एक सुंदर और अजनबी युवक को देख कर आश्चर्यचकित हो गई और हड़बड़ा गई । इसलिए तताँरा द्वारा यह पूछे जाने पर कि उसने गाना क्यों रोक दिया,वामीरो ने नकली नाराजगी दिखाते हुए बेरुखी से उत्तर दिया कि पहले तताँरा यह बताए कि वह कौन है, वह वामीरों को इस तरह क्यों देख रहा है और वह वामीरों से इस तरह के अनुचित या बेकार के प्रश्न क्यों पूछ रहा है?
प्रश्न 3. तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर तताँरा-वामीरो की मृत्यु की घटना के बाद निकोबारी जनजाति के नियमों मे परिवर्तन आए। निकोबार निवासियों ने तताँरा – वामीरो की त्यागमयी मृत्यु के बाद अपनी परम्परा को बदला और दूसरे गाँव में भी विवाह सम्बन्ध स्थापित करने लगे। तताँरा – वामीरो की त्यागमयी मृत्यु ने लोगों की विचारधारा और रूढ़िवादी परंपरा में सुखद परिवर्तन ला दिया था ।
प्रश्न 4. निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
उत्तर – तताँरा एक भला और सबकी मदद करने वाला व्यक्ति था। जब भी कोई मुसीबत में होता तो हर कोई उसी को याद करता था और वह भी भागा -भागा वहाँ उनकी मदद करने के लिए पहुँच जाता था।उसका व्यक्तित्व तो आकर्षक और सुंदर था ही, साथ में वह बहुत शक्तिशाली भी था । निकोबार के लोग तताँरा को उसके आत्मीय स्वभाव के कारण पसन्द करते थे।वह न केवल अपने गाँव, अपितु समूचे द्वीप वासियों की सेवा करना अपना कर्तव्य समझता था
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) दीजिए –
प्रश्न 1. निकोबार द्वीप समूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?
उत्तर – निकोबारियों का विश्वास था कि पहले अंदमान और निकोबार एक ही द्वीप थे। इनके अलग -अलग होने के पीछे तताँरा -वामीरो की एक लोककथा प्रचलित है। दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थे। परन्तु दोनों अलग -अलग गाँव से थे और उस समय के रीति-रिवाज़ों के अनुसार अलग -अलग गाँव के निवासियों में विवाह सम्बन्ध संभव नहीं था। तताँरा और वामीरो भी इसी रूढ़ि के कारण विवाह नहीं कर सकते थे ।पशु- पर्व के अवसर पर जब वामीरो इसी विवशता के कारण रोने लगी तो लोग तताँरा को बुरा- भला कहने लगे, जिस कारण तताँरा को अत्यधिक क्रोध आ गया । उसने अपनी तलवार पूरी शक्ति से धरती में गाड़ दी और दूर तक खींचता हुआ चला गया। इससे धरती के दो टुकड़े हो गए और ज़मीन दो भागों में बँट गई। इस प्रकार अंदमान और निकोबार नाम से दो द्वीप बन गए।
प्रश्न 2. तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया? वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर – तताँरा दिन भर की कठोर मेहनत करने के बाद समुद्र के किनारे घूमने के लिए चल पड़ा। समुद्र में जहाँ धरती और आसमान के मिलने का आभास हो रहा था, वहाँ सूरज डूबने वाला था। समुद्र से ठंडी ठंडी हवाएँ आ रही थी। शाम के समय पक्षियों की जो चहचहाहटें होती हैं वे भी धीरे -धीरे शांत हो रही थी। तताँरा का मन भी शांत था। अपने ही विचारों में खोया हुआ तताँरा समुद्री बालू पर बैठ कर सूरज की आखिरी किरणों को समुद्र के पानी पर देख रहा था जो बहुत रंग -बिरंगी लग रही थी। बीच -बीच में लहरों का संगीत सुनाई पड़ रहा था। पूरा वातावरण बहुत ही सुन्दर और मोहक लग रहा था।
प्रश्न 3. वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर: वामीरो से मिलने के बाद तताँरा बहुत बैचेन रहने लगा। वह अपनी सुधबुध खो बैठा। वह शाम की प्रतिक्षा करता जब वह वामीरो से मिल सके। वह दिन ढलने से पहले ही लपाती की समुद्री चट्टान पर पहुँच गया। उसे एक-एक पल पहाड़ जैसा लग रहा था।
प्रश्न 4. प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
उत्तर – प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए ‘पशु पर्व ‘का आयोजन किया जाता था। पशु पर्व में हृष्ट-पुष्ट पशुओं के प्रदर्शन के अलावा पशुओं से युवकों की शक्ति परखने की प्रतियोगितायें भी होती थी। साल में एक बार मेला लगता था और सभी गाँव के लोग इसमें भाग लेने आते थे। प्रतियोगिता के बाद नाच -गाना और फिर भोजन का प्रबंध भी किया जाता था।
प्रश्न 5. रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: रूढ़ियाँ और बंधन समाज को अनुशासित करने के लिए बनते हैं, परन्तु जब इन्हीं के द्वारा मनुष्य की भावना आहत होने लगे, बंधन बनने लगे और बोझ लगने लगे तो उसका टूट जाना ही अच्छा होता है। इस कहानी के सन्दर्भ में देखा जाए तो तताँरा-वामीरो का विवाह एक रूढ़ि के कारण नही हो सकता था, जिसके कारण उन्हें जान देनी पड़ती है। इस तरह की रूढ़ियाँ किसी का भला करने की जगह नुकसान करती हैं। समयानुसार समाज में परिवर्तन आते रहते हैं । रूढ़ियाँ आडम्बर और अनावश्यक प्रतीत होती हैं।ऐसी स्थिति में रुढ़ियाँ समाज पर ही बोझ बन जाती हैं, इसलिए इनका टूट जाना बेहतर होता है।
(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए –
1. जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
आशय: तताँरा-वामीरो को पता था कि उनका विवाह नहीं हो सकता था। फिर भी वे मिलते रहे। एक बार पशु पर्व मे वामीरो तताँरा से मिलकर रोने लगी। इसी समय वामीरो की आवाज सुनकर उसकी माँ भी वहाँ आ गई। इस प्रकार सबके सामने वामीरो और तताँरा को देख उसने अपमानित महसूस किया। उसने तताँरा को अपमानित किया। तभी अन्य लोग भी वहाँ आ गए । वे भी तताँरा के विरोध में बोल रहे थे। तताँरा खीज और कुछ न कर पाने की स्थिति से किंकर्तव्यविमूढ़ हो गया । तताँरा को भी क्रोध आने लगा।अपने गुस्से को शान्त करने के लिए अपनी तलवार को ज़मीन में गाड़ कर खींचता चला गया। इस कारण धरती दो हिस्सों में बंट गयी।
2. बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।
आशय: तताँरा ने वामीरो से मिलने के लिए कहा और वह शाम के समय उसकी प्रतीक्षा भी कर रहा था। तताँरा दिन ढलने से बहुत पहले ही लपाती गाँव की उस समुद्री चट्टान पर पहुँच गया था जहाँ उसने वामीरो को आने के लिए कहा था। वामीरो के इन्तजार में उसे हर एक पल बहुत अधिक लम्बा लग रहा था। उसके अंदर एक शक भी पैदा हो गया था कि अगर वामीरो आई ही नहीं तो? उसके पास प्रतीक्षा करने के अलावा और कोई चारा नहीं था। उसे सिर्फ उम्मीद की एक किरण नजर आ रही थी और वो भी समय बीतने के साथ सूर्य की किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।
भाषा अध्ययन:
1. निम्नलिखित वाक्यों के सामने दिए कोष्ठक में (✓) का चिह्न लगाकर बताएँ कि वह वाक्य किस प्रकार का है −
उत्तर: (क)निकोबारी उसे बेहद प्रेम करते थे। (विधानवाचक)
(ख)तुमने एकाएक इतना मधुर गाना अधूरा क्यों छोड़ दिया? (प्रश्नवाचक)
(ग)वामीरो की माँ क्रोध में उफन उठी। (विधानवाचक)
(घ) क्या तुम्हें गाँव का नियम नहीं मालूम? (प्रश्नवाचक)
(ङ)वाह! कितना सुदंर नाम है। (विस्मयादिबोधक)
(च) मैं तुम्हारा रास्ता छोड़ दूँगा। (विधानवाचक)
2. निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
उत्तर:
(क) सुध-बुध खोना –(होश खो देना)- बेटे की बीमारी में गीता ने अपनी सुधबुध खो दी। (ख) बाट जोहना –(इंतज़ार करना)-शाम होते ही माँ सबकी बाट जोहने लगती।
(ग) खुशी का ठिकाना न रहना –(अत्यधिक खुश होना)- आई. ए. एस. की परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर मोहन का खुशी का ठिकाना न रहा।
(घ) आग बबूला होना – (बहुत गुस्सा होना)- बच्चों की शरारत देखकर अध्यापिका आग बबूला हो गई।
(ङ) आवाज़ उठाना -(विरोध करना)- प्रगतिशील लोगों ने रूढ़ियों के खिलाफ आवाज़ उठाई।
3. नीचे दिए गए शब्दों में से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए –
उत्तर:
शब्दमूल शब्दप्रत्ययचर्चित चर्चाइतसाहसिकसाहसइकछटपटाहटछटपटानाआहटशब्दहीनशब्दहीन4. नीचे दिए गए शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए −
उत्तर: अन+आकर्षक=अनाकर्षक अ +ज्ञात=अज्ञात
सु+कोमल=सुकोमल बे +होश=बेहोश
दुर् +घटना= दुर्घटना
5. निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए –
उत्तर: (क) जीवन में ऐसा पहली बार हुआ है जब मैं विचलित हुआ हूँ।
(ख) फिर तेज़ कदमों से चलती हुई आई और तताँरा के सामने आकर ठिठक गई।
(ग) वामीरो कुछ सचेत होकर घर की तरफ़ दौड़ी।
(घ) उसने तताँरा को देखा और वह फूटकर रोने लगी।
(ङ) गाँव की जो रीति थी , उसके अनुसार दोनों का एक ही गाँव का होना आवश्यक था ।
6.नीचे दिए गए वाक्य पढ़िए तथा ‘और’ शब्द के विभिन्न प्रयोगों पर ध्यान दीजिए –
(क) पास में सुंदर और शक्तिशाली युवक रहा करता था। (दो पदों को जोड़ना – यहाँ पर दो विशेषण पदों को जोड़ने के लिए ’और’ शब्द का प्रयोग किया गया है। )
(ख) वह कुछ और सोचने लगी। (‘अन्य’ के अर्थ में – यहाँ पर ’और’ शब्द का का प्रयोग कोई दूसरी बात सोचने के अर्थ में प्रयोग किया गया है )
(ग) एक आकृति कुछ साफ़ हुई… कुछ और… कुछ और… (क्रमश: धीरे-धीरे के अर्थ में – यहाँ पर ’और’ शब्द का प्रयोग कार्य के धीरे-धीरे घटित होने के अर्थ में हुआ है ।)
(घ) अचानक वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ़ दौड़ गई। (दो उपवाक्यों को जोड़ने के अर्थ में ’और’ शब्द का प्रयोग हुआ है।)
(ङ) वामीरो का दुख उसे और गहरा कर रहा था। (‘अधिकता’ के अर्थ में)
(च) उसने थोड़ा और करीब जाकर पहचानने की चेष्टा की। (‘निकटता’ के अर्थ में – ’और’ शब्द का प्रयोग थोडा अधिक पास जा कर देखने के अर्थ में प्रयुक्त किया गया है।)
7. नीचे दिए गए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए –
उत्तर: भय x अभय मधुर x कर्कश
सभ्य x असभ्य मूक x वाचाल
तरल x ठोस उपस्थिति x अनुपस्थिति
दुखद x सुखद
8. नीचे दिए गए शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए –
उत्तर: समुद्र-सागर, जलधि,सिंधु
आँख- नेत्र, चक्षु, लोचन ,नयन,
दिन-दिवस, वासर, वार
अँधेरा-तम, अंधकार, तिमिर,
मुक्त-आज़ाद, स्वतंत्र ,बंधनरहित, , खुला।
9. नीचे दिए गए शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए −
उत्तर:
किंकर्तव्यविमूढ़ – गरीब रामू को जब अचानक रुपयों भरा बैग मिला तो वह किंकर्तव्यविमूढ़ हो उठा ।
विह्वल − गीता बूढ़ी माँ के अंतिम क्षणों में विह्वल हो गई।
भयाकुल − वह अकेले अंधेरे घर में भयाकुल हो गया।
याचक − दरवाज़े पर एक याचक खड़ा था।
आकंठ – प्रेम से उसका हृदय आकंठ भर आया।
10. ‘किसी तरह आँचरहित एक ठंडा और ऊबाऊ दिन गुज़रने लगा’ वाक्य में दिन के लिए किन-किन विशेषणों का प्रयोग किया गया है? आप दिन के लिए कोई तीन विशेषण और सुझाइए।
उत्तर: (क) ठंडा, ऊबाऊ
(ख) सुदंर, शुभ, बर्फ़ीला, व्यस्त।
11.इस पाठ में ”देखना’ क्रिया के कई रूप आए हैं -’ देखना’ के इन शब्द प्रयोगों में क्या अंतर है? वाक्य प्रयोग द्वारा स्पष्ट कीजिए-