तीज की पूजा में क्या क्या सामान चाहिए? - teej kee pooja mein kya kya saamaan chaahie?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रवण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज (Hariyali Teej) का पर्व मनाया जाता है. हरियाली तीज देश में मनाए जाने वाले तीन महत्वपूर्ण तीज त्योहारों में से एक है. हरियाली तीज पर भगवान शिव और देवी पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, वहीं कुंवारी युवतियां अच्छे वर की कामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं. हरियाली तीज को श्रावणी तीज भी कहा जाता है. कहा जाता है हरियाली तीज की विधिवित पूजा करने से शिवजी और मां पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस साल हरियाली तीज का पर्व 31 जुलाई 2022 को मनाया जाएगा. आइये जानते हैं पंडित इंद्रमणि घनस्याल से हरियाली तीज की पूजन सामग्री और पूजा विधि के बारे में विस्तार से.

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हरियाली तीज की पूजा सामग्री
हरियाली तीज पर शिव-पार्वती की पूजा विधि-विधान से की जानी चाहिए. पूजा में शिव-पार्वती की मूर्ति को शामिल करते हैं और चौकी रखते हैं.

पूजा में पीला वस्त्र, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केले के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, पंचामृत दही, मिश्री, शहद आदि को शामिल किया जाता है.

मां पार्वती के लिए हरे रंग की साड़ी, चुनरी और सोलह श्रृंगार से जुड़े सुहाग के सामान में सिंदूर, बिंदी, चूडियां, महौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछिआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र इत्यादि सामग्री रखी जाती है.

Hartalika teej 2022: आज हरतालिका तीज पूजन में इन चीजों को शामिल करने से प्रसन्न होंगे शिव-पार्वती, जान लें व्रत नियम

Hartalika teej 2022: आज हरतालिका तीज पूजन में इन चीजों को शामिल करने से प्रसन्न होंगे शिव-पार्वती, जान लें व्रत नियम

Hartalika teej 2022:भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत रखा जाता है। यह व्रत करवा चौथ व्रत की तरह ही होता है। इस व्रत में भी महिलाएं निर्जला रहकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।

Saumya Tiwariलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीTue, 30 Aug 2022 05:05 AM

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Hartalika teej 2022 Pujan Samagri: हरतालिका तीज का पावन पर्व 30 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर साल हरतालिका तीज मनाया जाता है। इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु के लिए निराहार और निर्जला उपवास रखती हैं। हरतालिका तीज व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजन का विधान है। इस व्रत को सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए कुंवारी कन्याएं भी रख सकती हैं। जानिए हरतालिका तीज व्रत पूजन सामग्री और व्रत नियम-

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हरतालिका तीज व्रत पूजन सामग्री- सुहाग का पिटारा तैयार करने के लिए सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, काजल। इसके अलावा तुलसी, केला का पत्ता, आंक का फूल, मंजरी, शमी पत्र, जनैऊ, वस्त्र, फूल, अबीर, वस्त्र, फल, कुमकुम, चंदन, घी-तेल, दीपक, नारियल, माता की चुनरी, लकड़ी का पाटा, पीला कपड़ा, सुहाग पिटारा और तुलसी आदि।

दान करने के लिए सामग्री- हरतालिका तीज व्रत में सुहाग का सामान चढ़ाया जाता है। जिसमें बिछिया, पायल, कुमकुम, मेहंदी, सिंदूर, चूड़ी, माहौर, कलश, घी-तेल, दीपक, कंघी, कुमकुम और अबीर आदि शामिल है।

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हरतालिका तीज व्रत नियम-

हरतालिका तीज व्रत में भोलेनाथ व माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है। कुछ जगहों पर महिलाएं पूजा के लिए माता पार्वती, भगवान शिव व श्रीगणेश की मिट्टी से प्रतिमा बनाती हैं। यह व्रत निर्जला और निराहार किया जाता है। इस व्रत में अन्न या जल ग्रहण करने की मनाही होती है। हरतालिका तीज व्रत का पारण चतुर्थी तिथि में ही किया जाता है। व्रत रखने वाली महिलाओं को हरतालिका तीज व्रत कथा जरूर सुननी चाहिए।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार हरतालिका तीज व्रत शुरू करने के बाद जीवन भर इस व्रत को नियमित रूप से रखना चाहिए। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती को रेशमी वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। हरतालिका तीज व्रत की पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद सबसे शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य के साथ सुख-शांति व समृद्धि की प्राप्ति होती है।

सावन में हरियाली मनाने के बाद अब भादौ की हरतालिका तीज मनाने का वक्‍त आ गया है। भाद्र मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जा रही है। हरतालिका तीज का व्रत आज है और सुबह से ही इस व्रत की तैयारियां चल रही हैं। मान्‍यता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनके पति की आयु लंबी होती है। वहीं कुंवारी कन्‍याओं को योग्‍य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। महिलाएं निर्जला होकर यह व्रत करती हैं। मान्‍यता है कि इस व्रत को पूर्ण करने के लिए कुछ चीजों का होना जरूरी होता है। इनके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए आपको बताते हैं क्‍या होती है इस व्रत की पूजा सामग्री…

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व्रत की पूजा के लिए सामग्री

हरतालिका तीज व्रत की पूजा के लिए मूर्ति बनाने के लिए गीली काली मिट्टी, बेलपत्र, केले का पत्‍ता, पान, फूल, फल, बताशे, मेवा, कपूर, कुमकुम आदि की आवश्‍यकता होती है। प्रतिमा को स्‍थापित करने के लिए लकड़ी का पाटा, पीला कपड़ा, पूजा के लिए नारियल और माता के लिए चुनरी चाहिए होती है।

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दान करने के लिए सुहाग की सामग्री

हरितालिका तीज व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है और सुहाग की सामग्री चढ़ाई जाती है। जिसमें मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम और दीपक शामिल है।

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हरतालिका तीज की पूजाविधि

सबसे पहले काली गीली मिट्टी से माता पार्वती, भगवान शिव और गणेशजी प्रतिमा तैयार करें और उसे फूलों से सजाएं। इन प्रतिमाओं को कुछ देर के लिए सूखने दें। तब तक आप लकड़ी की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर पूजा की तैयारी करें। तीनों प्रतिमाओं को पीले कपड़े पर स्‍थापित करें। उसके बाद चौकी पर दाईं चावल से अष्‍टकमल तैयार करें और उस पर कलश स्‍थापित करें। अब कलश के ऊपर स्वास्तिक बनाएं और कलश में जल भरकर सुपारी, सिक्का और हल्दी उसमें डाल दें। मूर्तियों का विधि विधान से अभिषेक करें और उसके बाद मां पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित करें और शिवजी को धोती व गमछा चढ़ाएं। पूजा के बाद माता पार्वती को लगा हुआ सिंदूर अपनी भी मांग में लगाएं, और पति के चरण स्‍पर्श करके दीर्घायु का आशीष प्राप्‍त करें। हरितालिका व्रत के दौरान 16 श्रृंगार का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन महिलाएं हाथों में मेहंदी भी लगाती हैं, जिसे सुहाग की निशानी माना जाता है।

तीज के व्रत में पूजा का सामान क्या क्या लगता है?

हरतालिका तीज व्रत पूजन सामग्री- सुहाग का पिटारा तैयार करने के लिए सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, काजल। इसके अलावा तुलसी, केला का पत्ता, आंक का फूल, मंजरी, शमी पत्र, जनैऊ, वस्त्र, फूल, अबीर, वस्त्र, फल, कुमकुम, चंदन, घी-तेल, दीपक, नारियल, माता की चुनरी, लकड़ी का पाटा, पीला कपड़ा, सुहाग पिटारा और तुलसी आदि।

तीज के पूजा के लिए क्या क्या चाहिए?

हरतालिका तीज व्रत में सुहाग का सामान चढ़ाया जाता है। जिसमें बिछिया, पायल, कुमकुम, मेहंदी, सिंदूर, चूड़ी, माहौर, कलश, घी-तेल, दीपक, कंघी, कुमकुम और अबीर आदि शामिल है.

तीज पर क्या दान करें?

उड़द और चने की दाल का दान अनाज और फलों के साथ ही उड़द और चने की दाल का भी दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन सुहागन महिलाओं को इन सभी वस्‍तुओं का दान करने के बाद ही पानी पीना चाहिए।

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