शनि के उपग्रह टाइटन के बारे में आप क्या जानते हैं? - shani ke upagrah taitan ke baare mein aap kya jaanate hain?

यह लेख शनि के चंद्रमा के बारे में है। अन्य प्रयोग के लिए, टाइटन देखें।

टाइटन

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उपनाम

प्रावधानिक नामविशेषण

कक्षीय विशेषताएँ[1]

अर्ध मुख्य अक्षविकेन्द्रतापरिक्रमण कालझुकावस्वामी ग्रह

भौतिक विशेषताएँ

माध्य त्रिज्यातल-क्षेत्रफलद्रव्यमानमाध्य घनत्वविषुवतीय सतह गुरुत्वाकर्षणपलायन वेगघूर्णनअक्षीय नमनअल्बेडोतापमानसापेक्ष कांतिमान

वायु-मंडल

सतह पर दाब संघटन

कैसिनी-हायगन्स अंतरिक्ष-यान से टाइटन का दृश्य

क्रिस्टियान हायगन्स
२५ मार्च १६५५
सैटर्न षष्टम
टाइटैनियन
12,21,870 कि.मी
0.0288
15.945 दिन
0.34854 ° (शनि की भूमध्य रेखा को)
शनि
2,576±2 km (0.404 Earths)[2]
8.3×१०7 km2
1.3452±0.0002×१०23 kg (0.0225 Earths)[2]
1.8798±0.0044 g/cm3[2]
1.352 m/s2 (0.14 g)
2.639 km/s
सिंक्रोनस
शून्य
0.22[3]
93.7 K (−179.5 °C)[4]
7.9
146.7 kPa
98.4% nitrogen (N2)
1.6% methane (CH4)[5]

टाइटन (Titan), या शनि षष्टम, सौर मंडल के शनि ग्रह का सबसे बड़ा चंद्रमा है। यह सौर मंडल के सभी चंद्रमाओं में वातावरण वाला एकमात्र ज्ञात चंद्रमा है, और पृथ्वी के अलावा एकमात्र ऐसा खगोलीय पिंड है जिसके सतही तरल स्थानों, जैसे नहरों, सागरों आदि के ठोस प्रमाण उपलब्ध हों।[6][7] यूरोपीय-अमेरिकी कासीनी अंतरिक्ष यान के साथ गया उसका अवतरण यान, हायगन्स, १६ जनवरी २००४ को टाइटन के धरातल पर उतरा जहाँ उसने भूरे-नारंगी रंग में रंगे टाईटन के नदियों-पहाडों और झीलों-तालाबों वाले चित्र भेजे। टाइटन के बहुत ही घने वायुमंडल के कारण इससे पहले उसकी ऊपरी सतह को देखना या उसके चित्र ले पाना संभव ही नहीं था।[8]

२००८ अगस्त के मध्य में ब्राज़ील की राजधानी रियो दी जनेरो में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के सम्मेलन में ऐसे चित्र दिखाये गये और दो ऐसे शोधपत्र प्रस्तुत किये गये, जिनसे पृथ्वी के साथ टाइटन की समानता स्पष्ट होती है। ये चित्र और अध्ययन भी मुख्यतः कासीनी और होयगन्स से मिले आंकड़ों पर ही आधारित थे।

वातावरण[संपादित करें]

टाइटन का धुंधमय वातावरण sobgood

यान के यहां उतरते समय चारो तरफ काफ़ी धुंध थी पर वह इतनी पारदर्शी थी कि होयगन्स के कैमरे ४० किलोमीटर की ऊंचाई से ही नीचे के दृश्य के फ़ोटो लेने में सक्षम हो पाये। वह कई परतों वाले वायुमंडल से गुज़रता हुआ एक ऊबड़- खाबड़ जगह पर उतरा। वायुमंडल में उसे बिजली कौंधने के संकेत भी मिले। होयगन्स अभियान प्रबंधक जौं पियेर लेब्रेतां के अनुसार इस का मतलब है कि टाइटन का वायुमंडल चंचल है। वहां उस समय तेज़ हवाएं चल रही थीं। पैराशूट के सहारे उतरना काफी झूलेदार रहा होगा। होयगन्स में रखे विश्लेषण उपकरणों ने टाइटन की हवा में तैरने वाले तत्वों का जो विश्लेषण किया, उससे पता चला कि उसके बादल मुख्यतः ईथेन और मीथेन गैसों के बने होते हैं। इन बादलों से मुख्यतः तरल मीथेन की वर्षा होती है। होयगन्स को अपनी यात्रा के दौरान ऐसी कोई बरसात नहीं मिली। इस तरल मीथेन गैस वर्षा से उसके गैस बनने और बरसने का चक्र पृथ्वी पर पानी की बरसात के समान ही होता है। यान के नीचे की जमीन भीगी हुई रेत जैसी दृढ़ थी, फिर भी यान इस जमीन में लगभग १० सेंटीमीटर धंस गया था और एक तरफ को हल्का सा झुक गया था।

शनि के इस उपग्रह और पृथ्वी के बीच और भी कई समानताएं हैं। टाइटन पर ज्वालामुखी जैसी क्रियाएं भी देखने में आती हैं और यहां खाइयां, नदियों के पाट और मुहाने भी दिखते हैं, किन्तु बड़े पहाड़ नहीं दिखे। बहुत कम क्रेटर-जैसे गोलाकार गड्ढे हैं और किसी प्रकार का जीवन नहीं है। वातावरण अत्यंत ठंडा है। तरल मीथेन यहां पानी का काम करती है। हवा में प्रतिध्वनि भी होती है, पृथ्वी की तरह तरंगें भी पैदा होती हैं।

सतह[संपादित करें]

पृथ्वी की तुलना में टाइटन के रेत के टीले

वैज्ञानिक जॉनथन लूनिन के अनुसार होयगन्स जहां उतरा, वहां नीची पहाड़ियों और उनके बीच समतल मैदानों वाली दृश्यावली थी। उतरने से पहले वह एक पहाड़ के ऊपर से होता हुआ गुज़रा। उसने नदियों की कटान से ज़मीन पर बनी टाइटन की ऊपरी सतह पर आकृतियां देखीं, जो एक समतल मैदान की तरफ जा रही थीं। इस इलाके को पार करता हुआ वह एक ऐसी जगह उतरा, जहां पहाड़ियों के बीच आस-पास बड़ी-बड़ी चट्टानें बिखरी हुई थीं। वह कंकड़-पत्थर और बर्फ के टुकड़ों वाली एक समतल जगह पर उतरा। ये चीज़ें शायद पास के पहाड़ों पर से बह कर वहां आयी थीं।

ज्वालामुखी[संपादित करें]

यह चंद्रमा पृथ्वी की अपेक्षा बेहद ठंडा है और औसत तापमान शून्य से भी १८० डिग्री सेल्सियस नीचे है, जो साइबेरिया से भी तीन गुना ठंडा है। नदियों और झीलों में पानी के बदले तरल मीथेन गैस बहती है। ज्वालामुखी से बर्फीली अमोनिया निकलती है। वायुमंडल में ९८.४ प्रतिशत नाइट्रोजन गैस है और शेष १.६ प्रतिशत अन्य गैसें हैं जिसमें मीथेन का अनुपात सर्वाधिक है। वायुमंडल बहुत सघन और गुरुत्वाकर्षण बल कम है। टाइटन शनि का सबसे बड़ा उपग्रह है। ५.१५० किलोमीटर व्यास वाला ये चंद्रमा पृथ्वी के चंद्रमा से १.६२४ किलोमीटर बड़ा है। उसका घना वायुमंडल पृथ्वी के वायुमंडल के विपरीत एक ऐसा विलोम ग्रीनहाउस प्रभाव पैदा करता है कि सूर्य की किरणें अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाती हैं। इस कारण उसे जितना ठंडा होना चाहिये, उससे कहीं अधिक ठंडा है।

चित्रदीर्घा[संपादित करें]

  • टाइटन वातावरण का चित्र

  • टाइटन के उत्तरी ध्रुव का चित्र

  • ग्रीष्म और शीत ऋतुओं के कारण ऊपर गहरा और नीचे हल्का रंग

  • हायगन्स का भेजा टाइटब्न के सतह का चित्र, जो शुक्र, मंगल, पृथ्वी और चंद्रमा के अलावा एकमात्र खगोलीय पिंड के सतह के उपलब्ध चित्र हैं।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • शनि ग्रह
  • कासीनी अंतरिक्ष यान

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. यदि अन्यथा न दिया हो तो: "JPL HORIZONS सौर मंडल आंकड़े". सोलर सिस्टम डायनमिक्स. नासा, जेट प्रोपल्ज़न प्र्योगशाला. मूल से 7 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2007.
  2. ↑ अ आ इ R.A. Jacobson; एवं अन्य (2006). "The gravity field of the saturnian system from satellite observations and spacecraft tracking data". The Astronomical Journal. 132 (6): 2520–2526. डीओआइ:10.1086/508812.
  3. D.R. Williams (अगस्त 21, 2008). "Saturnian Satellite Fact Sheet". NASA. मूल से 30 अप्रैल 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 02 10 2002.
  4. G. Mitri; एवं अन्य (2007). "Hydrocarbon Lakes on Titan" (PDF). Icarus. 186 (2): 385–394. डीओआइ:10.1016/j.icarus.2006.09.004. मूल (PDF) से 27 फ़रवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 दिसंबर 2009.
  5. H. B. Niemann; एवं अन्य (2005). "The abundances of constituents of Titan's atmosphere from the GCMS instrument on the Huygens probe". Nature. 438: 779–784. डीओआइ:10.1038/nature04122.
  6. "News Features: The Story of Saturn". Cassini-Huygens Mission to Saturn & Titan. NASA & Jet Propulsion Lab. मूल से 2 दिसंबर 2005 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 जनवरी 2007.
  7. Stofan, E. R.; Elachi, C.; एवं अन्य (जनवरी 4, 2007). "The lakes of Titan". Nature. 445 (1): 61–64. डीओआइ:10.1038/nature05438.
  8. 4608136,00.html टाइटन की पृथ्वी से अनोखी समानता[मृत कड़ियाँ]

शनि का उपग्रह टाइटन के बारे में आप क्या जानते है?

टाइटन (Titan), या शनि षष्टम, सौर मंडल के शनि ग्रह का सबसे बड़ा चंद्रमा है। यह सौर मंडल के सभी चंद्रमाओं में वातावरण वाला एकमात्र ज्ञात चंद्रमा है, और पृथ्वी के अलावा एकमात्र ऐसा खगोलीय पिंड है जिसके सतही तरल स्थानों, जैसे नहरों, सागरों आदि के ठोस प्रमाण उपलब्ध हों।

वर्तमान में शनि के कितने उपग्रह हैं?

कुल मिलकर, ८ अक्टूबर २०१९ तक, शनि के ८२ ज्ञात उपग्रह थे जिनकी परिक्रमा की कक्षाएँ परखी जा चुकी थीं। इनमें से केवल १३ का व्यास (डायामीटर) ५० किमी से अधिक था और इनमें से ५३ का नामकरण किया जा चुका था। शनि के सात चन्द्रमा इतने बड़े हैं के वे अपने गुरुत्वाकर्षण की खींच से स्वयं को पूरा गोल आकार का कर पाएँ हैं।

शनि ग्रह के सबसे बड़ा उपग्रह कौन है?

टाइटन, शनि का सबसे बड़ा और सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा चंद्रमा है।

शनि के उपग्रह की संख्या कितनी है 2022?

शनि के पास सबसे ज्यादा 82 उपग्रह सौरमंडल में 82 उपग्रहों (चंद्रमा) वाले इस ग्रह का नाम शनि है।

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