शोध के प्रकार और अंत में आप जिस प्रकार के डेटा को इकट्ठा करना चाहते हैं, उसके आधार पर सर्वेक्षण विधियां गुणात्मक या मात्रात्मक हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, आप फ़ॉर्म प्लस के साथ एक ऑनलाइन सर्वेक्षण बनाना और प्रबंधित करना चुन सकते हैं जो आपको उत्तरदाताओं से सांख्यिकीय जानकारी एकत्र करने की अनुमति देता है। गुणात्मक शोध के लिए, आप आमने-सामने साक्षात्कार कर सकते हैं या फोकस समूह व्यवस्थित कर सकते हैं।
सर्वेक्षण एक डेटा संग्रह उपकरण है जो संरचित प्रश्नों के एक समूह को सूचीबद्ध करता है, जिसके उत्तरदाता अपने ज्ञान और अनुभवों के आधार पर उत्तर प्रदान करते हैं।
सर्वे विधि को सर्वेक्षण विधि भी कहा जाता है। इस विधि का प्रयोग समाज मनोवैज्ञानिकों द्वारा सर्वाधिक किया जाता है। आजकल इसका प्रयोग मीडिया जगत द्वारा भी राजनैतिक परिणामों जैसे कि चुनाव परिणाम अथवा लोकप्रिय नेता कौन है? जैसे उद्देश्यों के लिए भी किया जा रहा है। सर्वे विधि का प्रयोग मनोवैज्ञानिक प्रमुख रूप से मनोवृत्ति के अध्ययन हेतु करते हैं। समाज में विभिन्न मुद्दों पर लोगों की राय लेने के रूप में इस विधि की शुरूआत हुई थी। कानून व्यवस्था, आरक्षण, पठन-पाठन विधि, बच्चों का पालन-पोषण, दहेज प्रथा, धार्मिक भावनाए आदि जैसे मुद्दों पर लोगों की मनोवृत्ति के विश्लेषण हेतु सर्वे विधि द्वारा आँकड़े इकट्ठा किये जाते हैं एवं एक खास निष्कर्ष पर पहुचा जाता है।सर्वे विधि का प्रयोग करने से पूर्व जिस समस्या अथवा विषय पर अध्ययन किया जा रहा है। उससे संबंधित जनसंख्या को परिभाषित कर लिया जाता है तथा इस जनसंख्या के एक बड़े समूह को, जिसमें उस परिभाषित जनसंख्या के समस्त गुण विशेषताए विद्यमान होती हैं
को प्रतिनिधिक समूह मानकर प्रतिदर्श चयन कर लिया जाता है। तथा प्रतिदर्श में सम्मिलित लोगों की राय उपयुक्त विधि द्वारा संग्रहित का ली जाती है। संग्रहित जानकारी एवं आँकड़ों का उपयुक्त विधि द्वारा विश्लेषण कर निष्कर्ष निकाला जाता है। उदाहरण के लिए यदि कोई अध्ययनकर्ता बच्चों को मोबाइल की सुविधा उपलब्ध कराना' विषय पर शिक्षक, माता-पिता राजनीतिज्ञ, समाजशास्त्री, मनोवैज्ञानिक आदि की राय जानना चाहता है तो वह इन श्रेणियों के लोगों के प्रतिनिधिक समूहों का चयन कर उनसे इस विषय पर राय लेकर ऑकड़े संग्रहित कर तदनुपरान्त विश्लेषण कर एक खास निष्कर्ष पर पहुंच सकता है। सर्वे विधि की आँकड़ा संग्रहण विधियां
सर्वे विधि में विभिन्न प्रकार के आँकड़ों के संग्रहण की प्रमुख रूप से पाँच विधियाँ हैं।
• साक्षात्कार सर्वे
• मेल सर्वे
• पैनल सर्वे
• टेलीफोन / मोबाइल सर्वे
• इन्टरनेट सर्वे
1. साक्षात्कार सर्वे विधि - इस विधि में किसी समस्या के बारे में आँकड़े संग्रह करने के लिए प्रतिदर्श में सम्मिलित किये गये सभी प्रतिभागियों का एका-एक करके अध्ययनकर्ता साक्षात्कार लेता है। साक्षात्कार एक उद्देश्यपूर्ण बातचीत होती है। इसमें प्रमुख रूप से अध्ययनकर्ता प्रतिभागी से कुछ पूर्व निर्धारित प्रश्न पूछता है। इन प्रश्नों के उत्तरों को संग्रहित कर लिया जाता है। सभी व्यक्तियों द्वारा दिये गये उत्तर के आधार पर अध्ययनकर्ता एक निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचता है।
2. मेल सर्वे विधि - इस विधि में अध्ययनकर्ता अध्ययन विषय से संबंधित प्रश्नों की एक पुस्तिका छपवाकर उसे डाक द्वारा प्रतिभागियों के घर भेज देता है। इस पुस्तिका में प्रश्नों के उत्तर देने का तरीका एवं निर्देश छपा हुआ होता है। प्रतिभागियों प्रश्नों के उत्तर देकर इस पुस्तिका को पुनः डाक द्वारा अध्ययनकर्ता को लौटा देते हैं। इस प्रकार अध्ययन हेतु ऑकड़ों का संग्रह हो जाता है।
3. पैनल सर्वे विधि - इस विधि में व्यक्तियों के एक प्रतिनिधिक समूह जिसे कि प्रतिदर्श कहा जाता है का कई बार विभिन्न समय अन्तराल पर साक्षात्कार लिया जाता है।
इस विधि की खास विशेषता यह है कि प्रतिनिधिक समूह से एक ही समस्या से संबंधित प्रश्नों के उत्तर अलग-अलग समय अन्तराल पर हूबहू पूछे जाते हैं एवं प्राप्त उत्तरों को ऑकड़ों के रूप में सम्मिलित कर लिया जाता है। इस विधि से एक अतिरिक्त लाभ यह होता है कि अध्ययनकर्ता को यह स्पष्ट रूप से ज्ञात हो जाता है कि वे कौन से कारक हैं जो समस्या के प्रति व्यक्तियों की मनोवृत्ति में अन्तर लाते हैं।
4. टेलीफोन/मोबाइल सर्वे विधि - इस विधि में अध्ययकर्ता अध्ययन में सम्मिलित किये गये व्यक्तियों द्वारा ही प्रश्नों के उत्तर टेलीफोन पर पूछ लेता है। इस विधि द्वारा सर्वाधिक शीघ्रता से आँकड़ा संग्रहण का कार्य पूर्ण हो जाता है। परन्तु देखा गया है कि टेलीफोन पर व्यक्ति प्रश्नों का सही-सही जवाब विशेषकर वैसे प्रश्नों का जवाब जिसका सम्बंध नैतिकता से होता है, नहीं दे पाता है। वे देश जहाँ टेलीफोन अथवा मोबाइल की सुविधा बहुत कम व्यक्तियों के पास उपलब्ध है इस विधि का उपयोग नहीं हो पाता है।
5. इन्टरनेट सर्वे विधि - इस विधि में मोबाइल एवं मेल सर्वे विधि दोनों ही की विशेषताए सम्मिलित हैं। इन्टरनेट पर मेल के साथ ही चैट की सुविधा सहज ही उपलब्ध है। तथा इसमें प्रश्नों को छपे हुए फार्मेट में लोगों के पास भेज पाना अत्यन्त ही सहज है। इस विधि द्वारा समय एवं श्रम दोनों की ही बचत होती है। इस विधि का दोष यह है कि यह सुविधा भी सभी देशों के सभी नागरिकों के पास उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रतिनिधिक ऑकड़ों का संग्रह इस विधि से भी पूरी तरह संभव नहीं है।