16. मेन्शेविकों और बोल्शेविक के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर – रूस की बोल्शेविक क्रांति मेन्शेविकों (अल्पमतवाले साम्यवादियों) और वोल्शेविकों (बहुमतवाले साम्यवादियों) के बीच सत्ता संघर्ष का परिणाम थी। रूस में राजतंत्र की समाप्ति के बाद सत्ता मेन्शेविक दल के नेता करेन्सकी के हाथों में आई, परंतु उसकी सरकार अलोकप्रिय थी। मेन्शेविक संवैधानिक रूप से देश में राजनीतिक परिवर्तन चाहते थे तथा मध्यमवर्गीय क्रांति के समर्थक थे। परंतु बोल्शेविक क्रांति के द्वारा परिवर्तन लाना चाहते थे जिसमें मजदूरों की विशेष भूमिका हो । बोल्शेविक दल के नेता लेनिन ने ट्रॉटस्की की सहायता से केरेन्सी की सरकार का तख्ता पलट दिया।
17. लेनिन का संक्षिप्त परिचय दें।
उत्तर – रूस में वोल्शेविक क्रांति का प्रणेता लेनिन था। उसका जन्म 10 अप्रैल, 1870 को बोल्गा नदी के किनारे स्थित सिमब्रस्क नामक गाँव में हुआ था. विद्यार्थी जीवन से ही वह मार्क्सवाद से प्रभावित होकर उसका कट्टर समर्थक बन गया। वह रूस की तत्कालीन स्थिति से क्षुब्ध था और प्रचलित व्यवस्था की समाप्ति चाहता था। वोल्एशेविक दल का नेता लेनिन ने ट्राटस्की के सहयोग से उसने करेन्सकी की सरकार का तख्ता पलट दिया। शासन संभालते ही उसेन अपने उद्देश्य और कार्यक्रम निश्चित किए। लेनिन का उद्देश्य रूस का नवनिर्माण करना था।
18. समाजवाद क्या है ?
उत्तर – समाजवाद एक ऐसी विचारधारा है जिसने आधुनिक काल में समाज को एक नया आयाम दिया। समाजवाद उत्पादन में मुख्यतः निजी स्वामित्व की जगह सामूहिक स्वामित्व या धन के समान वितरण पर जोर देता है। यह एक शोषण उन्मुक्त समाज की स्थापना चाहता है।
19. पूँजीवाद क्या है?
उत्तर- पूँजीवाद एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें उत्पादन के सभी साधनों, कारखानों तथा विपणन में पूँजीपतियों का एकाधिकार होता है। ऐसी व्यवस्था में बड़े पैमाने पर उत्पादन पूँजीपति अपने निहित स्वार्थ के लिए करते हैं।
20. समाजवादी दर्शन क्या है?
उत्तर - समाजवाद उत्पादन में मुख्यतः निजी स्वामित्व की जगह सामूहिक स्वामित्व या धन के समान वितरण पर जोर देता है। समाजवादी, शोषण उन्मुक्त समाज की स्थापना चाहते हैं। समाजवादी व्यवस्था एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसके अंतर्गत उत्पादन के सभी साधनों, कारखानों तथा विपणन में सरकार का एकाधिकार हो । समाजवादी व्यवस्था में उत्पादन निजी लाभ के लिए न होकर सारे समाज के लिए होता है।
21. अक्टूबर क्रांति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर - 1917 में रूस में जो क्रांति हुई उसे अक्टूबर क्रांति अथवा बोल्शेविक क्रांति के नाम से जाना जाता है । यद्यपि यह क्रांति 7 नवंबर, 1917 को हुई थी (नई ग्रेगोरियन कैलेंडर)। परंतु पुराने रूसी कैलेंडर के अनुसार वह दिन 25 अक्टूबर, 1917 था। इसलिए बोल्शेविक क्रांति, अक्टूबर क्रांति भी कहलाती है।
22. नई आर्थिक नीति (NEP) पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर – लेनिन ने 1921 में एक नई आर्थिक नीति (NEP) लागू की। इसके सीमित रूप से किसानों और पूँजीपतियों को व्यक्तिगत संपत्ति रखने की अनुसार । अनुमति दी गई। यह नीति कारगर हुई। खेती की पैदावार बढ़ी तथा उद्योग-धंधों में भी उत्पादन बढ़ा। इससे रूस समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ा। लेनिन ने जिस नई ! आर्थिक नीति को लागू किया उससे रूस की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।
23. रूस की क्रांति किसके नेतृत्व में हुई थी ?
उत्तर - 1917 ई० की रूसी क्रांति बोल्शेविक दल के नेता लेनिन के नेतृत्व में हुई थी।
24. रूसीकरण की नीति क्रांति हेतु कहाँ तक उत्तरदायी थी?
उत्तर – रूस में विभिन्न प्रजातियों के निवासी थे। इनमें स्लावों की संख्या सबसे अधिक थी। इनके अतिरिक्त फिन, पोल, जर्मन, यहूदी इत्यादि भी थे। ये भिन्न-भिन्न भाषा तथा रीति-रिवाज को मानते थे। इसलिए रूसी सरकार ने देश की एकता के लिए रूसीकरण की नीति अपनाई। जार की नीति थी— “एक जार, एक चर्च और एक रूस।" परंतु रूस का अल्पसंख्यक वर्ग सरकार की इस नीति से व्यग्र हो गया। ज़ार ने देश के सभी लोगों पर रूसी भाषा, शिक्षा और संस्कृति लादने का प्रयास किया। 1863 ई० में इस नीति के विरुद्ध पोलों ने विद्रोह कर दिया जिसे दबा दिया गया। इस प्रकार रूसी राजतंत्र के प्रति उनका आक्रोश बढ़ता गया।
25. रूस में प्रति-क्रांति क्यों हुई? बोल्शेविक सरकार ने इसका सामना कैसे किया ?
उत्तर – बोल्शेविक क्रांति की नीतियों से वैसे लोग व्यग्र हो गए जिनकी संपत्ति और अधिकारों को नई सरकार ने छीन लिया था। अतः सामंत पादरी, पूँजीपति, नौकरशाह सरकार के विरोधी बन गए। वे सरकार का तख्ता पलटने का प्रयास कर रहे थे। उन्हें विदेशी सहायता भी प्राप्त थी । लेनिन ने प्रति क्रांतिकारियों का कठोरता ! पूर्वक दमन करने का निश्चय किया। इसके लिए 'चेका' नामक विशेष पुलिस दस्ता । का गठन किया गया। इसने निर्ममतापूर्वक हजारों षडयंत्रकारियों को मौत के घाट उतार दिया। चेका के लाल आतंक ने षडयंत्रकारियों की कमर तोड़ दी।
26. 1917 ई० की क्रांति के समय रूस में किस राजवंश का शासन था ? इस शासन का स्वरूप क्या था?
उत्तर - 1917 ई० की क्रांति के पूर्व रूस में रोमोनोव वंश का शासन था। इस वंश के शासन का स्वरूप स्वेच्छाचारी राजतंत्र था। रूस का सम्राट जार अपने आपको ईश्वर का प्रतिनिधि समझता था। वह सर्वशक्तिशाली था तथा राज्य की सारी शक्तियाँ उसी के हाथों में केंद्रित थी। राज्य के अतिरिक्त वह रूसी चर्च का भी प्रधान था। प्रशा जार और उसके अधिकारियों से त्रस्त था।
27. रूस की संसद को क्या कहा जाता था? H
उत्तर – रूस की संसद को ड्यूमा कहा जाता था।
28. 'रूस की क्रांति' ने पूरे विश्व को प्रभावित किया। किन्हीं दो उदाहरणों द्वारा स्पष्ट करें।
उत्तर - रूस की क्रांति ने पूरे विश्व को प्रभावित किया। इसके उदाहरण इस प्रकार हैं——
(i) इस क्रांति के पश्चात श्रमिक या सर्वहारा वर्ग की सत्ता रूस में स्थापित हो गई तथा इससे अन्य क्षेत्रों में भी आंदोलन को प्रोत्साहन मिला।
(ii) द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात पूँजीवादी विश्व तथा सोवियत रूस के बीच शीतयुद्ध की शुरुआत हुई और आगामी चार दशकों तक दोनों खेमों के बीच हथियारों की होड़ जारी रही। की प्रथा किस वर्ष समाप्त हुई ?