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सफेद दाग का इलाज अब और भी प्रभावी : डॉ. सरोज राय
सफेददाग (विटिलिगो) को लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं। सफेद दाग एक ऐसी बीमारी है जो किसी प्रकार का नुकसान तो नहीं पहुंचाती, लेकिन सुंदरता पर ग्रहण लगा देती है। ये बातें झारखंड की प्रख्यात चर्म रोग विशेषज्ञ सह लेजर कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. सरोज राय ने कहीं। उन्होंने कहा कि सफेद दाग को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की गलत धारणाएं हैं। सच्चाई यह है कि हमलोगों को यह बेशक कोई बीमारी लगती हो, डॉक्टरों की निगाह में महज कॉस्मेटिक प्रॉब्लम है। विश्व विटिलिगो डे इसलिए मनाया जाता है कि लोगों में इसके बारे में जागरूकता अाए। भ्रांतियां खत्म हों।
सफेद दाग को ल्यूकोडर्मा, विटिलगो आदि नामों से भी जाना जाता है। मुश्किल तब होती है जब यह दाग दिखने वाले हिस्सों मसलन, चेहरे, हाथ, पैर की अंगुलियों, गर्दन आदि में होते हैं। सफेद दाग को लेकर सामाजिक भ्रांतियां भी हैं। कुछ लोग इसे कुष्ठ रोग मानने की भी भूल कर बैठते हैं। कुछ लोगों को यह भय होता है कि यह संक्रामक है, इसलिए लोग ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने से बचते हैं। लेकिन ये सब भ्रांतियां हैं। यह बीमारी जरूर है, लेकिन इससे किसी को कोई भी हानि नहीं होती है।
लेज तकनीक से स्थाई इलाज
लेजरतकनीक से प्रभावित हिस्से के अत्यधिक पतले चमड़ी को हटाया जाता है और उस स्थान पर रंगों की कोशिका छोड़ दी जाती है। छह हफ्ते बाद इसे हटा दिया जाता है। चार हफ्ते में त्वचा में वास्तविक रंग आने शुरू हो जाते हैं। पूरा इलाज में दो से चार महीना का समय लगता है। रांची में यह सुविधा काफी कम खर्च में उपलब्ध है।
पंच एवं स्पिलिट ग्राफ्टिंग
इसमेंरोगी के शरीर से ही त्वचा के छोटे-छोटे टुकड़े लेकर सफेद दाग वाले स्थान पर कुछ-कुछ दूरी पर प्रत्यारोपित कर दिए जाते हैं। कुछ समय के बाद ये त्वचा के टुकड़े सक्रिय होने लगते हैं तथा सफेद दाग वाले स्थान को कवर कर लेते हैं। ये सामान्य त्वचा से मिलकर उसी के रंग में रंग जाते हैं।
वर्ल्ड विटिलिगो डे के अवसर पर ईशान स्किन केयर हॉस्पिटल, मेडिकल चौक, बरियातू में शनिवार को चर्म रोग विशेषज्ञ सह लेजर कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. सरोज राय ने 75 मरीजों का निशुल्क इलाज किया। इसमें सफेद दाग के मरीजों को आवश्यकतानुसार मुफ्त दवाइयां भी दी गईं तथा हेमोग्लोबिन टेस्ट भी किया गया।