सरसों तेल जोड़ों के दर्द में लाभकारी
सरसों के तेल को आप जोड़ों और मांसपेशियों में हो रहे दर्द से आराम पाने के लिए भी कर सकते हैं। यदि आपको ऐसी समस्या रहती है तो हल्का सा सरसों के तेल को गर्म करके नियमित रूप से हल्के हाथों से मारिश कर सकते हैं। ये शरीर में रक्त के संचार को सुधार करने का काम करता है।
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नारियल तेल के फायदेनारियल तेल कई तरह के पोषक तत्व और सैचुरेटेड फैट से भरपूर होता है। नारियल तेल को खाघ तेल भी कहा जाता है, यह तेल अन्य तेलों से अधिक उपयोगी होता है। नारियल तेल आपके त्वचा, बाल की सुंदरता को चार चांद लगाने का काम करता है। नारियल तेल त्वचा को मॉस्चराइजर प्रदान करता है। नारियल तेल में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। स्किन को मुलायम बनाए रखने के लिए सर्दियों में इस्तेमाल करते हैं।
इस तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्टी एसिड (एमयूएफए) भरपूर मात्रा में होता है, इसके अलावा इसमें बड़ी मात्रा में ओमेगा-3 फैट्टी एसिड और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड भी होते हैं
Kachi Ghani Sarson Ka Tel: हमारे देश में सबसे ज्यादा जो तेल प्रयोग किया जाता है वो है कच्ची घानी सरसों का तेल. अब डॉक्टर्स ने भी माना है कि इस तेल का खाने में प्रयोग करने से कई तरह के फायदे होते हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और मशहूर फिजीशियन- कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि कोरोना के समय में सरसों के तेल का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा है.
इस तेल में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्टी एसिड (एमयूएफए) भरपूर मात्रा में होता है, इसके अलावा इसमें बड़ी मात्रा में ओमेगा-3 फैट्टी एसिड और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड भी होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव (ऑक्सीजन रिएक्टिव स्पेसीस के प्रोडक्शन और संचय में होने वाला असंतुलन) और सूजन को कम करते हैं.
पुरी ऑयल मिल्स लिमिटेड (पी मार्क मस्टर्ड ऑयल के निर्माता) की रिसर्च एंड डेवलपमेंट विंग मस्टर्ड रिसर्च प्रमोशन कंसोर्टियम (एमआरपीसी) की डायरेक्ट डॉ. प्रज्ञा गुप्ता कहती हैं, “सरसों के तेल की जो कंपोजिशन है वह कार्डियोलॉजी की नजर से बहुत ही अच्छी है. यही वजह है कि सारे डॉक्टर्स दिल की बीमारियों, उच्च रक्ताचाप और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने के लिए सरसों के तेल से भोजन पकाने की सलाह देते हैं. कच्ची घानी सरसों का तेल अपनी शुद्धता, प्राकृतिक तत्वों से भरपूर होने, एक्स्ट्रा-वर्जिन, कोल्ड-प्रेस्ड होने के कारण स्वास्थ्य के लिए कई फायदे देता है”.
फोर्टिस हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट गुरुग्राम, फोर्टिस हॉस्टिपटल वसंत कुंज के चेयरमेन और प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.टी.एस. क्लेर के मुताबिक सरसों के तेल के कई ऐसे फायदे हैं, जो अन्य तेलों से नहीं मिलते हैं.
वे कहते हैं, “सभी खाद्य तेलों में सरसों के तेल को सेहत के लिए सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें संतृप्त फैट्टी एसिड की कम मात्रा और मोनोअनसैचुरेटेड फैट्टी एसिड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट्टी एसिड की बहुत ज्यादा मात्रा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है. इसमें पाया जाने वाला अल्फा-लिनोलेनिक एसिड खून में प्लेटलेट्स के इकट्ठा होने की प्रवृत्ति को कम करता है, इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो जाता है. कई क्लीनिकल स्टडीज में यह पाया गया है कि सरसों का तेल दिल की सेहत के लिए सबसे अच्छा होता है.”
तेल के मामले में सबसे अहम बात है, उसका ट्रांस फैट जिसे डॉ. अग्रवाल किलर फैट कहते हैं. इसके कारण ही दिल की बीमारियां और स्ट्रोक होते हैं. सरसों के तेल में ट्रांस फैट नहीं होता है.
बता दें कि ट्रांस फैट का ज्यादा सेवन करने से शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है, जो बहुत ही हानिकारक होता है. यह उच्च रक्तचाप, धमनियों के सख्त होने (एथेरोस्क्लेरोसिस), दिल का दौरा पड़ने और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है.
(एजेंसी से इनपुट )
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रिफाइंड तेल अच्छी तरह से रिफाइंड कच्चा तेल होता है और पौधे या वनस्पति से रासायनिक रूप से बदलकर प्राप्त किया जाता है, जबकि सरसों का तेल सरसों के बीज को कुचलने से प्राप्त किया जाता है।
सरसों तेल और रिफाइंड के पोषक तत्व
फैट सीक्रेट (FatSecret) के अनुसार, 100 ग्राम सरसों के तेल और रिफाइंड में ऊर्जा 884 किलो कैलोरी होती है और फैट 100 ग्राम होता है। सरसों तेल में सैचुरेटेड फैट 14.4 ग्राम और रिफाइंड में 11.582 ग्राम होता है जबकि मोनोअनसैचुरेटेड फैट 23.3 ग्राम और 59.187 ग्राम होता है। अगर बात करें पॉलीअनसेचुरेटेड फैट की तो सरसों तेल में 57.9 ग्राम और रिफाइंड में 21.23 ग्राम होता है।
रोगाणुओं के विकास को रोकने में सहायक
सरसों का तेल अपने एंटी-माइक्रोबियल गुणों के कारण शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकता है। एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध ने निष्कर्ष निकाला कि अन्य एंटी-माइक्रोबियल तेलों की तुलना में, सरसों का तेल रोगजनक बैक्टीरिया विकास को रोकने में सबसे प्रभावी था।
ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक
एनसीबीआई के एक अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला है कि सरसों के तेल में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो ट्राइग्लिसराइड लेवल कम करके ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकता है दिल के रोगों से बचाता है।
त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
सरसों के तेल का त्वचा और बालों के लिए अच्छा होता है क्योंकि यह त्वचा के ऊतकों को मजबूत करने के लिए जाना जाता है। एनसीबीआई के एक अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला है कि सरसों के तेल से मालिश करने से बच्चों में त्वचा बेहतर बनती है।
कैंसर को रोकने में सहायक
एनसीबीआई के एक अध्ययन से पता चला है कि सरसों के बीज एलिल आइसोथियोसाइनेट से भरे होते हैं, जो कुछ प्रकार के कैंसर के विकास को कम कर सकते हैं। इससे शरीर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद मिल सकती है।
एंटी इंफ्लेमेटरी गुण
अध्ययन के अनुसार, सरसों के तेल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जिसके कारण गठिया के लक्षणों से राहत मिल सकती है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है और सूजन को काफी हद तक कम करता है।
आपको कौन सा तेल खाना चाहिए
जाहिर है कई रिसर्च में सरसों के तेल के कई बड़े स्वास्थ्य लाभ बताए गए हैं। इसे रिफाइंड तेल की तुलना में ज्यादा लाभदायक माना गया है। हालांकि कई लोगों को सरसों के तेल का स्वाद पसंद नहीं होता है। अब आप अपने स्वाद अनुसार तय करें कि आपको कौन सा तेल खाना चाहिए।