नाक का मांस बढ़ना का इलाज आयुर्वेदिक - naak ka maans badhana ka ilaaj aayurvedik

नेजल पॉलीप्स साइनस और नाक के मार्ग में असामान्य ऊतकों की वृद्धि को कहते हैं, जो चेहरे की हड्डियों के अंदर पाए जाते हैं। दरअसल साइनस आपके नाक के दोनों ओर एवं आपके गाल, आंखों और माथे के पीछे होते हैं। नेजल पॉलीप्स अक्सर संक्रमण, एलर्जी, कमजोर इम्यून सिस्टम, अस्थमा और अन्य कारणों से हो सकता है। इसके कारण आपको सांस लेने में परेशानी, सूंघने की क्षमता में कमी, नाक बहना और संक्रमण जैसी परेशानियां हो सकती  हैं। इसके लिए आपको डॉक्टर से सलाह और दवाईयां तो लेनी ही चाहिए। साथ ही आपको अपने स्तर भी कुछ प्रयास करना चाहिए ताकि आप दर्द से छुटकारा पा  सकें। 

नेजल पॉलीप्स की समस्या में अपनाएं ये उपाय

1. नाक धोने का प्रयास करें

नेजल पॉलीप्स की समस्या होने पर कई बार दर्द या जलन इतनी ज्यादा होती है कि आप नाक की अंदर से सफाई नहीं कर पाते हैं। लेकिन आपको नाक की अंदरूनी सफाई का प्रयास जरूर करना चाहिए। नाक को धोने से अन्य एलर्जी के फैलने की संभावना कम रहती है। दरअसल नाक की एलर्जी के कारण आपकी नेजल पॉलीप्स की समस्या और बढ़ सकती है। नेट पॉड्स की मदद से आप नाक धो सकते हैं। इसमें आप अपने नाक की एक ओर से खारा पानी डालते हैं और फिर उसे नाक की दूसरी ओर से निकालते हैं। इससे नाक में एलर्जी और संक्रमण की दिक्कत होने की संभावना कम हो जाती है। 

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2. ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें

नेजल पॉलीप्स और लगातार जलन का एक अन्य कारण कम ह्यूमिडिटी भी हो सकती है। ह्यूमिडिटी कम होने के कारण नेजल पॉलीप्स की समस्या ट्रिगर हो सकती है और कुछ लोगों को तो इससे खांसी की समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए जहां संभव हो, वहां ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें। इससे साइनस की समस्या और नाक बंद जैसी परेशानियों को दूर करने में मदद मिल सकती है। 

3. स्टीम लेना 

स्टीम लेने से आपकी साइनस की समस्या में काफी राहत मिलती है। गर्म भाप लेने से नाक के मार्ग में आ रही  रुकावट दूर होती है और नाक के प्रवाह को बेहतर बनाती है। इससे नाक की सूजन, जलन और बंद नाक को ठीक करने में मदद मिलती है। इसे आप दिन में दो बार कर सकते हैं। इसे आप 5 मिनट के लिए ही करें। 

4. खाने में गरम मसालों का इस्तेमाल करें

मसालेदार भोजन करने से आपके शरीर का तापमान बढ़ सकता है और बहती नाक की दिक्कत कम हो सकती है। दरअसल मसालेदार खाना आपके नाक बहना को ट्रिगर कर सकता है। इसके लिए आप अपने खाद्य पदार्थ में अधिक हरी मिर्च का इस्तेमाल करें। 

इसे भी पढे़ं- साइनस (साइनोसाइटिस) की बीमारी से जुड़े 6 मिथक और उनकी सच्चाई जानें डॉक्टर से

5. हल्दी को अपने आहार में शामिल करें

हल्दी को अपने आहार में शामिल करना आपके लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है। इससे नेजल पॉलीप्स की परेशानी में भी आराम मिलता है। हल्दी के एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो नाक की सूजन और बेचैनी को कम कर सकता है। इसे आप अपने खाने या गर्म दूध के साथ मिलाकर पी सकते हैं।

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6. डस्ट से दूर रहें

धूल के कारण भी नेजल पॉलीप्स की दिक्कत को बढ़ा सकता है। अगर आपको धूल से एलर्जी है, तो आपके लिए ये और परेशानी भरा हो सकता है। इसलिए धूल के संपर्क में आने से बचने के लिए हमेशा अपने आसपास के वातावरण को साफ रखें और बाहर निकलने से पहले हमेशा अपनी नाक और चेहरे को मास्क या कपड़े से जरूर कवर कर लें। 

इसके अलावा आपको अपने आहार में इम्यून सिस्टम मजबूत करने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। साथ ही उन चीजों से दूरी बनानी चाहिए, जिससे ये परेशानी ट्रिगर हो सकती है। 

अक्सर आपने देखा होगा कि अचानक से सांस लेने में दिक्कत शुरू हो जाती है या आप एक साइड से सांस आराम से ले पाते हैं और दूसरी साइड से सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है। ऐसी स्थिति में या तो कभी नाक की हड्डी मुड़ जाती है या नाक के अंदर मांस बढ़ जाता हैय़ आज का हमारा लेख नाक के अंदर मांस बढ़ने के ऊपर है। यह मांस कैंसर मुक्त और दर्द रहित हो सकता है। लेकिन इसके कारण व्यक्ति को काफी असामान्यता महसूस होती है। जब व्यक्ति की नाक में मांस बढ़ना शुरू हो जाता है तो उसके चेहरे पर सूजन, एलर्जी आदि लक्षण भी नजर आते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि नाक मे मांस बढ़ने के पीछे क्या क्या कारण (Nasal Polyps Causes) हो सकते हैं। साथ ही हम लक्षण और बचाव (treatment of nasal polyposis) भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...

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नाक में मांस बढ़ने के कारण (Causes of nasal polyposis)

बता दें कि अभी तक इसका मूल कारण समझ में नहीं आया है। लेकिन कुछ ऐसे कारण भी हैं, जिसे इसका जिम्मेदार माना जा सकता है। वह कारण इस प्रकार हैं-

1 - अस्थमा की समस्या एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण सांस की नली में सूजन और दर्द पैदा हो जाता है। साथ ही जलन के कारण मांस बढ़ने लगता है।

2 - जब व्यक्ति के शरीर में एस्पिरिन सेंसटिविटी की अवस्था पैदा हो जाती है तो इसी कारण भी मांस बढ़ने लगता है।

3 - जब नाक में गाढ़ा और चिपचिपा द्रव बनने लगता है तो इस स्थिति को सिस्टिक फाइब्रोसिस के नाम से जाना जाता है इस समस्या में भी मांस बढ़ सकता है।

4 - जैसा कि हमने पहले भी बताया कि मांस बढ़ने के पीछे अभी कोई स्पष्ट कारण ज्ञात नहीं है। ऐसे में कुछ ऐसे कारण भी माने गए हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों से जुड़े होते हैं, जिसके कारण भी मांस बढ़ सकता है।

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नाक में मांस बढ़ने के लक्षण (Symptoms of nasal polyposis)

1 - नाक बहने शुरू हो जाना

2 - नाक में उपस्थित द्रव का गले की तरफ जाना।

3 - सुनने की शक्ति का कमजोर हो जाना

4 - चेहरे पर दर्द महसूस करना

5 - सिरदर्द की समस्या पैदा हो जाना

6 - ऊपर के दांतो में दर्द महसूस करना

7 - खर्राटे लेना

8 - ठीक प्रकार से सांस ना ले पाना

9 - नाक का रुका हुआ महसूस करना

10 - गंध का कम आना

बता दें लक्षण मांस बढ़ने के साथ-साथ साइनसाइटिस के भी होते हैं। ऐसे में अगर 1 हफ्ते से ज्यादा इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

इसे भी पढ़ें-  क्या आपकी नाक से आती है बदबू? जानें इस समस्या के 5 कारण और बदबू दूर करने के टिप्स

नाक के मांस बढ़ने से बचाव (treatment of nasal polyposis)

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि नाक के मांस बढ़ने के पीछे कोई स्पष्ट कारण अभी नहीं मिला है। ऐसे में कोई स्पष्ट बचाव भी नहीं है। लेकिन हां कुछ ऐसे रोकथाम हैं जिनके माध्यम से आप अपनी समस्या को रोक सकते हैं-

1 - अगर आप अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएंगे तो ऐसा करने से बैक्टीरिया या वायरस आपके भीतर प्रवेश नहीं कर पाएंगे और नाक की समस्या जैसे जलन, दर्द, सूजन, साइनस आदि सक्रिय कम होंगे।

2 - अक्सर आपने देखा होगा कि हवा के अंदर उत्तेजक पदार्थ फैले हुए होते हैं, जो सांस के सहारे नाक में प्रवेश कर जाते हैं। इनसे बचना भी हमारी प्राथमिकता है। साथ ही तंबाकू के धुएं से धूल के कण आदि से बचाव भी आपकी जिम्मेदारी है।

3 - अस्थमा और एलर्जी के इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि अगर इसका इलाज ठीक प्रकार से नहीं हो पा रहा है तब भी मांस बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।

नोट - नाक में मांस बढ़ने की जांच के लिए डॉक्टर कुछ परीक्षण बताते हैं जैसे- नेजल एंडोस्कोपी, इमेजिंग टेस्ट, सिस्टिक फाइब्रोसिस के लिए एलर्जी टेस्ट आदि। डॉक्टर पता लगाते हैं कि आपके नाक में मांस बढ़ा है या नहीं। उसके बाद डॉक्टर कुछ दवाइयों के माध्यम से इस समस्या को दूर करने की कोशिश करते हैं। साथ ही सर्जरी के माध्यम से भी समस्या को दूर किया जा सकता है। बता दे अगर मांस ज्यादा बढ़ा हुआ है तो कभी-कभी जटिलताएं भी बढ़ जाती है जैसे व्यक्ति नींद के दौरान तेज-तेज सांस लेना शुरू कर देता है या साइनस का संक्रमण भी बढ़ सकता है। ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।

यह लेख हीलिंग केयर ईएनटी क्लीनिक नोएडा के ईएनटी स्पेशलिस्ट (एमबीबीएस एमएस) डॉ अंकुर गुप्ता से बातचीत पर आधारित है।

नाक का मांस बढ़ जाए तो क्या करें?

नाक के मस्से से निजात पाने के लिए इन 4 तेलों का क्रमवृद्ध तरीके से इस्तेमाल करे। सबसे पहले नाक में बादामरोगन, फिर अणु तेल उसके बाद श्रणबिंदु तेल और अंत में घर मौजूद सरसों का तेल डाल सकते हैं। रात में रीठा, त्रिकुटा को पानी में भिगो दें और सुबह छानकर इसे धीरे से नाक में डाले। 5 बादाम, 5 काली मिर्च चबाकर खा लें।

नाक के अंदर मांस क्यों बढ़ जाता है?

हमारे नाक का ज़्यादातर हिस्सा मांस का ही बना होता है. नाक के मांस की मांसपेशियाँ थोड़ी सख्त होती हैं ताकि नाक को एक निश्चित आकार दिया जा सके. आमतौर पर तो नाक बंद रहने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन हमेशा एक या दोनों तरफ की नाक बंद रहने की वजह नाक के अंदर पोलिप्स का बनना भी हो सकता हैं.

आप अपनी नाक में पॉलीप्स को बढ़ने से कैसे रोकते हैं?

You may help reduce your chances of developing nasal polyps or having nasal polyps recur after treatment with the following strategies:.
Manage allergies and asthma. Follow your doctor's treatment recommendations. ... .
Avoid nasal irritants. ... .
Practice good hygiene. ... .
Humidify your home. ... .
Use a nasal rinse..

बिना सर्जरी के आप नाक के जंतु से कैसे छुटकारा पा सकते हैं?

यदि आपको नेज़ल पॉलीप्स और क्रॉनिक साइनसाइटिस है, तो आपकी स्थिति का इलाज करने के लिए आपका डॉक्टर आपको डुपिलुमाब (डुपिक्सेंट) नामक दवा का इंजेक्शन दे सकता है । यह दवा नाक के जंतु के आकार को कम कर सकती है और जमाव को कम कर सकती है।