मकर राशि का गुरु कौन होता है? - makar raashi ka guru kaun hota hai?

Jupiter Transit In Capricorn 2021: गुरु का गोचर शनि की युति के साथ होगा जिसका प्रभाव लंबे समय तक रहेगा। जानिए किन राशियों के लिए ये गोचर सुखदायी साबित होगा।

Guru Gochar 2021: ज्योतिष में गुरु को एक ज्ञानी ग्रह के रूप में जाना जाता है। गुरु धनु और मीन राशि का स्वामी है। कर्क राशि में ये उच्च का होता है तो मकर में नीच का माना जाता है। ये ग्रह भाग्य और मान-प्रतिष्ठा प्राप्ति का कारक ग्रह है। गुरु ग्रह 14 सितंबर को मकर राशि में प्रवेश करने जा रहा है और 21 नवंबर तक इसी राशि में रहेगा। गुरु का गोचर शनि की युति के साथ होगा जिसका प्रभाव लंबे समय तक रहेगा। जानिए किन राशियों के लिए ये गोचर सुखदायी साबित होगा।

मेष: गुरु ग्रह का गोचर इस राशि के दशवें भाव में होने जा रहा है। जो करियर में सफलता दिलाने का कारक बनेगा। इस गोचर के दौरान आपको उपलब्धियां प्राप्त होंगी। इस दौरान आपकी कोई अधूरी इच्छा पूरी हो सकती है। नौकरी पेशा लोगों को पदोन्नति मिल सकती है। आर्थिक रूप से आप अपने को सक्षम महसूस करेंगे। कार्यक्षेत्र में आपको मान-सम्मान की प्राप्ति होने के आसार रहेंगे। काम के चलते छोटी मोटी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं जिसमें धन लाभ होता दिखाई दे रहा है।

वृषभ: वृषभ राशि वालों को भाग्य का साथ मिलेगा। जो लोग नौकरी की तलाश कर रहे हैं उन्हें सफलता मिल सकती है। आपकी आय बढ़ने के प्रबल आसार रहेंगे। आपको इस अवधि में हर क्षेत्र में भाग्य का साथ मिलेगा। आपको अपने लक्ष्यों में सफलता मिलेगी। समाज में प्रसिद्धि और सम्मान मिलेगा। धन का प्रवाह आपके लिए अनुकूल रहेगा। आय के कुछ नए स्रोत खुलेंगे। वाहन सुख की प्राप्ति के प्रबल आसार हैं। किसी नए काम की शुरुआत करने के लिए समय अच्छा रहेगा। (यह भी पढ़ें- जब मकर राशि में साथ होंगे शनि और गुरु, 4 राशियों को धन लाभ के रहेंगे आसार, देखें क्या आप भी हैं इस लिस्ट में)

मीन: मीन राशि वालों को इस गोचर के दौरान अच्छे और शुभ परिणाम प्राप्त होने के आसार रहेंगे। आपको परिश्रम का लाभ मिलेगा। कार्यक्षेत्र में आपका प्रदर्शन शानदार रहेगा। आपको पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है। पेशेवर रूप से ये अवधि आपके लिए अनुकूल रहेगी। आप आय के विभिन्न स्रोतों को उत्पन्न करने में भी सक्षम होंगे। इस दौरान निवेश से आपको लाभ प्राप्त होने के आसार रहेंगे। आपके खर्चों में कमी आएगी। निवेश करने की योजना भी बन सकती है। (यह भी पढ़ें- सितंबर में कैसी रहेगी शनि की चाल, जानिए किन्हें शनि साढ़े साती या ढैय्या से मिलेगी राहत)

  • शनि के साथ गुरु की युति से सभी राशियां होगी प्रभावित

    कुंभ राशि में चल रहे गुरु 14 सितंबर यानी आज शनि की स्वामित्व वाली मकर राशि में व्रकी गति से प्रवेश कर चुके हैं। मकर राशि में गुरु अपनी नीच राशि में होंगे और इस राशि में वह 20 नवंबर तक रहेंगे इसके बाद फिर से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। मकर राशि में गुरु का वापस लौटकर आना और शनि के साथ मिलकर चलना सभी राशियों पर प्रभाव डालेगा। कुछ राशियों के लिए गुरु की वक्री चाल उत्साह में वृद्धि लाएगा और सभी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे। वहीं कुछ राशियों को जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। गुरु का गोचर शनि के साथ युति होने से इसे अनोखा माना जा रहा है। आइए जानते हैं मकर राशि में गुरु की वक्री चाल से सभी राशियों पर कैसा प्रभाव रहेगा…

  • मेष राशि

    गुरु आपकी राशि में वक्री चाल से 10वें भाव में गोचर कर चुके हैं। इस दौरान व्यापारिक क्षेत्र में आपको सफलता मिलेगी और आपकी योजनाएं भी एक-एक करके पूरी होंगी। नौकरी पेशा लोगों की वेतन वृद्धि की संभावना बन रही है। भविष्य को बेहतर बनाने के लिए नई योजनाओं पर काम करेंगे। परिवार के सदस्यों के साथ जुड़ा हुआ महसूस करेंगे और उनकी जरूरतों का पूरा ध्यान रखेंगे।

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  • वृषभ राशि

    गुरु आपकी राशि से नौवें स्थान पर गोचर कर चुके हैं। इस दौरान भाग्य का आपको पूरा साथ मिलेगा। काफी समय से नौकरी में जिस अवसर की तलाश कर रहे थे, वह पूरी होगी। विदेश में नौकरी करने की चाह रखने वालों की इच्छा पूरी होगी लेकिन थोड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है। सामाजिक कार्य करने से आपकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी और गुरु का आशीर्वाद प्राप्त होगा। आय के कुछ नए स्रोत भी मिल सकते हैं, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

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  • मिथुन राशि

    गुरु आपकी राशि से आठवें स्थान पर गोचर कर चुके हैं। इस दौरान व्यवसाय में अच्छा सौदा प्राप्त करेंगे लेकिन थोड़ी बहुत कठिनाई भी आ सकती है। आप कठिन परिस्थितियों के बारे में ग्राहकों को जरूर जागरूक करेंगे। गोचर काल में आर्थिक रूप से सतर्क रहना होगा, इस दौरान न ही किसी से उधार लें और न ही दें। जीवनसाथी के साथ रिश्तों में सावधानी बरतें, किसी भी गलतफहमी से बहसबाजी की स्थिति बन सकती हैं।

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  • कर्क राशि

    गुरु आपकी राशि से सातवें स्थान पर गोचर कर चुके हैं। इस दौरान ऑफिस में अधिकारियों के साथ आपके संबंध मधुर होंगे और वेतन वृद्धि की भी संभावना बन रही है। व्यवसाय विस्तार के लिए आप जो योजना बना रहे हैं, उसमें कुछ परेशानी आ सकती है लेकिन आपकी योजना सफल होगी। साझेदारी में व्यापार करने वालों को सावधान रहना होगा, किसी भी तरह के विवाद से बचें। जोखिम भरे निवेश से बचकर रहें। परिवार के सदस्यों का पूरा साथ मिलेगा।

  • सिंह राशि

    गुरु आपकी राशि से छठवें स्थान पर गोचर कर चुके हैं। इस दौरान आपके मिश्रित परिणाम प्राप्त होंगे। कुछ कार्यों में आपको सफलता मिलेगी तो कुछ कार्यों में अड़चन आ सकती है। कार्यक्षेत्र में चली आ रही परेशानियों को दूर करेंगे और जीवन में स्थिरता लाने का प्रयास करेंगे। रिश्तेदारों के साथ किसी बात पर वाद-विवाद की स्थिति बन सकती है इसलिए अपने शब्दों का सही से प्रयोग करें। गोचर काल में आर्थिक रूप से स्थिति सही रहेगी और धार्मिक कार्यों में दान भी करेंगे।

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  • कन्या राशि

    गुरु आपकी राशि से पांचवे स्थान पर गोचर कर चुके हैं। इस दौरान कार्यक्षेत्र में कड़ी मेहनत और ईमानदारी से आप सफल होंगे और आपके कार्य की सरहाना भी मिलेगी। साथ ही व्यवसाय के विस्तार के लिए किसी यात्रा पर भी जा सकते हैं। छात्रों के लिए गोचर काल काफी फायदेदमंद साबित होगा, उनकी शिक्षा के क्षेत्र में आ रही अड़चन दूर होगी। निवेश करने के लिए यग समय अच्छा रहेगा, लाभ मिलने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं। जीवनसाथी के साथ रिश्ता मजबूत होगा।

  • तुला राशि

    वक्री गुरु आपकी राशि से चौथे स्थान पर गोचर कर चुके हैं। इस दौरान करियर को लेकर गंभीर रहेंगे और आय बढ़ाने पर जोर रहेगा। कारोबारियों को कड़ी मेहनत करनी होगी और उनको अच्छा अवसर प्राप्त होगा। शनि के साथ गुरु की युति स्वास्थ्य संबंधी विषयों में चिंतित कर सकते हैं। अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। संतान के विवाह के लिए अच्छे रिश्ते आ सकते हैं, जिससे आपकी कुछ समस्याएं हल होंगी।

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  • वृश्चिक राशि

    वक्री गुरु आपकी राशि से तीसरे स्थान पर गोचर कर चुके हैं। इस दौरान कार्यस्थल पर आपकी जिम्मेदारियां बढ़ सकती हैं, इसलिए अपने आपको तैयार रखें। करियर में बदलाव की योजना बना रहे हैं तो समय अच्छा है। साथ ही अगर आप विदेश जाना चाहते हैं तो आपको प्रयासों को गति मिलेगी। जो जातक अपने प्रिय को प्रपोज करना चाहते हैं तो उनके लिए गोचर काल काफी शुभ रहेहा। हालांकि आपको अपने खर्चों पर ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि आर्थिक बजट बिगड़ सकता है।

  • धनु राशि

    वक्री गुरु आपकी राशि से दूसरे स्थान पर गोचर कर चुके हैं। इस दौरान पारिवारिक जीवन के लिए धन संचित करने की योजना सफल होगी। धन की बचत के लिए समय अनुकूल है। हालांकि निजी जीवन में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे मानसिक तनाव महसूस कर सकते हैं। व्यावसायिक रूप से यह गोचर अच्छा रहेगा, आपके जीवन में वृद्धि की संभावना है। लक्ष्यों को प्राप्ति के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी लेकिन सफलता भी मिलेगी।

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मकर राशि वाले कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए?

मकर राशि- ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, मकर राशि पर भी भगवान शंकर की कृपा बनी रहती है। इस राशि पर भगवान शंकर के अलावा शनिदेव की भी कृपादृष्टि बनी रहती है। मान्यता है कि मकर राशि वालों के लिए भगवान शंकर की उपासना करना लाभकारी रहता है। इन्हें हर सोमवार को जलाभिषेक करना चाहिए

मकर राशि के कुल देवता कौन है?

मकर राशि के जातक दुर्गाजी को अपना इष्टदेव मान सकते हैं। दुर्गाजी की पूजा करना इस राशि के लिए विशेष लाभकारी रहेगा। मकर राशि के स्‍वामी शनि हैं।

मकर राशि का जीवनसाथी कौन है?

वृश्चिक राशि वालों के साथ मकर राशि वाले बेहतरीन जोड़ी बनाती है। वृश्चिक राशि के जातक बहुत ही समझदार और बुद्धिमान स्वभाव के माने जाते हैं। मकर राशि के जातकों के साथ इनकी अच्छी ट्यूनिंग रहती है। मकर राशि वालों के साथ स्वभाव मिलने के कारण इनका वैवाहिक जीवन भी सुखी रहता है।

मकर राशि की मित्र राशि कौन सी है?

मकर राशि वालों के वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला व कुंभ राशि वालोंसे अच्छे संबंध रहते हैं। मित्रता अच्छी रहती है। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशियां इनके प्रतिकूल हैं, इस राशि वाले व्यक्तियों से मकर राशि वालों को हमेशा सावधान रहना चाहिए। मीन राशि से इनकी अनुकूलता रहती है।

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