कन्या राशि के लोग कैसे रहते हैं? - kanya raashi ke log kaise rahate hain?

जन्मदिन गणना: 23 अगस्त - 22 सितंबर

विशेषताविश्लेषण, प्रैक्टिकल, चिंतनशील, अवलोकन, विचारशीलकमजोरीअकेले रहना, चिंतित स्वभाव,आत्मविश्वास की कमीशारीरिक लक्षणविकसित छाती, सीधी नाक, पतली और तीखी आवाजउपयुक्त नौकरी और व्यवसायमनोचिकित्सक, क्लर्क, डॉक्टर, पायलटमित्र राशियांमिथुन, वृषभ, तुला, मकर, कुंभ राशिभाग्यशाली साल49 से 62 वर्ष सौभाग्यशाली होते हैं, अचानक लाभ होता है। 23 और 24वां वर्ष बहुत उत्तमभाग्यशाली दिन और नंबरबुधवार, 5पसंदपालतू जानवर पालना, अच्छा भोजन, किताबें, प्रकृति के साथ रहने की आदतनापसंदमदद मांगना, ज्यादा बाते करना

यह राशि चक्र की छठी राशि है।दक्षिण दिशा की द्योतक है। इस राशि का चिह्न हाथ में फ़ूल की डाली लिये कन्या है। इसका विस्तार राशि चक्र के १५० अंशों से १८० अंश तक है। इस राशि का स्वामी बुध है, इस राशि के तीन द्रेष्काणों के स्वामी बुध,शनि और शुक्र हैं। इसके अन्तर्गत उत्तराफ़ाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण,चित्रा के पहले दो चरण और हस्त नक्षत्र के चारों चरण आते है। उत्तराफ़ाल्गुनी के दूसरे चरण के स्वामी सूर्य और शनि है, जो जातक को उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के प्रति अधिक महत्वाकांक्षा पैदा करते है, तीसरे चरण के स्वामी भी उपरोक्त होने के कारण दोनो ग्रहों के प्रभाव से घर और बाहर के बंटवारे को जातक के मन में उत्पन्न करती है, चौथा चरण भावना की तरफ़ ले जाता है और जातक दिमाग की अपेक्षा ह्रदय से काम लेना चालू कर देता है। इस राशि के लोग संकोची और शर्मीले प्रभाव के साथ झिझकने वाले देखे जाते है। मकान, जमीन.और सेवाओं वाले कार्य ही इनकी समझ में अधिक आते हैं, कर्जा, दुश्मनी और बीमारी के प्रति इनका लगाव और सेवायें देखने को मिलती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से फेफड़ों में ठन्ड लगना और पाचन प्रणाली के ठीक न रहने के कारण आंतों में घाव हो जाना, आदि बीमारियाँ इस प्रकार के जातकों में मिलती है।

देवी दुर्गा का एक नाम।

यह राशि चक्र की छठी राशि है।दक्षिण दिशा की द्योतक है। इस राशि का चिह्न हाथ में फ़ूल की डाली लिये कन्या है। इसका विस्तार राशि चक्र के १५० अंशों से १८० अंश तक है। इस राशि का स्वामी बुध है, इस राशि के तीन द्रेष्काणों के स्वामी बुध,शनि और शुक्र हैं। इसके अन्तर्गत उत्तराफ़ाल्गुनी नक्षत्र के दूसरे, तीसरे और चौथे चरण,चित्रा के पहले दो चरण और हस्त नक्षत्र के चारों चरण आते है। इन चरणों के स्वामीऔर विस्तार इस प्रकार से है।

उत्तराफ़ाल्गुनी के दूसरे चरण के स्वामी सूर्य और शनि है। जो जातक को उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के प्रति अधिक महत्वाकांक्षा पैदा करते है, तीसरे चरण के स्वामी भी उपरोक्त होने के कारण दोनो ग्रहों के प्रभाव से घर और बाहर के बंटवारे को जातक के मन में उत्पन्न करती है। चौथा चरणभावना की तरफ़ ले जाता है और जातक दिमाग की अपेक्षा ह्रदय से काम लेना चालू कर देता है।

सकोची और शर्मीले प्रभाव के साथ झिझकने वाले जातक कन्या राशि के ही देखे जाते है। मगर अपनी भावनाओं पर ज्यादा देर नियंत्रण नही रख पाते।

मकान, जमीन.और सेवाओं वाले कार्य ही इनकी समझ में अधिक आते हैं,कर्जा,दुश्मनी और बीमारी के प्रति इनका लगाव और सेवायें देखने को मिलती है।

फ़ेफ़डों में ठन्ड लगना और पाचन प्रणाली के ठीक न रहने के कारण आंतों में घाव हो जाना, आदि बीमारिया इस प्रकार के जातकों में मिलती है। सारावली,भदावरी ज्योतिष

अगर आप ज्योतिष में विश्वास रखते हैं और आपकी राशि कन्या है तो यहां अपनी राशि की विशेषताओं के बारे में जरूर जान लें। 

सभी राशियों का स्वभाव एक दूसरे से भिन्न होता है और सभी की कुछ न कुछ विशेषताएं जरूर होती हैं। जहां एक तरफ कुछ राशि के लोग उग्र स्वभाव के होते हैं, वहीं कुछ राशियों के लोग स्वभाव से बहुत ही सरल और सुलझे हुए होते हैं। दरअसल, किसी भी राशि के गुणों की बात करें तो वो दूसरे से भिन्न ही होते हैं। सभी 12 राशियां जहां स्वभाव में अलग होती हैं, वहीं उनकी लव लाइफ और वैवाहिक संबंध भी दूसरों से अलग होते हैं।

किसी भी राशि के बारे में पूरी जानकारी हमें ज्योतिष से मिलती है और ज्योतिष शास्त्र ही हमें आने वाले समय के बारे में सजग करता है। पिछले कुछ दिनों से हम 12 राशियों में से कुछ राशियों के स्वभाव और लव लाइफ के बारे में आपको अवगत करा रहे हैं। उसी क्रम में आज ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉक्टर आरती दहिया जी आपको कन्या राशि के स्वभाव और उनकी लव लाइफ से जुड़ी जानकारी दे रही हैं। 

कन्या राशि की शारीरिक संरचना 

कन्या राशि के लोग आमतौर पर मध्यम कद के, काले बालों और आंखों वाले होते हैं और अपनी वास्तिवक आयु से कम के प्रतीत हाते हैं। कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध होता है। इस राशि के लोग स्वभाव से बहुत महत्वाकांक्षी होते हैं। ये बहुत भावुक होते हैं और दूसरों की हर छोटी से छोटी बात का ध्यान रखते हैं। ये लोग दूसरों को खुश रखते हैं। ज्यादातर मामलों में ये दिमाग की जगह दिल से काम लेते हैं। 

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संकोची और शर्मीले

कन्या राशि के लोग स्वभाव से संकोची और शर्मीले होने के साथ अपनी बात को सबके सामने रखने में झिझकने वाले होते हैं। ये कला प्रेमी होते हैं और ये लोग  धार्मिक विचारों में आस्था रखते हैं। किसी भी बात और चीज़ के लिए ये लोग बहुत जल्दी अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हैं। कन्या राशि के लोग दोहरी प्रवृति के होते हैं और जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं ले पाते हैं। आमतौर पर इनमें धैर्य की कमी होती है। ये लोग प्रकृति के साथ रहना पसंद करते हैं। लेकिन ये बहुत जल्दी किसी भी चीज से बोर हो जाते हैं। कन्या राशि वाले खाने को लेकर भी बहुत चूजी होते हैं और अपनी पसंद का खाना पसंद करते हैं। 

रिश्तों के प्रति ईमानदार

कन्या राशि (कन्‍या लव हॉरोस्कोप) के लोग किसी भी रिश्ते के लिए बहुत ज्यादा ईमानदार होते हैं। ये लोग जो भी काम करते हैं बहुत ही सुकून के साथ करते हैं। किसी भी काम को कन्या राशि के लोग दिल से करते हैं। यही बात इन्हें हमेशा अच्छा कार्य करने की प्रेरणा देती है। ये स्वभाव से संतुलित होते हैं और किसी से बिना वजह उलझते नहीं हैं। ये लोग बहुत तेज दिमाग वाले एवं व्यावहारिक होते हैं।

मेहनती स्वभाव के होते हैं 

किसी भी काम को करने के लिए बहुत सोच विचार नहीं करते हैं। पर्याप्त धन होने पर भी उन्हें धन का अभाव लगता रहता है। इसलिए ये बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं और अपने करियर की ऊंचाइयों तक पहुंचने की क्षमता रखते हैं। ये लोग अकाउंटेंट, इंजीनियर, वकील, ज्योतिषी या शिक्षक भी बन सकते हैं।ये मेहनती होते हैं और संगीत के क्षेत्र में भी अच्छा कर लेते हैं। कन्या राशि के लोग दूसरों से जल्दी प्रभावित होते हैं। इन्हें आत्मनिर्भर रहना अच्छा लगता है। इनकी स्मरण शक्ति बहुत ज्यादा अच्छी होती है।  

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कन्या राशि की लव लाइफ 

प्यार करने वालों का रखते हैं ध्यान 

कन्या राशि के लोगों में विपरीत लिंगों के प्रति झुकाव जल्दी हो जाता है और ये जिसे प्यार करते हैं उसका बहुत ख्याल रखते हैं। ये लोग अपने प्यार करने वालों के लिए एक खुशनुमा जगह बनाने की कोशिश करते हैं। ये गृहस्थ जीवन में ईमानदार होते हैं और दिखावे से घृणा करते हैं। वे प्रेम में चिंतन और विश्लेषण से काम लेते हैं। इस राशि के जातक प्रेम संबंधों को विशेष महत्व देते हैं। ये अपने साथी के साथ प्रसन्न रहते हैं एवं उनके साथ मानसिक रूप से जुड़ जाते हैं। 

प्रेम संबंधों को गंभीरता से लेते हैं 

कन्या राशि के लोग प्रेम संबंधों को काफी गंभीरता से लेते हैं। प्यार के मामले में निष्ठावान, कर्तव्यपरायण होते हैं। इनके लिए प्यार बहुत मायने रखता है। ये लोग किस भी काम के लिए अपने जीवन साथी पर निर्भर करना पसंद नहीं करते हैं। ये कभी भी अपने साथी को किसी भी तरह की तकलीफ नहीं दे सकते हैं। इन्हे समय बर्बाद करना पसंद नहीं होता है। कई बार साथी से ईर्ष्या और प्रतिस्पर्धा के कारण इनका प्रेम संबंध ख़राब भी हो सकता है। इसलिए आपको किसी भी तरह की ईर्ष्या भावना से बचकर रहना चाहिए। (मेष राशि के लोगों का स्वभाव ) 

पार्टनर चुनने में बुद्धिमानी दिखाते हैं    

कन्या राशि के लोग हमेशा अपने पार्टनर के लिए एक खुशनुमा वातावरण बना देते हैं। उन्हें प्रेम की वैधता ही संतुष्टि एवं प्रसन्नता प्रदान करती है। प्रेम के मामले में ये कई बार बहुत कन्फ्यूजन में  रहते हैं। कुछ समय के बाद ही वे अपने प्रेम के लिए सही निर्णय ले पाते हैं। कई बार वे आयु में अपने से बड़े विपरीत लिंगी लोगों के प्रति आकर्षित हो जाते हैं। उन्हें निरंतर सुरक्षा की आवश्यकता होती है। कन्या राशि वालों को दूसरों को प्रसन्न रखने में अत्यन्त प्रसन्नता होती है। ये लोग हर वो काम करते हैं जिससे इनके पार्टनर को खुशी मिलती है। अपने लिए पार्टनर चुनते समय ये भावनाओं या रोमांस की जगह बुद्धिमता को तरजीह देते हैं।

कुल मिलकर कन्या राशि के लोगों का स्वभाव मिला जुला होता है और उनकी लव लाइफ सामान्य से ज्यादा अच्छी होती है। अगर आपकी राशि भी कन्या है तो आप अपने स्वभाव के बारे में जान गए होंगे। 

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Image Credit: pixabay , freepik.com 

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कन्या राशि से कौन सी राशि प्यार करती है?

कन्या राशि के जातक अपने वृश्चिक राशि के साथी से इसलिए संतुष्ट रहते हैं क्योंकि वो उन्हें अपना प्यार और भावनाएं दर्शाते रहते हैं। कन्या राशि के जातक तार्किक होते हैं वहीं वृश्चिक राशि के लोगों को कल्पनाशील माना जाता है।

कन्या राशि को क्या पसंद है?

इनको स्वच्छता काफी पसंद है और रीतियों को काफी मानते हैं। इनको नियमों का पालन करना और सौदेबाजी करना बहुत पसंद है। कन्या राशि में जन्मे लोग अपने मित्रों और परिजनों का हमेशा साथ देते हैं और कभी भी इनको बीच में नहीं छोड़ते। नियमों से चलने के कारण ये काफी अच्छे कर्मचारी साबित होते हैं और भरोसेमंद लोग होते हैं।

कन्या राशि की कमजोरी क्या होती है?

स्वादिष्ट खाना इस राशि के जातकों की कमजोरी हो सकती है। इन्हें अक्सर कब्ज की शिकायत भी रहती है। हालांकि बेहतरी के लिए इन्हें बाहर के खाने से बचना चाहिए और तीखे भोजन से दूर रहना चाहिए। दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच इनकी अक्सर नोक-झोंक हो जाती है या ये उनसे उखड़ जाते हैं।

क्या कन्या राशि सुंदर होती है?

सभी राशियों में कन्या को सबसे सुंदर राशि माना जाता है. यह पृथ्वी तत्व की राशि है और इसका स्वामी बुध है. हालांकि खूबियों के साथ-साथ इनमें बहुत कमियां भी पाई जाती हैं.

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