गुलाब जामुन कौन से देश का है? - gulaab jaamun kaun se desh ka hai?

गुलाब जामुन उज्जैन की एक प्रसिद्ध मिठाई है। गुलाब जामुन बनाने के लिए दूध के ठोस पदार्थ (खोये) की आवश्यकता होती है। खोये को लंबे समय तक धीमी आंच पर दूध गर्म करके तैयार किया जाता है जब तक कि अधिकांश पानी की मात्रा वाष्पीकृत न हो जाए। ये दूध के ठोस पदार्थ, जिन्हें खोआ के रूप में जाना जाता है।
खोआ एक आटे में गूंधा जाता है, जिसमें थोड़ी मात्रा में आटा (मैदा) होता है, और फिर इसे छोटी गेंदों में आकार दिया जाता है और लगभग 148 डिग्री सेल्सियस के कम तापमान पर डीप फ्राई किया जाता है। फिर गेंदों को हरी इलायची और गुलाब जल, केवड़ा या केसर के साथ हल्के शक्कर की चाशनी में भिगोया जाता है।

भारत प्राचीनकाल से ही सांस्कृतिक विविधताओं वाला देश रहा है. भारत एक ऐसा देश है जहां खाने पीने वालों की कोई कमी नहीं है. इसीलिए तो हमारे देश ने चाइनीज़ से लेकर जैपनीज़, इटालियन हर देश के खाने का दिल खोलकर स्वागत किया है. भारत में ईरानी (पर्शियन) कुज़ीन भी काफ़ी मशहूर हैं. भारत में ‘तंदूर’ ईरान की ही सौगात मानी जाती है. आज देश के छोटे से लेकर बड़े होटलों में तंदूरी रोटी बड़े चाव से खाई जाती है. इसके अलावा भी कई ऐसे ईरानी व्यंजन हैं जो आज भारतीय प्लेट की शान बन चुके हैं.

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हम भारतीय मिठाइयों के भी बड़े शौक़ीन माने जाते हैं. भारत में कई तरह की लज़ीज़ मिठाइयां बनाई जाती हैं, इन्हीं में से एक गुलाब जामुन (Gulab Jamun) भी है. ये खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, इसका इतिहास भी उतना ही मीठा और चटपटा है. लेकिन जिस ‘गुलाब जामुन’ को अब तक आप भारतीय मिठाई समझ कर खा रहे थे वो भारतीय है ही नहीं. ये एक पर्शियन डिश है, जो पर्शिया (ईरान) में अलग तरीके से बनाई जाती है.

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भारत में ‘गुलाब जामुन’ को लेकर अक्सर लोगों के मन में हमेशा एक सवाल घूमता रहता है. वो ये कि आख़िर ‘गुलाब जामुन’ को गुलाब जामुन ही क्यों कहा जाता है? जबकि इसमें न तो ‘गुलाब के फूल’ का इस्तेमाल किया जाता है और न ही इसमें ‘जामुन का रस’ मिलाया जाता है.

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चलिए अब ‘गुलाब जामुन’ के पीछे का इतिहास भी जान लीजिये-

इतिहासकार माइकल क्रांजल के मुताबिक़, 13वीं सदी के आसपास पर्शिया (ईरान) में ‘गुलाब जामुन’ की शुरुआत हुई थी. ईरान में ‘गुलाब जामुन’ की तरह ही एक मिठाई तैयार की जाती है, जिसे ‘लुक्मत अल-क़ादी’ कहा जाता है. ‘गुलाब जामुन’ में गुलाब दो शब्दों से मिलकर बना है ‘गुल’ और ‘आब’. इसमें ‘गुल’ का मतलब ‘फूल’ से है और ‘आब’ का मतलब ‘पानी’ से है. जबकि ‘जामुन’ के आकार की तरह दिखने की वजह से इसे ‘गुलाब जामुन’ कहा जाता है.

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पर्शिया में कैसे तैयार होती है ये डिश  

पर्शिया (ईरान) में गुलाब जामुन (लुक्मत अल-क़ादी) को बमीह (Bamieh) भी कहते हैं. जबकि तुर्की में ‘गुलाब जामुन’ को तुलुंबा (Tulumba) कहा जाता है.

हमारी फेवरेट मिठाई गुलाब जामुन एक बार फिर फेमस हो गई है और इस बार वजह काफी खास है। दरअसल हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान ने इसे अपनी राष्ट्रीय मिठाई घोषित ...

गुलाब जामुन ऐसी मिठाई है, जिसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है। घर की पार्टी हो, फंक्शन हो या फिर कोई सोशल गैदरिंग, गुलाब जामुन हर जगह बड़े चाव से खाया जाता है। खोए का बना गुलाब-जामुन का स्वाद इतना बेहतरीन होता है कि मुंह में इसकी मिठास महसूस होते ही लगता है कि जैसे आत्मा तृप्त हो गई। इसीलिए तो गुलाब-जामुन देश की बेस्ट मिठाइयों में शुमार किया जाता है। अब गुलाब-जामुन का नाम एक बार फिर से लोगों की जुबान पर है और इस बार वजह बेहद खास है। दरअसल गुलाब जामुन हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान की नेशनल मिठाई बन गया है। मजेदार बात ये है कि पाकिस्तान ने गुलाब जामुन को कौमी मिठाई घोषित किया है।

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दरअसल पाकिस्तान की सरकार ने देश के नागरिकों से ट्विटर पर राष्ट्रीय मिठाई की खोज में यह पूछने का फैसला किया कि गुलाब जामुन, बर्फी और जलेबी में से वो किसे देश की राष्ट्रीय मिठाई के तौर पर चुनेंगे। इसी दौरान पड़े वोटों में गुलाब जामुन ने जलेबी और बर्फी को हरा दिया और पाकिस्तान की राष्ट्रीय मिठाई का दर्जा हासिल कर लिया। यह भारत, बांग्लादेश और नेपाल में काफी फेमस मिठाई है। अगर आपको लगता है कि इस मिठाई का नाम इंडियन हैं तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। गुलाब जामुन शब्द फारसी भाषा से आया है। मैदा, खोया और चीनी इसमें पड़ने वाले खास आइटम हैं। 

रेस में गुलाब जामुन से ये हारे

गुलाब जामुन के पक्ष में ट्विटर पर सबसे ज्यादा वोट मिले और यह मिठाई पाकिस्तान की राष्ट्रीय मिठाई के तौर पर विजेता बन गई। वहीं जलेबी दूसरे नंबर पर रही। लगभग 15,000 लोगों ने इस वोटिंग में हिस्सा लिया। इसमें गुलाब जामुन को 47%, जलेबी को 34% और बर्फी को 19% वोट मिले। सबसे ज्यादा वोट मिलने के बाद गुलाब जामुन को 'कौमी मिठाई' घोषित कर दिया गया।

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हालांकि इस मामले में भारत अपने पड़ोसी देश से एक कदम पीछे है, क्योंकि यहां किसी को राष्ट्रीय मिठाई का आधिकारिक दर्जा नहीं मिला है। इंटरनेट सर्च में कई जगह जलेबी को राष्ट्रीय मिठाई कहा जाता है, लेकिन औपचारिक तौर पर कभी इस तरह की घोषणा नहीं हुई है। भारत में भले ही राष्ट्रीय मिठाई पर इस तरह की वोटिंग ना हुई हो, लेकिन इतना जरूर है कि गुलाब जामुन की दीवानगी अपने देश में भी लोगों के सिर चढ़कर बोलती है। अगर भारत में इसके लिए वोटिंग कराई जाए तो निश्चित तौर पर इसके लिए करोड़ों की संख्या में वोट पड़ेंगे।

इस तरह पड़ा था गुलाब जामुन का नाम 

एक्सपर्ट्स का मानना है कि गुलाब जामुन दो शब्दों से मिलकर बना है 'गुल' और 'आब'। गुल मतलब गुलाब और आब मतलब पानी। जिस समय यह मिठाई भारत आई, उस समय में कुछ लोग चीनी की चाशनी को खुशबू देने के लिए उसमें गुलाब की पंखुड़ियां डाला करते थे। वहीं जामुन जैसा आकार होने की वजह से यह व्यंजन कहलाने लगा 'गुलाब जामुन'। यह डिश ताजमहल बनवाने वाले मुगल शासक शाहजहां की पसंदीदा मिठाई हुआ करती थी। 

बहरहाल गुलाब जामुन की इतनी बातें करने के बाद अगर आपको भी यह मिठाई खाने की इच्छा हो गई है तो फटाफट घर का रुख करिए और घर के सभी लोगों के साथ इसका लुत्फ उठाइए।

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पाकिस्तान की राष्ट्रीय मिठाई कौन सी है?

भारत, बांग्लादेश, नेपाल में लोकप्रिय गुलाब जामुन को पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय मिठाई घोषित कर दिया है। हालांकि लोगों की राय इससे थोड़ी अलग है और वे इस घोषणा से ज्यादा खुश नहीं हैं....

गुलाब जामुन का आविष्कार कब हुआ?

गुलाब जामुन एक ईरानी मिठाई है। ईरान में तेरहवीं सदी में इसका आविष्कार हुआ

गुलाब जामुन कौन सी भाषा है?

गुलाब जामुन एक फ़ारसी भाषा का शब्द है।

गुलाब जामुन का असली नाम क्या है?

गुलाब जामुन मूल रूप से ईरान की मिठाई है। आटे की गोलियों को तेल में तल कर शहद अथवा चीनी की चाशनी में डाल दिया जाता है। इसका फ़ारसी नाम है- लुक्मत अल कादी।

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