parul rohatagi |
नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Jul 25, 2020, 6:00 PM
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी डायट और शरीर का बहुत ध्यान रखना पड़ता है लेकिन डिलीवरी के बाद भी ये जिम्मेदारी कम नहीं होती है। नॉर्मल डिलीवरी के बाद शिशु की देखभाल के साथ साथ महिलाओं को अपना ख्याल भी रखना चाहिए।
अधिकतर मांएं डिलीवरी के बाद कम से कम छह हफ्तों तक काम करना शुरू नहीं करती हैं। इस समय में शरीर के घाव भी भर जाते हैं और पूरी तरह से रिकवरी हो जाती है।
रात को बार बार शिशु को दूध पिलाने की वजह से महिलाओं की रात को नींद पूरी नहीं हो पाती है जिससे उन्हें थकान महसूस होने लगती हैं। हालांकि, बच्चे के रूटीन में आने के साथ आपकी ये परेशानी भी दूर हो जाती है, लेकिन तब तक के लिए आप कुछ बातों का ध्यान रखकर डिलीवरी के बाद अपनी देखभाल कर सकती हैं।
- पर्याप्त आराम करें : थकान को दूर करने के लिए जितना हो सके आराम करें। दूध पीने के लिए बच्चा हर दो से तीन घंटे में नींद से जागता है। इसलिए जब भी आपका बच्चा सोए, तभी आप भी झपकी ले लें। इससे आपकी थकान भी दूर हो जाएगी।
- किसी की मदद लें : डिलीवरी के बाद शिशु को संभालने के लिए परिवार के किसी सदस्य की मदद ले सकते हैं। डिलीवरी के बाद शरीर को रिकवर करने की जरूरत होती है इसलिए किसी की मदद लेने से आपको ज्यादा आराम मिल पाएगा।
- संतुलित आहार लें : शरीर को जल्दी स्वस्थ करने के लिए संतुलित आहार लें। अपनी डायट में साबुत अनाज, सब्जियां, फल और प्रोटीन को शामिल करें। इस दौरान खूब पानी पिएं। वहीं स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को भी खूब पानी पीने की जरूरत होती है।
- व्यायाम करें : स्वस्थ और फिट रहने के लिए आप डॉक्टर की सलाह पर एक्सरसाइज कर सकती हैं लेकिन ज्यादा कठिन व्यायाम न करें। थोड़ा-सा टहल लें या घर से बाहर निकलें। बाहर खुली हवा में जाने से आपकी एनर्जी बढ़ेगी और मन भी शांत रहेगा।
डॉक्टर को कब दिखाएं
आमतौर पर डिलीवरी के छह सप्ताह के बाद डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाया जाता है। डॉक्टर योनि, गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय के साथ साथ वजन और ब्लड प्रेशर चेक करते हैं। अगर सब कुछ ठीक हो तो इसके बाद महिलाएं सेक्स कर सकती हैं और अपने नॉर्मल रूटीन में वापस आ सकती हैं।
वहीं, अगर डिलीवरी के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर वजाइनल ब्लीडिंग, तेज सिरदर्द, टांग में दर्द के साथ लालिमा या सूजन, ब्रेस्ट में दर्द, सूजन और लालिमा दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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नॉर्मल डिलीवरी के बाद कितने दिन आराम करना है जरूरी
parul rohatagi |
नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Aug 28, 2020, 12:54 PM
कई महिलाओं के मन में यह सवाल रहता है कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ होने में कितना समय लगता है।
कब तक करना चाहिए
आराम
नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिलाओं को कम से कम चार सप्ताह आराम करने की जरूरत होती है। ऐसा नहीं है कि इस एक महीने में आपको बिस्तर पर ही लेटे रहना है बल्कि धीरे-धीरे छोटे मोटे काम करना शुरू कर सकती हैं। डिलीवरी के बाद पहले सप्ताह में बिस्तर पर ही आराम
करें, दूसरे सप्ताह में शिशु के काम करना शुरू करें। अगर तीन सप्ताह के बाद आप ठीक महसूस कर रही हैं ताे घर से बाहर निकल सकती हैं।
40 दिन का समय
ऐसा माना जाता है कि नौ महीने की प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद शरीर को कम से कम 40 दिनों का आराम जरूर देना चाहिए। इतने समय में शरीर पूरी तरह से रिकवर हो चुका होता है। इन 40 दिनों में मां को अपने आहार का पूरा ध्यान रखना है ताकि शरीर में आई कमजोरी दूर हो सके और बच्चे के लिए पर्याप्त मात्रा में स्तनों में दूध भी बन सके।
रिकवरी का अधिकतम समय
ऐसा नहीं है कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद सभी महिलाएं चार सप्ताह या 40 दिनों के अंदर रिकवर कर लेती हैं। हर किसी को ठीक होने में अलग समय लगता है। ऐसा माना जाता है कि डिलीवरी के बाद छह से आठ सप्ताह के
अंदर महिलाएं खुद को पूरी तरह से स्वस्थ महसूस करती हैं। सिजेरियन डिलीवरी के मुकाबले नॉर्मल डिलीवरी के बाद रिकवर होने में कम समय लगता है।
डिलीवरी के बाद होने वाली समस्याए
डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को कई तरह की दिक्कतें आती हैं, जैसे कि :
योनि में दर्द : प्रसव के दौरान योनि और गुदा के बीच का हिस्सा यानि पेरिनियम में खिंचाव आ सकता है। शिशु को बाहर निकालने के लिए योनि में छोटा-सा कट लगाया गया हो तो डिलीवरी के बाद तेज दर्द हो सकता है।
कब्ज : डिलीवरी के बाद कब्ज हो सकती है। प्रसव के दौरान दर्द निवारक दवा के कारण अक्सर ऐसा होता है।
पेशाब करने में दिक्कत :नॉर्मल डिलीवरी में मूत्राशय स्ट्रेच हो जाता है और कुछ समय के लिए नसों और मांसपेशियों को नुकसान पहुंच सकता है। इस वजह से पेशाब करने में दिक्कत या दर्द हो सकती है।
ब्रेस्ट में सूजन और दर्द :डिलीवरी के बाद पहले तीन से चार दिनों में ब्रेस्ट में कोलोस्ट्रम बनता है। यह शिशु की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी होता है। ब्रेस्ट में दूध भरने के कारण उनमें सूजन आ सकती है।
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