महाभारत की कहानी काफी रोचक है, इसकी जितनी परतें खोलते जाओ उतना ही ज्यादा ये और रहस्यमय दिखने लगती है।
2/22
2
महाभारत का भीषण युद्ध
कौरव और पांडवों के बीच रंजिश के परिणामस्वरूप महाभारत का भीषण युद्ध हुआ, जिसमें कौरव सेना को परास्त कर पांडवों ने अपनी विजय गाथा का परचम लहराया।
3/22
3
दिलचस्प और रोचक घटनाएं
महाभारत की कहानी में कई दिलचस्प और रोचक घटनाएं मौजूद हैं। जैसे द्रौपदी का पांच भाइयों के साथ विवाह, इस विवाह की शर्त और नियम, इसके अलावा अर्जुन और कृष्ण का संबंध, आजीवन विवाह ना करने की प्रतिज्ञा लेने के बाद देवव्रत को भीष्म की उपाधि मिलना, पांचाली का चीरहरण आदि।
4/22
4
रहस्य से परिपूर्ण
इन सभी के अलावा महाभारत में कुछ ऐसी घटनाएं घटित हुईं जो दिलचस्प से ज्यादा रहस्य से परिपूर्ण हैं। जैसे शकुनि का प्रतिशोध, भीष्म को मिला इच्छा मृत्यु का वरदान, शांतनु का गंगा से विवाह, अंबा का श्राप और शिखंडी का जीवन आदि।
5/22
5
कहानी
जिन लोगों ने महाभारत की कहानी को सुना या पढ़ा है वे बहुत हद तक इन रहस्यों से रूबरू होंगे लेकिन आज जो कहानी हम आपको सुनाने जा रहे हैं उससे ज्यादा लोग अवगत नहीं होंगे।
6/22
6
भीष्म की मौत
महाभारत का युद्ध अपने अंतिम चरण पर था। अम्बा की वो प्रतिज्ञा पूरी हो गई थी जिसके अनुसार वह भीष्म की मौत का कारण बनना चाहती थी। शिखंडी के रूप में अपने पुनर्जन्म में उसने यह प्रतिज्ञा पूरी कर ली थी।
7/22
7
इच्छा मृत्यु
अर्जुन के बाणों ने भीष्म पितामाह के शरीर को छलनी कर दिया था, लेकिन भीष्मा पितामह को प्राप्त इच्छा मृत्यु के वरदान की वजह से स्वयं यमराज भी आकर उनके प्राण नहीं छीन सकते थे, वे अभी भी जीवित थे।
8/22
8
बाणों की शैया
वे बाणों की शैया पर लेटे हुए महाभारत के युद्ध के परिणाम का इंतजार कर रहे थे।
9/22
9
युद्ध के नियम
युद्ध के नियम के अनुसार सूर्यास्त के पश्चात युद्ध रोक दिया जाता था और ऐसे समय में सभी लोग भीष्म की शैया के पास एकत्र होते थे।
10/22
10
प्रवचन
भीष्म कुछ दिन और महाभारत का युद्ध देखना चाहते थे, इसलिए वे अभी भी जीवित थे। सूर्यास्त होते ही सभी परिजन और शुभ चिंतक भीष्म के पास आते और भीष्म उन्हें प्रवचन देते थे।
11/22
11
गंभीर माहौल
ऐसे ही एक शाम भीष्म प्रवचन दे रहे थे और सभी उन्हें बड़े ध्यान से सुन रहे थे। लेकिन सन्नाटे और गंभीर माहौल के बीच द्रौपदी अचानक से हंसने लगीं।
12/22
12
हंसने का कारण
द्रौपदी को हंसता देख भीष्म अत्यंत क्रोधित हो उठे, साथ ही पास खड़े अन्य लोग भी द्रौपदी को क्रोध और अचंभे से देख रहे थे कि अचानक द्रौपदी के जोर-जोर से हंसने का क्या कारण है।
13/22
13
पांचाल नरेश की पुत्री
भीष्म ने क्रोध में आकर द्रौपदी से कहा “तुम पांचाल नरेश की पुत्री और हस्तिनापुर की वधु हो, तुम सम्माननीय परिवार से संबंध रखती हो, इस तरह हंसना तुम्हें शोभा नहीं देता”।
14/22
14
कारण
भीष्म के क्रोध से भरे वचनों को सुनकर द्रौपदी ने कहा “आपने मेरे हंसने का कारण नहीं पूछा”? इस पर भीष्म ने उनसे कारण पूछा।
15/22
15
संवेदनशील
भीष्म के इस प्रश्न का जो उत्तर द्रौपदी ने दिया वह काफी संवेदनशील और हिलाकर रख देने वाला था।
16/22
16
वो समय
द्रौपदी ने भीष्म को वो समय याद दिलाया जब भरे दरबार में कौरवों द्वारा उसका चीरहरण किया गया। वे मदद के लिए चिल्लाती रही, उस दरबार में परिवार के सभी पुरुष सदस्य मौजूद थे, धृतराष्ट्र और भीष्म पितामह दोनों उस घटना के साक्षी थे लेकिन किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया।
17/22
17
व्यंग्यात्मक हंसी
द्रौपदी का वो क्रोध, व्यंग्यात्मक हंसी का रूप लेकर बाहर आ गया जब मृत्यु शैया पर लेटे हुए भी भीष्म प्रवचन दे रहे थे।
18/22
18
चीर हरण
उन्होंने भीष्म से कहा “जब मेरा चीर हरण हो रहा था, तब तो आपके मुख से एक शब्द भी नहीं निकला था, आज आप दर्द में रहते हुए भी प्रवचन दे रहे हैं”।
19/22
19
गलती का अहसास
भीष्म को अपनी गलती का अहसास हुआ, उन्होंने द्रौपदी से क्षमा मांगते हुए चुप्पी ना तोड़ने का कारण भी बताया।
20/22
20
धृतराष्ट्र और दुर्योधन
भीष्म ने कहा “उस समय मैं कौरवों का दिया हुआ अन्न खा रहा था और जिसका अन्न खाते हैं उसका विरोध करना सही नहीं होता। धृतराष्ट्र और दुर्योधन जैसे अधर्मी लोगों के अन्न ने मेरी जिह्वा को बांध लिया था, इसलिए मैं विरोध कर पाने में असमर्थ था।“
21/22
21
अपराधी,
भीष्म ने कहा कभी किसी अपराधी, पापी या अधर्मी का साथ नहीं देना चाहिए, ऐसे लोगों की संगत स्वयं आपके चरित्र का भी नाश करती है।
22/22
22
माफी
भीष्म के ये कहने पर द्रौपदी ने उनसे माफी मांगी और भीष्म ने उन्हें माफ भी कर दिया।
0 कमेंट
Write
चर्चित विषय
- Parenting Tips
- Child Care Tips
- Children Lie Habit
नवीनतम स्लाइड शो
सद्गुरु कहते हैं...!
जय श्री राम…! १०८ राम-नाम मनका का सस्वर पाठ भाग्य भी देगा साथ!!
ॐ कच्चिन्नोभयविभ्रष्टश्छिन्नाभ्रमिव नश्यति। अप्रतिष्ठो महाबाहो विमूढो ब्रह्मणः पथि।।6.38।।
परमात्मा को जानने के लिए अष्टावक्र गीता 5.3
सुबह 3 से 4 बजे के बीच नींद का खुलना कोई सामान्य बात नहीं है, इन 5 संकेतों से पहचानें आप स्पिरिचुअली गिफ़्टेड हैं
भीष्म की मृत्यु का क्या कारण था?
10वें दिन अर्जुन ने शिखंडी को ढाल बनाकर भीष्म पर तीरों की वर्षा कर दी. अर्जुन के तीरों से छलनी भीष्म पितामह बाणों की शय्या पर आ गए. लेकिन भीष्म पितामह की मृत्यु नहीं हुई, क्योंकि उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था.भीष्म की मृत्यु का कारण कौन बना और कैसे?
क्योंकि शिखंडी स्त्री से पुरुष बना था, इस वजह से भीष्म ने अपने शस्त्र रख दिए. तभी अर्जुन ने शिखंडी को ढाल बनाकर भीष्म पर तीरों की वर्षा कर दी और भीष्म को पराजित कर दिया. अर्जुन के वाणों से छलनी भीष्म पितामह बाणों की शय्या पर आ गए. इस प्रकार से शिखंडी भीष्म पितामह की मृत्यु की बड़ी वजह बना.मरते समय भीष्म ने कर्ण से क्या कहा?
भीष्म ने उसे टोका, 'यह तुम्हारा भी वंश हैं। इसके प्रति तुम्हारे भी कुछ कर्तव्य हैं। ' 'वे कर्तव्य कुंतीपुत्र कर्ण के थे जिनसे माता कुंती ने उसे त्यागने के साथ उसे मुक्त कर दिया था!' कर्ण बोला, 'राधा पुत्र उसके, माता कुंती और आपके दोष अपने माथे नहीं लेगा।महाभारत में भीष्म पितामह की मृत्यु का मुख्य कारण कौन बना?
महाभारत का एक पात्र थे शिखंडी जो स्त्री रूप में जन्में थे, लेकिन दैवीय चमत्कार के कारण द्रुपद ने उनका पालन पुरुष के रूप में किया। और यही शिखंडी महाभारत युद्ध में भीष्म पितामह की मृत्यु का कारण बने।