ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विनोद शुक्ला Updated Wed, 04 Jan 2023 05:17 PM IST
सार
पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण।
विस्तार
05 जनवरी 2023 का दैनिक पंचांग / Aaj Ka Panchang: हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।
मेष राशिफल 2023। वृषभ राशिफल 2023 । मिथुन राशिफल 2023 । कर्क राशिफल 2023
सिंह राशिफल 2023 । कन्या राशिफल 2023 । तुला राशिफल 2023 । वृश्चिक राशिफल 2023
धनु राशिफल 2023 । मकर राशिफल 2023 । कुंभ राशिफल 2023 । मीन राशिफल 2023
तिथि | चतुर्दशी | 26:15 तक |
नक्षत्र | म्रृगशीर्षा | 21:24 तक |
करण | गारा | 13:07 तक |
पक्ष | शुक्ल | |
वार | गुरुवार | |
योग | शुक्ला | 07:24 तक |
सूर्योदय | 07:18 | |
सूर्यास्त | 17:33 | |
चंद्रमा | वृषभ | 20:52 तक |
राहुकाल | 13:43 − 15:00 | |
विक्रमी संवत् | 2079 | |
शक सम्वत | 1944 | |
मास | पौष | |
शुभ मुहूर्त | अभिजीत | 12:05 − 12:46 |
पंचांग के पांच अंग तिथि
हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। एक माह में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में विभाजित होती हैं। शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। तिथि के नाम - प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी,
अमावस्या/पूर्णिमा।
नक्षत्र: आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
वार: वार का आशय दिन से है। एक सप्ताह में सात वार होते हैं। ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए हैं - सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।
योग: नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम - विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
करण: एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
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पंचांग भारतीय कैलेंडर पर आधारित ज्योतिषीय दैनिक कैलेंडर है। दैनिक पंचांग सबसे अधिक मांग वाली वैदिक ज्योतिष अवधारणाओं में से एक है, जो शुभ तिथियों, समय, त्योहारों, व्रतों आदि को निर्धारित करने के लिए दिन की ग्रह स्थिति की अवधारणा करता है। इस जानकारी का उपयोग करके कोई व्यक्ति यह चुन सकता है कि उसके बाद किसी विशेष कार्य को शुरू करना है या नहीं। विशेष कार्य पर शासन करने वाले ग्रहों की अनुकूलता या प्रतिकूलता का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना चाहिए। लोगों में यह धारणा है कि आज के पंचांग समय के अनुसार एक या दो काम करने से सौभाग्य आता है और कार्यों को आसानी से पूरा करने में मदद मिलती है।
एस्ट्रोटॉक में भारत के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषियों की एक टीम द्वारा एक पंचांग कैलेंडर तैयार किया जाता है। दैनिक पंचांग दिन के विभिन्न ज्योतिषीय तत्वों का विवरण देता है और उसी के आधार पर शुभ और अशुभ का स्तर तय किया जाता है। आज के सूर्योदय के समय से लेकर आज के सूर्यास्त के समय तक, पंचांग आपको सभी प्रकार की जानकारी प्रदान करता हैं।
मुख्य रूप से पंचांग का उपयोग पांच पहलुओं का विवरण प्राप्त करने के लिए किया जाता है। ये पांच पहलू हैं - सप्ताह का दिन (वार); तिथि या चंद्र दिवस; नक्षत्र या नक्षत्र; योग; और करण। समय और तारीख में बदलाव के साथ पंचांग बनाने वाले ये सभी पहलुओं में भी बदल आ जाते हैं। और इस प्रकार आपको खुद को सभी पहलुओं पर जागरूक करना चाहिए।