26 जुलाई 2022 को कौन सा पर्व है? - 26 julaee 2022 ko kaun sa parv hai?

आज का पंचांग, 26 July 2022: आज सावन की शिवरात्रि और मंगला गौरी व्रत है. इस शुभ मुहूर्त पर करें जलाभिषेक और माता पार्वती का पूजन

Aaj Ka Panchang, 26 July 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानि 26 जुलाई को मंगलवार का दिन है. आज के दिन सावन माह की शिवरात्रि है और आज के दिन भोलेनाथ का जलाभिषेक किया जाता है. इसके साथ ही आज के दिन मंगला गौरी व्रत भी है और यह व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं. आइए जानते हैं आज के शुभ व अशुभ मुहूर्त.

26 जुलाई 2022- आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 26 July 2022)

आज का वार : शुक्रवार

आज का पक्ष : कृष्ण पक्ष

हिन्दु लूनर दिनांक
शक सम्वत:
1944 शुभकृत्

विक्रम सम्वत:
2079 राक्षस

गुजराती सम्वत:
2078 प्रमादी

चन्द्रमास:
आषाढ़ – पूर्णिमान्त
आषाढ़ – अमान्त

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Sawan Shivratri 2022 । हिंदू धर्म में सावन के महीने को भगवान शिव को सबसे पसंदीदा माह माना जाता है। इस साल सावन का महीना 14 जुलाई 2022 से शुरू हो चुका है और देशभर में कांवड़िए भी पवित्र नदियों का जल लेने के लिए निकल पड़े हैं। सावन मास में सोमवार व्रत का विशेष महत्व है, लेकिन साथ ही शिवभक्त सावन मास में आने वाली शिवरात्रि का भी बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस साल सावन मास की शिवरात्रि 26 जुलाई को मनाई जाएगा। इस बार भगवान शंकर के साथ माता पार्वती की कृपा पाने का योग भी निर्मित हो रहा है।

मंगलवार को रखें मंगला गौरी व्रत

सावन मास में मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित माना गया है। सावन शिवरात्रि 26 जुलाई, मंगलवार को पड़ रही है, जिससे सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर के साथ माता गौरी का भी आशीर्वाद प्राप्त होने का संयोग बन रहा है।

सावन शिवरात्रि महत्व

सावन शिवरात्रि व्रत करने से श्रद्धालुओं को शांति, रक्षा, सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि सावन शिवरात्रि व्रत करने से सभी पाप को नष्ट हो जाते हैं। सावन शिवरात्रि का व्रत रखने से कुंवारे लोगों का मनचाहे साथी के साथ जल्द विवाह होता है। दांपत्य जीवन में प्रेम की प्रगाढ़ता बढ़ती है।

सावन शिवरात्रि पर्व 2022 का शुभ मुहूर्त

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- चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - जुलाई 26, 2022 को 06:46 PM बजे

- चतुर्दशी तिथि समाप्त - जुलाई 27, 2022 को 09:11 PM बजे

- निशिता काल पूजा का समय 27 जुलाई को सुबह 12:07 से 12:49 बजे तक

- सावन शिवरात्रि का व्रत 26 जुलाई को रखा जाएगा, जिसका पारण 27 जुलाई को होगा।

- व्रत पारण का शुभ समय 27 जुलाई को सुबह 05.39 मिनट से लेकर दोपहर 03.51 मिनट तक है।

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डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

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- SomnathTempleOfficial (@SomnathTempleOfficial) 20 July 2022

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मेरठ, जागरण संवाददाता। Shivratri Sawan 2022 मेरठ और आसपास के जिलों में कांवड़ यात्रा अपने चरम पर है, चारों और से बम भोले बम भोले की आवाज आ रही है। बम भोले नाम की शक्ति के साथ ही भोले के भक्त कई सौ किमी का रास्ता तय कर रहे है। जिससे शिवरात्रि (Sawan Shivratri) के दिन भगवान शंकर का जलाभिषेक कर सकें। जलाभिषेक के लिए मेरठ के औघड़नाथ मंदिर और बागपत के पुरा महादेव मंदिर में बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं।

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कुछ ऐसा है विधान

शिवरात्रि का पर्व श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, और इसमें भगवान शिव के निमित्त विशेष पूजा, अर्चना, जाप, अनुष्ठान, रुद्राभिषेक करने का विधान है। शिवरात्रि में वास्तविक महत्त्व रात्रि का ही है, इसलिए ज्योतिषीय तिथि गणना के अनुसार चतुर्दशी तिथि जिस दिन रात्रि तक व्याप्त हो उस दिन को ही शिवरात्रि का पर्व निश्चित किया जाता है।

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त्रियोदशी और चतुर्दशी की संधि

त्रियोदशी और चतुर्दशी तिथि की संधि हो उस समय शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का वास्तविक पुण्यकाल और भगवान् शिव के अभिषेक का विशेष समय शुरू होता है। इस बार 26 जुलाई मंगलवार की शाम को त्रियोदशी और चतुर्दशी की संधि हो रही है, और ऐसे में पूरी रात चतुर्दशी तिथि व्याप्त रहेगी। इसलिए 26 जुलाई को ही शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। 26 जुलाई शाम 6. 47 बजे त्रियोदशी और चतुर्दशी का मेल होगा और इसे ही शिवरात्रि का विशेष पुण्यकाल माना गया है।

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जलाभिषेक का शुभ समय

जलाभिषेक का शुभ समय ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत का कहना है कि 26 जुलाई मंगलवार को सुबह से ही भगवान् शिव का जलाभिषेक शुरू हो जाएगा, और दिन भर जलाअभिषेक किया जाएगा। शाम 6:47 बजे त्रियोदशी और चतुर्दशी की संधि होगी और यही भगवान् शिव के अभिषेक का विशेष पुण्यकाल होगा। इसलिए विशेष रूप से कांवड़ लाने वाले भक्त शाम 6:47 के बाद भगवान् शिव का जलाअभिषेक करेंगे।

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शिवरात्रि का व्रत

वहीं चतुर्दशी तिथि का समापन 27 जुलाई को देर रात 9.11 बजे होगा। शिवरात्रि पर निशिता काल का समय 27 जुलाई को देर रात 12.07 बजे से 12.49 बजे तक रहेगा। शिवरात्रि का व्रत 26 जुलाई को रखा जाएगा।

शिवरात्रि पर महत्वपूर्ण है चार पहर की पूजा

मेरठ में ज्योतिषाचार्य राहुल अग्रवाल का कहना है कि शिवरात्रि (Sawan Shivratri) की चार पहर की पूजा शाम से शुरू होकर ब्रह्ममुहूर्त तक की जाती है। इस दिन रात्रि जागरण कर पूजा का विधान है। मुख्य रूप से इस पूजन में धर्म अर्थ काम और मोक्ष चारों नियंत्रण की कामना की जाती है। 

26 जुलाई को कौन सा त्यौहार है 2022?

चंद्रमा दिन रात मिथुन राशि पर संचार करेगा। आज का व्रत त्योहार - सावन शिवरात्रि व्रत 2022। सूर्योदय का समय 26 जुलाई 2022 : सुबह 05 बजकर 39 मिनट पर।

26 जुलाई को कौन सा त्यौहार है?

सावन शिवरात्रि पर्व 2022 का शुभ मुहूर्त - सावन शिवरात्रि का व्रत 26 जुलाई को रखा जाएगा, जिसका पारण 27 जुलाई को होगा।

27 जुलाई 2022 को कौन सा त्यौहार है?

आज की तिथि (Aaj Ki Tithi) : 27 जुलाई 2022 को सावन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की तिथि है. आज के दिन का विशेष धार्मिक महत्व है. आज बुधवार है. आज का दिन विघ्नहर्ता यानी गणेश जी को समर्पित है.

25 जुलाई 2022 को कौन सा त्यौहार है?

चंद्रमा पूर्वाह्न 11 बजकर 33 मिनट तक वृष उपरांत मिथुन राशि पर संचार करेगा। आज का व्रत त्योहार - सावन सोम प्रदोष व्रत। सूर्योदय का समय 25 जुलाई 2022 : सुबह 5 बजकर 38 मिनट पर।

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